छत्तीसगढ़ में नया टाइगर रिज़र्व | छत्तीसगढ़ | 08 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक नया बाघ अभयारण्य घोषित करने का निर्णय लिया है।
यह राज्य का चौथा बाघ अभयारण्य होगा।
मुख्य बिंदु:
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
- परिचय:
- सतनामी सुधारक गुरु घासीदास के नाम पर इसका नाम रखा गया है। यह वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ को अलग करने का परिणाम है। यह छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले में स्थित है।
- उद्यान की स्थलाकृति लहरदार है और यह उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
- जैवविविधता:
- वनस्पति: वनस्पति में मुख्य रूप से सागौन, साल और बाँस के वृक्षों के साथ मिश्रित पर्णपाती वन शामिल हैं।
- जीव-जंतु: बाघ, तेंदुआ, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, सियार, सांभर, चार सींग वाला मृग आदि।
तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य
- परिचय:
- यह उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के सूरजपुर ज़िले में स्थित है। इसका नाम तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला के नाम पर रखा गया है।
- तमोर पहाड़ी और पिंगला नाला अभयारण्य क्षेत्र की पुरानी तथा प्रमुख विशेषताएँ मानी जाती हैं।
- जैवविविधता:
- वनस्पति: इस अभ्यारण्य में मिश्रित पर्णपाती वनों का प्रभुत्व है। साल और बाँस के वन हर जगह दिखाई देते हैं।
- जीव-जंतु: बाघ, हाथी, तेंदुए, भालू, सांभर हिरण, नीलगाय, चीतल, बाइसन और ऐसे विभिन्न जानवर यहाँ पाए जाते हैं।