बिहार में मेगा इंडस्ट्री प्लेयर्स | बिहार | 03 Sep 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार को वर्ष 2022 और 2024 के बीच 12,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जो वर्ष 2016 तथा 2022 के बीच प्राप्त 2,500 करोड़ रुपए की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
मुख्य बिंदु
- निवेशक: ब्रिटानिया, पेप्सिको, टाटा समूह और मेदांता जैसी प्रमुख कंपनियाँ राज्य में निवेश कर रही हैं।
- क्षेत्रीय केंद्र/फोकस: निवेश मुख्य रूप से कपड़ा, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण और सीमेंट उद्योगों में है।
- प्रमुख परियोजनाओं में अंबुजा सीमेंट्स की 1,600 करोड़ रुपए की इकाई, टाटा समूह का ताज होटल और मेदांता का अस्पताल शामिल हैं।
- निजी खिलाड़ियों के आने से स्वास्थ्य सेवा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे सरकारी अस्पतालों पर बोझ कम हुआ है।
- प्रचुर मात्रा में कच्चे माल द्वारा समर्थित खाद्य प्रसंस्करण में बिहार की ताकत को भविष्य के निवेश वृद्धि के लिये एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है।
- उद्योग के लिये सरकारी पहल: राज्य ने पिछले दो वर्षों में 5,000 एकड़ का भूमि बैंक बनाया है और 7,592 एकड़ भूमि पट्टे पर दी है।
- चुनौतियाँ: प्रगति के बावजूद, निवेशकों को भूमि की उपलब्धता, बुनियादी ढाँचे, व्यापार करने में आसानी और श्रमिक अशांति की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- सरकार ने एकल खिड़की प्रणाली को बढ़ाने और सरकारी प्रोत्साहन बढ़ाने के महत्त्व पर बल दिया।
पेयजल परियोजना का शिलान्यास | बिहार | 03 Sep 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार सरकार ने औरंगाबाद, डेहरी और सासाराम में पीने के लिये सोन नदी का जल उपलब्ध कराने हेतु 1,347 करोड़ रुपए की परियोजना की आधारशिला रखी।
मुख्य बिंदु
अन्य पहल: रोहतास ज़िले के डेहरी में एक राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, तकनीकी प्रयोगशालाओं, स्ट्रीट लाइटों और आँगनवाड़ी केंद्रों का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया।
बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (BRLP), जिसे जीविका (JEEViKA) के नाम से जाना जाता है, के अंतर्गत 1,864 स्वयं सहायता समूहों को 74.17 करोड़ रुपए का चेक वितरित किया गया।
जीविका (JEEViKA): विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित, यह एक ग्रामीण सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण कार्यक्रम है जो बिहार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आता है।
सोन
- सोन नदी एक बारहमासी नदी है जो मध्य भारत से होकर प्रवाहित होती है।
- सोन नदी यमुना नदी के बाद गंगा की दूसरी सबसे बड़ी दक्षिणी (दाहिनी तट) सहायक नदी है।