उत्तराखंड का पुराना लिपुलेख दर्रा | 03 Jul 2024
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले की व्यास घाटी में 18,300 फीट की ऊँचाई पर स्थित पुराना लिपुलेख दर्रा 15 सितंबर, 2024 से जनता के लिये सुलभ हो जाएगा।
इससे श्रद्धालु भारतीय भूभाग में तिब्बत स्थित पवित्र कैलाश शिखर के दर्शन कर सकेंगे।
मुख्य बिंदु:
- लिपुलेख दर्रे के माध्यम से कैलाश-मानसरोवर यात्रा को वर्ष 2019 में कोविड-19 प्रकोप के बाद निलंबित कर दिया गया था और मार्ग को चीन अधिकारियों द्वारा अभी तक नहीं खोला गया है।
- यह पवित्र ट्रेक भक्तों और साहसी लोगों को चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित कैलाश पर्वत तथा मानसरोवर झील तक ले जाता है।
- तीर्थयात्री धारचूला से लिपुलेख तक कार से जा सकेंगे। वहाँ से उन्हें कैलाश शिखर के दर्शन के लिये लगभग 800 मीटर पैदल चलना होगा
- तीर्थयात्री अब भारतीय भूभाग से ओम पर्वत के भी दर्शन कर सकेंगे।
कैलाश मानसरोवर
- कैलाश पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी चीन अधिकृत तिब्बत में 6,675 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है
- कैलाश और उसके दक्षिण में 30 किलोमीटर दूर स्थित पवित्र मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा विशेष रूप से एक सरकारी संगठन, कुमाऊँ मंडल विकास निगम (KMVN) द्वारा संचालित की जाती है
- यह संगठन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और चीन सरकार के सहयोग से कार्य करता है।