सरदार वल्लभ भाई पटेल
हाल ही में प्रधानमंत्री ने भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 71वीं पुण्यतिथि पर 15 दिसंबर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रमुख बिंदु
- जन्म
- 31 अक्तूबर, 1875 को नडियाद, गुजरात में।
- भारत के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री।
- उन्होंने भारत के लोगों से एकजुट (एक भारत) होकर एक साथ एक अग्रणी भारत (श्रेष्ठ भारत) बनाने का अनुरोध किया।
- यह विचारधारा अभी भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल में परिलक्षित होती है जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करती है।
- उन्होंने भारतीय संविधान सभा की विभिन्न समितियों का नेतृत्त्व किया-
- मौलिक अधिकारों पर सलाहकार समिति।
- अल्पसंख्यकों और जनजातीय व बहिष्कृत क्षेत्रों पर समिति।
- प्रांतीय संविधान समिति।
- सुधार:
- उन्होंने शराब के सेवन, छुआछूत, जातिगत भेदभाव और महिला मुक्ति के लिये व्यापक पैमाने पर काम किया।
- उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के साथ खेड़ा सत्याग्रह (1918) और बारदोली सत्याग्रह (1928) में किसान हितों को एकीकृत किया।
- बारदोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी, जिसका अर्थ है 'एक प्रमुख या एक नेता'।
- सरदार पटेल को आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना करने हेतु ‘भारतीय सिविल सेवकों के संरक्षक संत' के रूप में भी जाना जाता है।
- रियासतों का एकीकरण:
- भारत के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री के रूप में, सरदार पटेल ने भारतीय संघ में लगभग 565 रियासतों के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उस समय त्रावणकोर, हैदराबाद, जूनागढ़, भोपाल और कश्मीर जैसी कुछ रियासतें भारत राज्य में शामिल होने के विरुद्ध थीं।
- सरदार पटेल ने रियासतों के साथ आम सहमति बनाने के लिये अथक प्रयास किया लेकिन जहाँ भी आवश्यक हो, साम, दाम, दंड और भेद के तरीकों को अपनाने में संकोच नहीं किया।
- इन्होने नवाब द्वारा शासित जूनागढ़ की रियासतों और निज़ाम द्वारा शासित हैदराबाद को जोड़ने के लिये बल का इस्तेमाल किया था, दोनों ही अपने-अपने राज्यों को भारत संघ में विलय नहीं करना चाहते थे।
- सरदार वल्लभभाई पटेल ने ब्रिटिश भारतीय क्षेत्र के साथ-साथ रियासतों का एकीकरण किया और भारत के बाल्कनीकरण को भी रोका।
- भारतीय रियासतों के भारतीय संघ में एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने और रियासतों को भारतीय संघ के साथ जुड़ने के लिये राजी करने हेतु इन्हें "भारत के लौह पुरुष" के रूप में जाना जाता है।
- मृत्यु:
- उनकी 15 दिसंबर 1950 को बंबई में मृत्यु हो गई।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में किया गया है। सरदार पटेल की 143वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्तूबर, 2018 को इसका उद्घाटन किया गया।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंँची (182 मीटर) मूर्ति है। यह चीन की स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध प्रतिमा (Spring Temple Buddha statue) से 23 मीटर ऊंँची तथा अमेरिका में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर ऊँची) की ऊंँचाई की लगभग दोगुनी है।
- जनवरी 2020 में इसे शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) के आठ अजूबों में शामिल किया गया था।