कर्रा रोग का फैलाव | राजस्थान | 29 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के पशुपालन मंत्री ने जैसलमेर ज़िले में कर्रा रोग के प्रसार को रोकने के लिये विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- कर्रा रोग (बॉटूलिज्म) का प्रसार राजस्थान के पश्चिमी ज़िलों – जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा और फलौदी में देखा गया है। ये ज़िले शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु वाले क्षेत्र हैं, जहाँ पशुपालन मुख्य रूप से आजीविका का आधार है।
- हाल ही में इस रोग के कारण जैसलमेर में 36 और फलौदी में 2 पशुओं की मृत्यु हो गई।
- इस बैठक का उद्देश्य रोग की रोकथाम, पशुपालकों को जागरूक करने और आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना था।
- कर्रा रोग
- यह रोग मुख्य रूप से हरे चारे तथा कैल्शियम और फास्फोरस की कमी के कारण होता है।
- इसके चलते पशु मृत पशुओं की हड्डियाँ खाने लगते हैं, जिससे बॉटूलिज्म रोग के कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और संक्रमण फैलता है।
- रोगग्रस्त पशु में मुख से लार टपकना, अगले पैरों में जकड़न होना और जीभ का लकवाग्रस्त होकर मुँह से बाहर लटक जाना इस रोग के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं।
- इससे बचाव के लिये पशुपालकों को पोषक तत्त्वों से भरपूर आहार देने की सलाह दी जाती है।
राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक, 2024 | राजस्थान | 29 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
21 मार्च, 2025 को राजस्थान विधानसभा ने "राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक, 2024" को ध्वनिमत से पारित कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- विधेयक के बारे में:
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इस विधेयक का उद्देश्य आपातकाल (25 जून, 1975 - 21 मार्च, 1977) के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिये संघर्ष करने वाले सेनानियों और उनके परिवारों को सम्मानित करना है।
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यह विधेयक उन लोगों के त्याग और बलिदान को मान्यता प्रदान करता है, जिन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिये संघर्ष किया था।
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मुख्य प्रावधान
- मासिक पेंशन: सभी पात्र लोकतंत्र सेनानियों को ₹20,000 मासिक पेंशन दी जाएगी।
- चिकित्सा सहायता: प्रत्येक लाभार्थी को ₹4,000 मासिक चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी।
- निःशुल्क परिवहन सुविधा: सरकारी परिवहन सेवाओं में लोकतंत्र सेनानियों को मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी।
- आश्रितों को लाभ: लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु के पश्चात उनके पति/पत्नी को जीवनकाल तक सम्मान राशि एवं चिकित्सा सहायता दी जाएगी।
- राष्ट्रीय उत्सवों पर विशेष आमंत्रण: लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिवारों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।
- महत्त्व
- यह विधेयक लोकतंत्र की रक्षा करने वालों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- इससे उन परिवारों को आर्थिक और सामाजिक बल मिलेगा, जो आपातकाल के दौरान सबसे अधिक प्रभावित हुए थे।
- यह पहल लोकतंत्र की रक्षा के लिये भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने का कार्य भी करेगी।
आपातकाल क्या है?
- परिचय:
- यह किसी देश के संविधान या कानून के अंतर्गत कानूनी उपायों और धाराओं को संदर्भित करता है जो सरकार को असाधारण स्थितियों, जैसे युद्ध, विद्रोह या अन्य संकटों, जो देश की स्थिरता, सुरक्षा या संप्रभुता तथा भारत के लोकतंत्र के लिये खतरा उत्पन्न करते हैं, पर त्वरित एवं प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाता है।
- संविधानिक प्रावधान:
- ये प्रावधान संविधान के भाग XVIII के अंतर्गत अनुच्छेद 352 से अनुच्छेद 360 में उल्लिखित हैं।
- भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधान जर्मनी के वीमर संविधान से प्रेरित हैं।
- आपातकाल के प्रकार:
- राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
- राज्य आपातकाल (अनुच्छेद 356)
- वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)