उत्तर प्रदेश Switch to English
UP में 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' नियम लागू
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने राज्य के सभी नगरों में दोपहिया वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को घटाने के उद्देश्य से कठोर "नो हेलमेट, नो फ्यूल" नीति लागू करने का सुझाव प्रस्तुत किया है।
- मुख्यमंत्री ने माना कि राज्य में प्रतिवर्ष लगभग 25,000 से 26,000 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में जाती है।
मुख्य बिंदु
- नोएडा में 26 जनवरी, 2025 से 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' नीति लागू की जाएगी।
- इस कदम का उद्देश्य दोपहिया वाहन चालकों के बीच हेलमेट के उपयोग को बढ़ावा देना तथा क्षेत्र में सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है।
- राज्य भर के ईंधन स्टेशनों को "नो हेलमेट, नो फ्यूल" के संकेत लगाने का निर्देश दिया गया है।
- यह पहल इससे पहले वर्ष 2019 में गौतम बुद्ध नगर ज़िले में शुरू की गई थी, लेकिन इसे केवल छिटपुट रूप से ही लागू किया गया था।
- परिवहन आयुक्त ने एक आधिकारिक-पत्र जारी कर ईंधन स्टेशन संचालकों को निर्देश दिया है कि वे उन दोपहिया वाहन चालकों को ईंधन न बेचें, जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना है, जिसमें पीछे बैठने वाला व्यक्ति भी शामिल है।
- उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग भी नीति के बारे में व्यापक जागरूकता सुनिश्चित करने के लिये काम कर रहा है।
- ईंधन स्टेशन संचालकों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 के प्रासंगिक प्रावधानों के संबंध में शिक्षित किया जाना चाहिये।
- कुछ व्यक्तियों का मानना है कि इस पहल को हेलमेट के उपयोग को अनिवार्य बनाने और जीवन की रक्षा के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में समर्थन किया जाना चाहिये, जबकि अन्य का तर्क है कि सरकार को नए कानूनों को लागू करने के बजाय सड़क की गुणवत्ता और समग्र सुरक्षा उपायों में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988
- मोटर वाहन अधिनियम, 1939 के स्थान पर यह अधिनियम 1 जुलाई, 1989 को लागू हुआ।
- अधिनियम में ड्राइवरों/कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के पंजीकरण, परमिट के माध्यम से मोटर वाहनों के नियंत्रण, राज्य परिवहन उपक्रमों से संबंधित विशेष प्रावधान, यातायात विनियमन, बीमा, दायित्व, अपराध और दंड आदि के संबंध में विधायी प्रावधानों का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में GST पंजीकरण में छूट प्रदान
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड सरकार ने सौर उद्यमियों को मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना के तहत अनिवार्य वस्तु एवं सेवा कर (GST) पंजीकरण से छूट देकर उन्हें महत्त्वपूर्ण राहत देने की घोषणा की है।
- इस पहल का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना तथा राज्य भर में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करना है।
मुख्य बिंदु
- उद्योग महानिदेशक एवं सिडकुल (उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड) के प्रबंध निदेशक ने प्रवासी सम्मेलन के दौरान इस निर्णय की जानकारी दी।
- इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यह छूट सौर परियोजना निवेशकों की लंबे समय से चली आ रही मांग के उत्तर में दी गई है, जिन्हें GST पंजीकरण आवश्यकताओं के कारण देरी का सामना करना पड़ रहा था।
- मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना के तहत हज़ारों सौर संयंत्र पहले ही स्थापित किये जा चुके हैं और कई और पर काम चल रहा है।
- इससे पहले, सौर ऊर्जा को GST से छूट मिलने के बावजूद, उद्यमियों को सब्सिडी का दावा करने के लिये GST में पंजीकरण कराना पड़ता था।
- नई नीति इस चरण को समाप्त कर देती है, जिससे प्रक्रिया अधिक कुशल हो जाती है तथा सौर परियोजना डेवलपर्स के लिये नौकरशाही संबंधी बाधाएँ कम हो जाती हैं।
उत्तराखंड सरकार का नवीकरणीय ऊर्जा विज़न:
- यह निर्णय अक्षय ऊर्जा और सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखंड सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- निवेश प्रक्रिया को सरल बनाकर, सरकार का लक्ष्य सौर ऊर्जा क्षेत्र में अधिक उद्यमियों को आकर्षित करना है, जिससे आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों में योगदान मिलेगा।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना
- उत्तराखंड ने सौर ऊर्जा खेती द्वारा स्वरोज़गार के लिये 2020 में मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना शुरू की।
- इस योजना का उद्देश्य हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना तथा उत्तराखंड के युवाओं और वापस लौटे प्रवासियों को स्वरोज़गार के अवसर प्रदान करना है।
- इस योजना के प्रत्येक लाभार्थी को 25 किलोवाट के सौर संयंत्र आवंटित किये जाएँगे।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध
चर्चा में क्यों?
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के माध्यम से आर्थिक रूप से वंचित नागरिकों को आवास उपलब्ध कराने के लिये अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
- उन्होंने अधिकारियों को पात्र लाभार्थियों की पहचान करने के लिये व्यापक सर्वेक्षण करने और PMAY के तहत आवास आवंटन में तेज़ी लाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य बिंदु
- आवास पहल के अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने राज्य भर में 2,200 नए 'अमृत सरोवर' (जल निकाय) बनाने की योजना की घोषणा की, जो अमृत सरोवर योजना के तहत पहले से स्थापित 2,000 के अतिरिक्त होंगे।
- इस परियोजना का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ाना और कृषि गतिविधियों को समर्थन देना है।
- अक्षय ऊर्जा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, सरकार ने 100,000 सौर पैनल लगाने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस पहल से सतत् ऊर्जा प्रथाओं को बढ़ावा मिलने और राज्य के कार्बन पदचिह्न को कम करने की आशा है।
- हरियाणा 28 फरवरी, 2025 तक नए आपराधिक कानून लागू करने वाला पहला राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के बाद दूसरा राज्य बन जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि इन कानूनों को अपनाने के लिये आवश्यक प्रक्रियाएँ चल रही हैं, जिसका उद्देश्य राज्य की कानूनी प्रणाली की दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाना है।
- ये पहल हरियाणा सरकार की अपने नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार, सतत् विकास को बढ़ावा देने और कानूनी सुधार सुनिश्चित करने के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं।
अमृत सरोवर मिशन
- 24 अप्रैल, 2022 को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में भारत के "आज़ादी का अमृत महोत्सव" समारोह के हिस्से के रूप में मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया गया।
- मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट को दूर करने के लिये भारत भर के प्रत्येक ज़िले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण/पुनरुद्धार करना है।
- इन जल निकायों के लिये लक्ष्य निर्धारित करना स्थानीय स्तर पर जल स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग, पंचायती राज मंत्रालय, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, रेल मंत्रालय, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सहित आठ केंद्रीय मंत्रालय/विभाग मिशन के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।
- इस मिशन के लिये तकनीकी साझेदार के रूप में भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) को नियुक्त किया गया है।
- BISAG-N एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी है जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- अमृत सरोवर के निर्माण और पुनरुद्धार की पहचान करने तथा उसे क्रियान्वित करने में भू-स्थानिक डेटा और प्रौद्योगिकी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में 8वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में गीता को शामिल किया जाएगा
चर्चा में क्यों?
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने छात्रों में नैतिक मूल्यों की स्थापना के उद्देश्य से कक्षा 8 तक के स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद् गीता को शामिल करने की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु
- शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और राज्य की शिक्षा प्रणाली में जनता का विश्वास पुनः स्थापित करने के महत्त्व पर बल दिया।
- इसमें छात्र संख्या के आधार पर शिक्षक आवंटन को समायोजित करके शिक्षण स्टाफ की कमी को दूर करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि हालाँकि हरियाणा में पर्याप्त शिक्षक हैं, लेकिन उनके उचित वितरण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- यह सुनिश्चित करने के लिये एक व्यापक कार्य योजना विकसित की जा रही है कि अगले शैक्षणिक सत्र तक सभी शिक्षण पद भरे जाएँ।
- इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि बच्चों के समग्र विकास के लिये खेल और स्वच्छता को अनिवार्य बनाया जाना चाहिये।
- यह पहल हरियाणा सरकार की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और राज्य में छात्रों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
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