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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 Mar 2025
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छत्तीसगढ़ बजट

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने राज्य विधानसभा में 1,65,000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया और लालफीताशाही को कम करने तथा पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के उपायों पर प्रकाश डाला। 

मुख्य बिंदु

  • सुधार का प्रयास:
    • सरकार ने कारोबार में सुगमता को बढ़ावा देने के लिये पहले चरण में 20 विभागों में 216 सुधारों को लागू करने का लक्ष्य रखा है।
    • व्यापार सुधार कार्य योजना का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और नियमों को सरल बनाना है।
    • धोखाधड़ी को रोकने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने तथा कागज़ रहित और चेहरा रहित प्रक्रियाओं को सक्षम करने के लिये विभिन्न स्तरों पर डिजिटलीकरण पहल लागू की जा रही है।
    • सरलीकरण के लिये पासपोर्ट कार्यालय की प्रक्रियाओं के समान एक नई भूमि पंजीकरण प्रणाली शुरू की जाएगी।
    • परिसंपत्तियों के त्याग और विभाजन के लिये लगने वाले उच्च शुल्क के स्थान पर 500 रुपए का निश्चित शुल्क लगेगा, जिससे राजस्व विवादों को रोकने में मदद मिलेगी।
  • क्षेत्रीय पहल:
    • शिक्षा, ग्रामीण विकास, शहरी बुनियादी ढाँचे और सुरक्षा के लिये नई पहल की घोषणा की गई।
    • विशेष योजनाएँ बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में परिवहन और मोबाइल कनेक्टिविटी पर केंद्रित होंगी।
  • बजट अनुमान एवं वृद्धि अनुमान:
    • आगामी वित्त वर्ष के लिये सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 6,35,918 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो 2024-25 के 5,67,880 करोड़ रुपए के अनुमान से 12% अधिक है।
    • पूंजीगत व्यय 18% बढ़कर 22,300 करोड़ रुपए से 26,341 करोड़ रुपए हो गया।
  • बुनियादी ढाँचा और सड़क योजना 2030:
    • बजट में सड़क निर्माण के लिये 2,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जो राज्य के गठन के बाद से सबसे अधिक है।
    • सड़क योजना 2030 राज्य की राजधानी को ज़िलों से जोड़ेगी तथा ज़िलों और विकास खंडों के बीच संपर्क में सुधार करेगी।
  • मोबाइल कनेक्टिविटी और परिवहन:
    • मुख्यमंत्री मोबाइल टावर योजना से दूरदराज़ के क्षेत्रों में सेलफोन कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
    • मुख्यमंत्री परिवहन योजना ग्राम पंचायतों से लेकर ब्लॉकों और ज़िलों तक परिवहन सेवाओं को वित्तपोषित करेगी, जिससे कम घनत्व वाले क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की कमी दूर होगी।
  • प्रौद्योगिकी एवं औद्योगिक विकास:
    • बजट आवंटन में शामिल हैं:
      • न्यायालयों का कंप्यूटरीकरण
      • राज्य डाटा सेंटर का निर्माण
      • आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियाँ
    • उद्योग का बजट परिव्यय पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना बढ़ गया है।
  • पेंशन फंड एवं वित्तीय स्थिरता:
    • एक नया पेंशन फंड सरकारी कर्मचारियों के लिये सुरक्षित पेंशन सुनिश्चित करता है, जो भारत में अपनी तरह की पहली पहल है।
    • छत्तीसगढ़ विकास एवं स्थिरता कोष से राज्य की वित्तीय स्थिति मज़बूत होगी।
    • यह पेंशन निधि 2039 के बाद के राजकोषीय बोझ से संबंधित चिंताओं का समाधान करती है, जब राज्य के निर्माण के बाद भर्ती किये गए अधिकांश कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
  • सहकारिता एवं शिक्षा:
    • 500 नई सहकारी समितियाँ स्थापित की जाएंगी।
    • राज्य में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) की स्थापना की जाएगी
  • कल्याणकारी योजनाएँ एवं राजकोषीय प्रबंधन:
    • कृषक उन्नति योजना (किसानों के लिये) को 10,000 करोड़ रुपए का आवंटन प्राप्त हुआ।
    • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को 8,500 करोड़ रुपए मिले।
    • पात्र विवाहित महिलाओं के लिये नकद सहायता योजना, महतारी वंदन योजना को 5,500 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।
    • राजकोषीय घाटा GSDP के 2.90% से बढ़कर 2.97% हो गया है।
    • किसी नए कर की घोषणा नहीं की गई, लेकिन 1 अप्रैल, 2025 से पेट्रोल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) 1 रुपए प्रति लीटर कम कर दिया जाएगा।

महतारी वंदना योजना

  • इस योजना का उद्देश्य महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना,  उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना,  लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और परिवारों में उनकी निर्णायक भूमिका को मज़बूत करना है।
  • विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाओं सहित 21 वर्ष से अधिक आयु की सभी विवाहित महिलाएँ इस योजना से लाभ पाने के लिये पात्र हैं।
  • छत्तीसगढ़ में पात्र विवाहित महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से प्रति माह 1000 रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 

  • शुभारंभ: “सभी के लिये आवास” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये, पूर्ववर्ती ग्रामीण आवास योजना इंदिरा आवास योजना को 1 अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में पुनर्गठित किया गया।
  • संबंधित मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
  • उद्देश्य: मार्च 2022 के अंत तक सभी ग्रामीण परिवारों, जो बेघर हैं या कच्चे या जीर्ण-शीर्ण घरों में रह रहे हैं, को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर उपलब्ध कराना।
  • गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले ग्रामीण लोगों को आवास इकाइयों के निर्माण तथा मौजूदा अनुपयोगी कच्चे मकानों के उन्नयन में पूर्ण अनुदान के रूप में सहायता प्रदान करना।
  • लाभार्थी: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग, युद्ध में मारे गए रक्षा कर्मियों की विधवाएँ या उनके निकट संबंधी, पूर्व सैनिक और अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति और अल्पसंख्यक।


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