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स्टेट पी.सी.एस.

  • 11 Mar 2025
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हरियाणा Switch to English

55वीं CRPF प्रशिक्षु अधिकारियों की परेड

चर्चा में क्यों?

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम के कादरपुर स्थित प्रशिक्षण अकादमी में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के 55वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों की पासिंग आउट परेड में कार्यभार संभाला।

मुख्य बिंदु

  • लोगों की सेवा करने का आह्वान:
    • मुख्यमंत्री ने CRPF के नवनियुक्त अधिकारियों से जनता की सेवा करने तथा जनकल्याण को प्राथमिकता देने वाले निर्णय लेने का आग्रह किया।
    • अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनकी कमीशनिंग को जीवन का एक नया अध्याय बताया तथा उनके सफल, रोमांचक और चुनौतीपूर्ण करियर की कामना की।
  • कर्त्तव्य और ज़िम्मेदारी पर जोर:
    • उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि राष्ट्रीय ध्वज लोगों की सेवा करने और प्रभावशाली निर्णय लेने के उनके कर्त्तव्य का प्रतीक है।
    • उन्होंने उनसे न केवल अपराधियों को पकड़ने बल्कि समाज में सद्भाव बनाए रखने की दिशा में भी काम करने का आग्रह किया।
  • अधिकारियों का स्नातक स्तर पर चयन:
    • 6 मार्च 2025 को दो महिलाओं सहित कुल 39 प्रशिक्षु अधिकारी अकादमी से स्नातक होंगे।
    • इन अधिकारियों को अब सहायक कमांडेंट के रूप में नियुक्त किया गया है तथा इन्हें युद्ध कौशल, युद्ध, फायरिंग और अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में 52 सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया है।
    • इन्हें देश के विभिन्न आंतरिक सुरक्षा केंद्रों पर तैनात किया जाएगा।





हरियाणा Switch to English

समग्र कल्याण के लिये आध्यात्मिक शिक्षा

चर्चा में क्यों?

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ब्रह्माकुमारीज संस्था की स्वर्ण जयंती के अवसर पर हरियाणा के हिसार में ब्रह्माकुमारीज संस्था के राज्य स्तरीय अभियान 'समग्र कल्याण के लिये आध्यात्मिक शिक्षा' का शुभारंभ किया।

मुख्य बिंदु

  • आध्यात्मिकता एक एकीकृत शक्ति के रूप में:
    • राष्ट्रपति ने कहा कि आध्यात्मिकता मानव निर्मित सीमाओं से परे है और मानवता को एकजुट करती है।
    • उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आध्यात्मिकता पर आधारित प्रणालियाँ, चाहे सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक या राजनीतिक हों, नैतिक और स्थायी बनी रहती हैं।
  • व्यक्तिगत कल्याण पर प्रभाव:
    • जो व्यक्ति आध्यात्मिक चेतना बनाए रखता है,  वह आंतरिक शांति के साथ-साथ बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का अनुभव करता है।
    • आध्यात्मिक शांति न केवल व्यक्ति को लाभ पहुँचाती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा फैलाकर दूसरों के जीवन को भी समृद्ध बनाती है।
    • उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आध्यात्मिक शांति से अलगाव नहीं होना चाहिये, बल्कि इसका उपयोग एक मज़बूत, स्वस्थ और समृद्ध समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिये किया जाना चाहिये।
  • ब्रह्मा कुमारीज़ का योगदान:
    • उन्होंने सामाजिक और राष्ट्रीय कल्याण के लिये आध्यात्मिक ऊर्जा का उपयोग करने के लिये ब्रह्माकुमारीज़ की सराहना की।
    • संगठन नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई,  महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसी प्रमुख पहलों में सक्रिय रूप से योगदान देता है।
    • उनके प्रयासों में विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी परिवार समग्र कल्याण को बढ़ावा देने तथा आध्यात्मिकता के माध्यम से देश के समग्र विकास में सहयोग देने का कार्य जारी रखेगा।


उत्तर प्रदेश Switch to English

इंटीग्रेटेड सोलर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट

चर्चा में क्यों? 

8 मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में अवाडा समूह की 5 गीगावाट (GW) एकीकृत सौर विनिर्माण इकाई का शिलान्यास किया, साथ ही 1.5 गीगावाट सौर मॉड्यूल विनिर्माण इकाई का लोकार्पण किया।

  • अवाडा ग्रुप एक प्रमुख भारतीय हरित ऊर्जा कंपनी है, जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है, जो सौर, पवन, पंप हाइड्रो और हरित ईंधन के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में कार्यरत है।

मुद्दे के बारे में:

  • मुख्यमंत्री के अनुसार यह पहल न केवल अक्षय ऊर्जा में हमारे राज्य के योगदान को मज़बूत करती है बल्कि रोज़गार को भी बढ़ावा देती है और 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के हमारे दृष्टिकोण का समर्थन करती है।
  • यह प्रयास वर्ष 2026-2027 तक उत्तर प्रदेश के सौर ऊर्जा उत्पादन को 22,000 मेगावाट तक पहुँचाने के लक्ष्य में योगदान देता है 
  • मुख्यमंत्री ने इसे 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम बताया।

नवीकरणीय ऊर्जा 

  • नवीकरणीय ऊर्जा प्राकृतिक, पुनःपूर्ति योग्य स्रोतों जैसे सौर, पवन, जल विद्युत, बायोमास, भू-तापीय और ज्वार से प्राप्त ऊर्जा है। 
    • ये स्रोत सतत् और पर्यावरण के अनुकूल हैं, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होती है।
  • प्रकार:
    • कच्छ की खाड़ी और सुंदरवन जैसे तटीय क्षेत्र ज्वारीय ऊर्जा की संभावनाएँ प्रदान करते हैं।
    • सौर ऊर्जा: सौर पैनलों या सौर तापीय प्रणालियों का उपयोग करके सूर्य के विकिरण से प्राप्त की जाती है। 
    • पवन ऊर्जा: पवन टर्बाइनों द्वारा पवन की गतिज ऊर्जा को विद्युत् में परिवर्तित करके उत्पन्न की जाती है। 
    • जलविद्युत: प्रवाहित जल (नदियों, बाँधों, झरनों) की ऊर्जा का उपयोग करके उत्पादित।
    • बायोमास ऊर्जा: हीटिंग, विद्युत् और जैव ईंधन के लिये पौधों के अवशेषों और पशु अपशिष्ट जैसे कार्बनिक पदार्थों से निर्मित।
    • भू-तापीय ऊर्जा: विद्युत उत्पादन और प्रत्यक्ष तापन के लिये पृथ्वी की आंतरिक ऊष्मा (गर्म पानी, भाप) से प्राप्त।
      • ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा: विद्युत उत्पन्न करने के लिये समुद्री जल की गति (गुरुत्वाकर्षण खिंचाव या सतही तरंगें) का उपयोग करती है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

महापुरुषों पर नई योजनाएँ

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 10 नई महत्त्वाकांक्षी योजनाएँ महापुरुषों के नाम से शुरू करने की घोषणा की, ताकि उनके योगदान को चिरस्थायी बनाया जा सके।

मुख्य बिंदु

  • इन योजनाओं के माध्यम से कृषि, उद्योग, शिक्षा और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में विकास होगा। इसके अलावा, यह पहल रोज़गार सृजन, महिला सशक्तीकरण और बौद्धिक विकास को भी बढ़ावा देगी।
  • महत्त्वपूर्ण योजनाएँ
    • माता शबरी के नाम पर कृषि मंडियों में कैंटीन और विश्रामालय: माता शबरी के नाम पर कृषि मंडियों में कैंटीन और विश्रामालय बनाए जाएंगे, जिससे किसानों और श्रमिकों को सस्ती दर पर भोजन और विश्राम की सुविधा उपलब्ध होगी। इसी प्रकार, सरकार ने अयोध्या में भी शबरी के नाम पर एक भोजनालय स्थापित किया है।
    • सरदार पटेल के नाम पर जनपदीय आर्थिक क्षेत्र: प्रत्येक परिवार से कम-से-कम एक व्यक्ति को रोज़गार से जोड़ने के उद्देश्य से जनपदीय आर्थिक क्षेत्र को रोज़गार जोन के रूप में विकसित किया जाएगा।
      •  प्रत्येक ज़िले की विशेषताओं और संभावनाओं के आधार पर 100 एकड़ भूमि में इसे PPP मॉडल के आधार पर विकसित किया जाएगा। यह पहल देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल को समर्पित होगी।
    • माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर श्रमजीवी महिला हॉस्टल: कामकाज़ी महिलाओं के लिये वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झाँसी और आगरा में वर्किंग वुमेन हॉस्टल स्थापित किये जाएंगे। 
      • सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रदूत अहिल्याबाई होल्कर के 300वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में यह हॉस्टल उनके नाम पर समर्पित किये जाएंगे।
    • महारानी लक्ष्मीबाई मेधावी छात्रा स्कूटी योजना: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान करने की योजना लागू की गई है।
    • संत कबीरदास के नाम पर सीएम मित्र पार्क योजना: मानवता और श्रम के महत्त्व को प्रचारित करने वाले संत कबीरदास के नाम पर प्रदेश में 10 टेक्सटाइल पार्क स्थापित किये जाएंगे। 
    • संत रविदास के नाम पर चर्मोद्योग पार्क: समाज में समानता और श्रम की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने वाले संत रविदास के नाम पर प्रदेश में दो लेदर पार्क विकसित किये जाएंगे। इनमें से एक लेदर पार्क आगरा में स्थापित होगा। 
      • यह योजना चर्म उद्योग को एक नई दिशा देने के साथ-साथ हज़ारों कारीगरों और श्रमिकों के लिये रोज़गार के अवसर प्रदान करेगी।
    • भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर लखनऊ में सीड पार्क: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर लखनऊ में सीड पार्क की स्थापना की जाएगी। 
      • इस पहल का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और कृषि से संबंधित संसाधन प्रदान करना है। 
    • नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष को चिह्नित करते हुए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय स्थापित करने के लिये बजटीय प्रावधान किया गया है।
    • भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर छात्रावास: समाज कल्याण छात्रावासों के पुनर्निर्माण और नव निर्माण की योजना डॉ. भीमराव आंबेडकर को समर्पित की गई है। 
    • बिरसा मुंडा को समर्पित दो जनजातीय संग्रहालय: बिरसा मुंडा के 150वें जन्मवर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाने के उद्देश्य से मिर्ज़ापुर और सोनभद्र में दो जनजातीय संग्रहालय स्थापित किये जाएंगे। इस परियोजना के लिये बजट में आवश्यक धनराशि का प्रावधान किया गया है।


राजस्थान Switch to English

IIFA अवॉर्ड्स 2025

चर्चा में क्यों?

8 से 9 मार्च, 2025 तक जयपुर में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी (IIFA) पुरस्कार 2025 का आयोजन किया गया।

मुख्य बिंदु

  • आयोजन के बारे में: 
    • इस भव्य कार्यक्रम में भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को सम्मानित करते हुए अपनी 25वीं वर्षगाँठ मनाई गई।
    • किरण राव की सोशल ड्रामा फिल्म लापता लेडीज़ को सर्वाधिक पुरस्कार मिले, जिसमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक सहित कई पुरस्कार शामिल हैं। 
    • कार्तिक आर्यन ने फिल्म भूल भुलैया 3 के लिये सर्वश्रेष्ठ मुख्य भूमिका (पुरुष) का पुरस्कार जीता, जबकि राघव जुयाल ने फिल्म किल के लिये सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका का पुरस्कार जीता।
  • आईफा पुरस्कार
    • अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार, जिसे आमतौर पर IIFA के नाम से जाना जाता है, हिंदी सिनेमा के लिये  एक वार्षिक पुरस्कार समारोह है। 
    • पुरस्कार के विजेताओं का निर्णय प्रशंसकों द्वारा किया जाता है, जो भारतीय हिंदी फ़िल्म उद्योग से अपने पसंदीदा अभिनेताओं के लिये ऑनलाइन वोट करते हैं।
      •  हालाँकि, IIFA किसी भी सबमिशन या उपलब्धि को अयोग्य घोषित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
    • पहला IIFA समारोह वर्ष 2000 में यूनाइटेड किंगडम के लंदन में आयोजित किया गया था। तब से, यह पुरस्कार दुनिया भर के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किये जाते रहे हैं, जो हिंदी सिनेमा की अंतर्राष्ट्रीय सफलता को दर्शाता है।

आईफा पुरस्कार 2025 के विजेताओं की सूची

वर्ग

विजेता

फिल्म

सर्वश्रेष्ठ पिक्चर

लापाता  लेडीज़

लापाता  लेडीज़

अग्रणी भूमिका में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (पुरुष)

कार्तिक आर्यन

भूल भुलैया 3

सर्वश्रेष्ठ मुख्य भूमिका प्रदर्शन (महिला)

नितांशी गोयल

लापाता  लेडीज़

नकारात्मक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

राघव जुयाल

किल

सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (महिला)

जानकी बोदीवाला

शैतान

सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (पुरुष)

रवि किशन

लापाता  लेडीज़

लोकप्रिय श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ कहानी (मूल)

बिप्लब गोस्वामी

लापाता  लेडीज़

सर्वश्रेष्ठ कहानी (रूपांतरित)

श्रीराम राघवन, अरिजीत विश्वास, पूजा लाधा सुरती, अनुकृति पांडे

क्रिसमस की बधाई

सर्वश्रेष्ठ निर्देशन पदार्पण

कुणाल खेमू

मडगांव एक्सप्रेस

सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक

राम संपत

लापाता  लेडीज़

सर्वश्रेष्ठ गीत

प्रशांत पांडे

सजनी (लापता लेडीज़)

सर्वश्रेष्ठ गायक (पुरुष)

जुबिन नौटियाल

दुआ (अनुच्छेद 370)

सर्वश्रेष्ठ गायिका (महिला)

श्रेया घोषाल

अमी जे तोमार 3.0 (भूल भुलैया 3)

सर्वश्रेष्ठ पटकथा

स्नेहा देसाई

लापाता  लेडीज़


मध्य प्रदेश Switch to English

माधव राष्ट्रीय उद्यान देश का 58वाँ टाइगर रिज़र्व

चर्चा में क्यों?

9 मार्च, 2025 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने मध्य प्रदेश के माधव राष्ट्रीय उद्यान को देश का 58वाँ बाघ अभयारण्य घोषित किया। यह नया राष्ट्रीय उद्यान मान्यता पाने वाला राज्य का 9वाँ राष्ट्रीय उद्यान भी है।

मुख्य बिंदु  

  • माधव राष्ट्रीय उद्यान 
    • शिवपुरी ज़िले में स्थित यह राष्ट्रीय उद्यान ऊपरी विंध्य पहाड़ियों का हिस्सा है और ऐतिहासिक रूप से मुगल सम्राटों व ग्वालियर के महाराजाओं का शिकार क्षेत्र रहा है।
    • इसे वर्ष 1959 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
    • इस उद्यान में झीलें, शुष्क पर्णपाती व काँटेदार वन सहित समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र है, जहाँ बाघ, तेंदुआ, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा और विभिन्न प्रकार के हिरण पाए जाते हैं।
    • यह भारत के 32 प्रमुख बाघ कॉरिडोर में शामिल है, इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत बाघ संरक्षण योजना के माध्यम से संचालित किया जाता है।
  • महत्त्व:
    • यह निर्णय "प्रोजेक्ट टाइगर" के तहत बाघ संरक्षण प्रयासों को और अधिक मज़बूती देगा और भारत को जैवविविधता संरक्षण के प्रयासों में एक अग्रणी भूमिका निभाने में सहायता करेगा।
    • इससे बाघों की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित करने और उनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित करने में सहायता मिलेगी।
  • विगत वर्ष दिसंबर में, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त होने के बाद मध्य प्रदेश के रतापानी वन्यजीव अभयारण्य को देश का 57वाँ बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था।

प्रोजेक्ट टाइगर:

  • परिचय:
    • प्रोजेक्ट टाइगर भारत में एक वन्यजीव संरक्षण पहल है जिसे वर्ष 1973 में शुरू किया गया था।
    • प्रोजेक्ट टाइगर का प्राथमिक उद्देश्य समर्पित टाइगर रिज़र्व बनाकर बाघों की आबादी के प्राकृतिक आवासों में अस्तित्त्व और रखरखाव सुनिश्चित करना है।
  • बाघों की संख्या में वृद्धि: 
    • वर्ष 1972 में पहली बाघ जनगणना में 1,827 बाघों की गिनती के लिये अविश्वसनीय पग-चिह्न पद्धति का उपयोग किया गया था।
    • 2022 तक, बाघों की आबादी 3,167-3,925 होने का अनुमान है, जो प्रतिवर्ष 6.1% की वृद्धि दर को दर्शाता है।
    • अब भारत विश्व के तीन-चौथाई बाघों का घर है।


मध्य प्रदेश Switch to English

तीन ताप विद्युत गृहों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला

चर्चा में क्यों?

मध्यप्रदेश के तीन ताप विद्युत गृहों को फ्लाई ऐश के कुशल व प्रभावी प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया

मुख्य बिंदु  

  • पुरस्कार के बारे में: 
    • यह पुरस्कार मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी (MPPGCL) के श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह दोंगलिया, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई को प्रदान किया गया।
    • यह सम्मान फ्लाई ऐश उपयोगिता-2025 विषय पर गोवा में आयोजित 14वें अंतर्राष्ट्रीय आवासीय सम्मेलन के दौरान दिया गया।
      • यह सम्मेलन मिशन एनर्जी फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है।
  • पुरस्कार श्रेणी
    • सतपुड़ा ताप विद्युत गृह और अमरकंटक ताप विद्युत गृह को यह पुरस्कार 500 मेगावाट स्थापित क्षमता से कम श्रेणी में प्रदान किया गया।

    • जबकि श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह को यह पुरस्कार 500 मेगावाट स्थापित क्षमता से अधिक श्रेणी में प्रदान किया गया। 

    • श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह ने 100 प्रतिशत से अधिक फ्लाई ऐश का सतत् व प्रभावी उपयोग किया है।.

फ्लाई ऐश

  • परिचय
    • फ्लाई ऐश (Fly Ash) प्राय: कोयला संचालित विद्युत संयंत्रों से उत्पन्न प्रदूषक है, जिसे दहन कक्ष से  निष्कासित गैसों द्वारा ले जाया जाता है।
    • इसे इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर या बैग फिल्टर द्वारा निष्कासित गैसों से एकत्र किया जाता है।
      • इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ESP) को एक फिल्टर उपकरण के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसका उपयोग प्रवाहित होने वाली गैस से धुएँ और धूल जैसे महीन कणों को हटाने के लिये किया जाता है।
      • इस उपकरण को प्रायः वायु प्रदूषण नियंत्रण संबंधी गतिविधियों के लिये प्रयोग किया जाता है। 
  • संयोजन
    • फ्लाई ऐश में पर्याप्त मात्रा में सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO2), एल्युमीनियम ऑक्साइड (Al2O3), फेरिक ऑक्साइड (Fe2O3) और कैल्शियम ऑक्साइड (CaO) शामिल होते हैं।
  • अनुप्रयोग: 
    • इसका उपयोग कंक्रीट और सीमेंट उत्पादों, रोड बेस, मेटल रिकवरी और मिनरल फिलर आदि में किया जाता है।
  • हानिकारक प्रभाव: 
    • फ्लाई ऐश के कण विषैले वायु प्रदूषक हैं। ये हृदय रोग, कैंसर, श्वसन रोग और स्ट्रोक को बढ़ावा दे सकते हैं।



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