शासन व्यवस्था
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा
- 25 Aug 2023
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:स्कूली शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मेन्स के लिये:राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की विशेषताएँ, भारत में शिक्षा क्षेत्र से संबंधित प्रमुख मुद्दे, शैक्षिक सुधारों से संबंधित सरकारी पहल |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) जारी की गई, जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के नियमों के तहत शिक्षा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण सुधार हुए।
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (National Curriculum Framework- NCF) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के तहत कक्षा 3 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिये शैक्षिक परिदृश्य को नया आकार देते हुए भाषा सीखने, विषय संरचना, मूल्यांकन रणनीतियों और पर्यावरण शिक्षा में बदलाव पेश करती है।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा की मुख्य विशेषताएँ:
- भाषा सीखना:
- कक्षा 9 और 10 के विद्यार्थी तीन भाषाएँ सीखते हैं, जिनमें से कम-से-कम दो मूल भारतीय भाषाएँ होती हैं।
- कक्षा 11 और 12 में दो भाषाएँ पढ़ाई जाएंगी, जिनमें एक भारतीय मूल की होगी।
- कम-से-कम एक भारतीय भाषा में भाषायी क्षमता का "साहित्यिक स्तर" हासिल करने का लक्ष्य है।
- बोर्ड परीक्षा और मूल्यांकन:
- यह विद्यार्थियों/छात्रों को एक स्कूल वर्ष (School Year) में कम-से-कम दो बार पर बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति देता है।
- दी गई परीक्षाओं में से केवल सर्वोत्तम स्कोर को ही बरकरार रखा जाएगा।
- यह विद्यार्थियों/छात्रों को एक स्कूल वर्ष (School Year) में कम-से-कम दो बार पर बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति देता है।
- NEP 2020 के साथ संरेखण:
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा NEP 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार है। यह CBSE के तहत ग्रेड 3 से 12 तक नई पाठ्य-पुस्तकें तैयार करने हेतु आवश्यक रूपरेखा प्रदान करती है।
- कक्षा 3 से 12 के लिये पाठ्य-पुस्तकों को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना।
- दूरदर्शिता और वर्तमान संदर्भ में समन्वय सुनिश्चित करने पर ध्यान देना।
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा NEP 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार है। यह CBSE के तहत ग्रेड 3 से 12 तक नई पाठ्य-पुस्तकें तैयार करने हेतु आवश्यक रूपरेखा प्रदान करती है।
- अनिवार्य एवं वैकल्पिक विषयों में परिवर्तन:
- इससे पहले कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिये पाँच अनिवार्य विषय और एक अतिरिक्त विषय लेने का विकल्प रहता था।
- अब कक्षा 9 और 10 के लिये अनिवार्य विषयों की संख्या सात है तथा कक्षा 11 एवं 12 के लिये छह है।
- इससे पहले कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिये पाँच अनिवार्य विषय और एक अतिरिक्त विषय लेने का विकल्प रहता था।
- वैकल्पिक विषय:
- पहले समूह में कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा सम्मिलित है।
- दूसरे समूह में सामाजिक विज्ञान, मानविकी और अंतःविषय जैसे क्षेत्र सम्मिलित हैं।
- तीसरे समूह में विज्ञान, गणित और कंप्यूटेशनल सोच (Computational Thinking) सम्मिलित है।
- छात्रों के लिये विकल्प की सुविधा:
- अधिक लचीलापन और विकल्प प्रदान करने के लिये ‘माध्यमिक चरण’ को पुनः डिज़ाइन किया गया।
- शैक्षणिक और व्यावसायिक विषयों या विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला और शारीरिक शिक्षा जैसे विषयों में कोई बड़ा अंतर नहीं होगा।
- विद्यार्थी अपने स्कूल छोड़ने के प्रमाणपत्र के लिये विषयों का दिलचस्प संयोजन चुन सकते हैं।
- पर्यावरण शिक्षा:
- पर्यावरण जागरूकता और स्थिरता पर ज़ोर दिया जाएगा।
- पर्यावरण शिक्षा को स्कूली शिक्षा के सभी चरणों में एकीकृत किया गया है।
- माध्यमिक चरण में पर्यावरण शिक्षा के लिये अलग से अध्ययन क्षेत्र होगा।
- सामाजिक विज्ञान पाठ्यक्रम के लिये सामग्री वितरण (कक्षा 6-8):
- 20% विषयवस्तु स्थानीय स्तर की होगी।
- 30% विषयवस्तु क्षेत्रीय स्तर की होगी।
- 30% विषयवस्तु राष्ट्रीय स्तर की होगी।
- वैश्विक स्तर की 20% विषयवस्तु होगी।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा:
- परिचय:
- NCF नई शिक्षा नीति (New Education Policy- NEP) 2020 के प्रमुख घटकों में से एक है, जो NEP 2020 के उद्देश्यों, सिद्धांतों और दृष्टिकोण से सूचित इस परिवर्तन को सक्षम एवं सुनिश्चित करती है।
- NCF में पहले चार संशोधन वर्ष 1975, 1988, 2000 और 2005 में हो चुके हैं। यदि प्रस्तावित संशोधन लागू होता है, तो यह ढाँचे का पाँचवा संशोधन होगा।
- NCF के चार खंड:
- स्कूली शिक्षा के लिये NCF (NCF for School Education- NCF-SE)
- प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा के लिये NCF (मूलभूत चरण)
- शिक्षक शिक्षा के लिये NCF
- प्रौढ़ शिक्षा के लिये NCF
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य शिक्षाशास्त्र सहित पाठ्यक्रम में सकारात्मक बदलावों के माध्यम से NEP 2020 में परिकल्पित भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली को सकारात्मक रूप से बदलने में मदद करना है।
- इसका उद्देश्य भारत के संविधान द्वारा परिकल्पित समतामूलक, समावेशी और बहुलवादी समाज को साकार करने के अनुरूप सभी बच्चों को उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020:
- परिचय:
- यह भारत में शिक्षा में सुधार के लिये एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करती है जिसे वर्ष 2020 में मंज़ूरी दी गई थी, इसका उद्देश्य शिक्षा हेतु एक समग्र और बहु-विषयक दृष्टिकोण प्रदान कर भारत की शिक्षा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण बदलाव लाना है।
- NEP 2020 की विशेषताएँ:
- प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण।
- छात्रों के संज्ञानात्मक और सामाजिक-भावनात्मक विकास पर आधारित एक नई शैक्षणिक एवं पाठ्यचर्या संरचना का परिचय।
- प्राथमिक शिक्षा में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के विकास पर ज़ोर।
- शिक्षा में अनुसंधान एवं विकास पर फोकस।
शैक्षिक सुधारों से संबंधित अन्य सरकारी पहल:
- प्रौद्योगिकी संवर्द्धित शिक्षण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम।
- सर्व शिक्षा अभियान।
- प्रज्ञाता।
- मध्याह्न भोजन योजना।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।
- पीएम श्री स्कूल।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युत्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 धारणीय विकास लक्ष्य- 4 (2030) के साथ अनुरूपता में है। उसका ध्येय भारत में शिक्षा प्रणाली की पुन:संरचना और पुन:स्थापना है। इस कथन का समालोचनात्मक निरीक्षण कीजिये। (2020) |