राजस्थान Switch to English
प्रधानमंत्री ने अजमेर शरीफ दरगाह में भेंट दी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, प्रधान मंत्री ने 'उर्स' के अवसर पर सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने के लिये अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू को 'चादर' भेंट की।
- उर्स उत्सव राजस्थान के अजमेर में आयोजित होने वाला एक वार्षिक उत्सव है जो सूफी संत मोईनुद्दीन चिश्ती की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
मुख्य बिंदु
- ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती:
- मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का जन्म 1141-42 ई. में ईरान के सिजिस्तान (आज के समय में सिस्तान) में हुआ था।
- मुइज़ुद्दीन मुहम्मद बिन साम गौर ने तराइन के दूसरे युद्ध (1192) में पृथ्वीराज चौहान को पराजित कर दिया था और दिल्ली में अपना शासन स्थापित कर लिया था, उसके पश्चात ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने अजमेर में रहना और उपदेश देना शुरू कर दिया था।
- आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण उनके शिक्षाप्रद प्रवचनों ने जल्द ही स्थानीय जनता के साथ-साथ दूर-दूर से राजाओं, कुलीनों, किसानों और गरीबों को भी अपनी ओर आकर्षित किया।
- अजमेर स्थित उनकी दरगाह पर मुहम्मद बिन तुगलक, शेरशाह सूरी, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ, दारा शिकोह और औरंगजेब जैसे शासकों द्वारा दौरा किया गया।
- चिश्ती सिलसिला (चिश्तिया):
- चिश्तिया सिलसिले (Order) की स्थापना भारत में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने की थी।
- इसमें ईश्वर के साथ एकता (वहदत अल-वुजूद) के सिद्धांत पर ज़ोर दिया गया तथा इस सिलसिले के सदस्य शांतिवादी भी थे।
- उन्होंने सभी भौतिक वस्तुओं को ईश्वर के चिंतन में बाधा मानकर अस्वीकार कर दिया।
- वे धर्मनिरपेक्ष राज्य से संबंध रखने से दूर रहे।
- ईश्वर के नामों का उच्चारण, ज़ोर से और मन ही मन (धिक्र-जहरी, धिक्र-खफी) करना, चिश्ती प्रथा की आधारशिला थी।
- चिश्ती शिक्षाओं को ख्वाजा मोइन-उद्दीन चिश्ती के शिष्यों जैसे ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी, फरीदुद्दीन गंज-ए-शकर, निज़ाम उद्दीन औलिया और नसीरुद्दीन चराग द्वारा आगे बढ़ाया और लोकप्रिय बनाया गया।
सूफीवाद
- सूफीवाद इस्लाम का एक रहस्यवादी रूप है, एक अभ्यास विद्यालय जो ईश्वर की आध्यात्मिक खोज पर केंद्रित है और भौतिकवाद से दूर रहता है।
- यह इस्लामी रहस्यवाद का एक रूप है जो तप पर ज़ोर देता है। इसमें ईश्वर के प्रति समर्पण पर बहुत ज़ोर दिया जाता है।
- सूफीवाद में, ईश्वर का ज्ञान प्राप्त करने के लिये आत्म अनुशासन को एक आवश्यक शर्त माना जाता है।
- रूढ़िवादी मुसलमानों के विपरीत, जो बाह्य आचरण पर ज़ोर देते हैं, सूफी आंतरिक पवित्रता पर ज़ोर देते हैं।
- सूफियों का मानना है कि मानवता की सेवा ईश्वर की सेवा के समान है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
गोमती नदी पुनरुद्धार के लिये टास्क फोर्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रादेशिक सेना ने गोमती नदी के पुनरुद्धार और संरक्षण के लिये समर्पित एक नया टास्क फोर्स स्थापित किया है, जिसे गंगा टास्क फोर्स (GTF) नाम दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- GTF: परिचय
- उद्देश्य और फोकस:
- GTF का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और सतत् विकास को बढ़ावा देना है।
- प्रमुख ज़िम्मेदारियों में प्रदूषण निगरानी, नदी तट और घाट पर गश्त, जन जागरूकता अभियान और नदी तट स्थिरीकरण शामिल हैं।
- संघटन:
- GTF में मुख्य रूप से पूर्व सैनिक शामिल हैं, जो राष्ट्रीय मिशनों के लिये अनुभवी कार्मिकों के उपयोग की प्रादेशिक सेना की परंपरा को दर्शाता है।
- उद्घाटन:
- औपचारिक स्थापना समारोह 1 जनवरी, 2025 को लखनऊ छावनी में हुआ।
- राष्ट्रीय मिशन संरेखण:
- GTF की स्थापना जल शक्ति मंत्रालय की पहल, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के तहत की गई थी।
- इसके निर्माण के आदेश रक्षा मंत्रालय द्वारा सितंबर 2024 में जारी किये गए थे।
- महत्त्व:
- यह पहल राष्ट्र निर्माण और पर्यावरणीय स्थिरता में भारतीय सेना की भूमिका को पुष्ट करती है।
- GTF का उद्देश्य गोमती नदी के पुनरोद्धार और व्यापक स्वच्छ गंगा मिशन में महत्त्वपूर्ण योगदान देना है।
गोमती नदी
- गोमती नदी मध्य उत्तर प्रदेश में गंगा नदी की एक सहायक नदी है।
- इसका उद्गम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के पूर्व में होता है।
- सई नदी, एक दाहिनी तटवर्ती सहायक नदी, जौनपुर के पास गोमती में मिलती है।
- गोमती नदी उत्तर प्रदेश के सैदपुर के पास गंगा में मिल जाती है।
बिहार Switch to English
बिहार के 42वें राज्यपाल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आरिफ मोहम्मद खान ने बिहार के 42वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली।
मुख्य बिंदु
- शपथ प्रशासन:
- पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने राजभवन में शपथ दिलाई।
- समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उनके उपमुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता उपस्थित थे।
- राज्यपाल:
- राज्यपाल की नियुक्ति, उसकी शक्तियाँ और राज्यपाल के पद से संबंधित सभी बातों पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 से अनुच्छेद 162 के तहत चर्चा की गई है।
- राज्यपाल की भूमिका भारत के राष्ट्रपति के समान ही है। वह राज्य के कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य करता है और भारत के संविधान के तहत शासन तंत्र केंद्र सरकार के समान ही है।
- कहा गया है कि राज्यपाल की दोहरी भूमिका होती है।
- वह राज्य का संवैधानिक प्रमुख है, जो अपने मंत्रिपरिषद की सलाह से आबंधित है।
- वह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।
हरियाणा Switch to English
गुरुग्राम में 10 मिनट में एम्बुलेंस सेवा
चर्चा में क्यों?
ब्लिंकिट गुरुग्राम में 10 मिनट की एम्बुलेंस सेवा शुरू कर रही है और अगले दो वर्षों के भीतर इसे अन्य भारतीय शहरों में विस्तारित करने की योजना बना रही है।
मुख्य बिंदु
- चिकित्सा उपकरण और कर्मचारी:
- प्रत्येक एम्बुलेंस आवश्यक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर, स्वचालित बाहरी डिफिब्रिलेटर (AED), स्ट्रेचर, मॉनिटर, सक्शन मशीन, आपातकालीन दवाएँ और इंजेक्शन शामिल हैं।
- यह सेवा नवजात शिशु (Neonatal) या वेंटिलेटर केयर प्रदान नहीं करती है।
- एम्बुलेंस टीम में एक पैरामेडिक, एक सहायक और एक प्रशिक्षित ड्राइवर शामिल होते हैं।
- प्रत्येक एम्बुलेंस आवश्यक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर, स्वचालित बाहरी डिफिब्रिलेटर (AED), स्ट्रेचर, मॉनिटर, सक्शन मशीन, आपातकालीन दवाएँ और इंजेक्शन शामिल हैं।
- सेवा का शुभारंभ और पहुँच:
- शुरुआत में गुरुग्राम में पाँच एम्बुलेंस संचालित होंगी।
- उपयोगकर्त्ता ब्लिंकिट ऐप (Blinkit app) के माध्यम से बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एम्बुलेंस बुक कर सकते हैं।
- सामर्थ्य और दूरदर्शिता:
- ब्लिंकिट का लक्ष्य 2,000 रुपए की किफायती फीस पर यह सेवा उपलब्ध कराना है।
- यह पहल लाभ अर्जित करने के बजाय एक गंभीर समस्या के समाधान पर केंद्रित है।
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