अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-नेपाल सहयोग को मज़बूत करना
- 05 Jun 2023
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत-नेपाल संबंध, अभ्यास सूर्य किरण, भूकंप 2015, 1950 की शांति और मित्रता की भारत-नेपाल संधि, फुकोट कर्णाली जलविद्युत परियोजना, लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना, गोरखपुर-भुटवाल ट्रांसमिशन लाइन मेन्स के लिये:भारत और नेपाल के बीच सहयोग के क्षेत्र, भारत-नेपाल संबंधों से संबंधित हालिया प्रमुख मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
भारत और नेपाल ने हाल ही में नेपाल के प्रधानमंत्री की 4 दिवसीय भारत यात्रा के दौरान ऊर्जा और परिवहन विकास के क्षेत्र में अपने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये कई पहलों तथा समझौतों का अनावरण किया है जिसका उद्देश्य संबंधों को मज़बूत करना तथा क्षेत्रीय संपर्क को सुविधाजनक बनाना है।
हाल ही में हुए समझौते की प्रमुख विशेषताएँ:
- विद्युत क्षेत्र में सहयोग:
- दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौता: भारत और नेपाल ने आने वाले वर्षों में नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली के आयात को लक्षित करते हुए एक दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स: फुकोट कर्णाली जलविद्युत परियोजना और लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के विकास के लिये नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC), भारत तथा विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड, नेपाल के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
- इसके अलावा दोनों प्रधानमंत्रियों ने पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना पर ठोस और समयबद्ध प्रगति की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की जिसका उद्देश्य महाकाली नदी के साझा जल संसाधनों के दोहन में सहयोग बढ़ाना है।
नोट: फुकोट कर्णाली जलविद्युत परियोजना का लक्ष्य लगभग 2448 GWh के औसत वार्षिक उत्पादन के साथ कर्णाली नदी के प्रवाह का उपयोग करके 480 मेगावाट बिजली उत्पन्न करना है। इसमें एक उच्च प्रबलित सीमेंट कंक्रीट (Reinforced Concrete Cement- RCC) बाँध और एक भूमिगत पावर हाउस शामिल है।
- परिवहन विकास:
- ट्रांसमिशन लाइन और रेल लिंक: गोरखपुर-भुटवाल ट्रांसमिशन लाइन के लिये ग्राउंडब्रेकिंग सेरेमनी और बथनाहा से नेपाल सीमा शुल्क विभाग तक भारतीय रेलवे कार्गो ट्रेन के उद्घाटन ने दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
- एकीकृत चेकपोस्ट (ICP): ICPs का उद्घाटन नेपालगंज (नेपाल) और रूपईडीहा (भारत) में किया गया, जिससे सीमा पार व्यापार को बढ़ावा मिला और माल और लोगों की आवाजाही सुविधाजनक हुई।
- अन्य पहलें:
- दक्षिण एशिया की पहली क्रॉस-बॉर्डर पेट्रोलियम पाइपलाइन जो भारत में मोतिहारी से नेपाल के अमलेखगंज तक और 69 किमी. लंबी है, नेपाल में चितवन तक विस्तारित करने की योजना है।
- साथ ही भारत में सिलीगुड़ी से पूर्वी नेपाल में झापा तक एक दूसरी सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन।
- 1 जून, 2023 को संशोधित पारगमन संधि पर हस्ताक्षर किये गए, जो नेपाल को भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों तक पहुँच प्रदान करेगी।
- इससे नेपाल तीसरे देशों के साथ अपने व्यापार के लिये हल्दिया, कोलकाता, पारादीप और विशाखापत्तनम जैसे भारतीय बंदरगाहों का उपयोग करने में सक्षम होगा।
- यह नेपाली निर्यातकों और आयातकों के लिये परिवहन लागत एवं समय को भी कम करेगा।
- भारत कृषि क्षेत्र में सहयोग के महत्त्व पर ज़ोर देते हुए एक उर्वरक संयंत्र स्थापित करने के लिये नेपाल के साथ भी सहयोग कर रहा है।
- दक्षिण एशिया की पहली क्रॉस-बॉर्डर पेट्रोलियम पाइपलाइन जो भारत में मोतिहारी से नेपाल के अमलेखगंज तक और 69 किमी. लंबी है, नेपाल में चितवन तक विस्तारित करने की योजना है।
भारत और नेपाल के बीच सहयोग के अन्य क्षेत्र:
- परिचय:
- करीबी पड़ोसियों के रूप में भारत और नेपाल मित्रता एवं सहयोग के अनूठे संबंधों को साझा करते हैं, जिसकी विशेषता एक खुली सीमा, दोनों देशों के लोगों के बीच रिश्तेदारी और मज़बूत सांस्कृतिक संबंध है।
- वर्ष 1950 की शांति और मित्रता की भारत-नेपाल संधि भारत एवं नेपाल के बीच मौजूद विशेष संबंधों का आधार है।
- नेपाल पाँच भारतीय राज्यों- सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1850 किमी. से अधिक की सीमा साझा करता है।
- सीमा पार लोगों की मुक्त आवाजाही की लंबी परंपरा रही है।
- करीबी पड़ोसियों के रूप में भारत और नेपाल मित्रता एवं सहयोग के अनूठे संबंधों को साझा करते हैं, जिसकी विशेषता एक खुली सीमा, दोनों देशों के लोगों के बीच रिश्तेदारी और मज़बूत सांस्कृतिक संबंध है।
- रक्षा सहयोग:
- द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में उपकरण और प्रशिक्षण के प्रावधान के माध्यम से नेपाली सेना को उसके आधुनिकीकरण में सहायता देना शामिल है।
- 'भारत-नेपाल बटालियन-स्तरीय संयुक्त सैन्य अभ्यास सूर्य किरण' भारत और नेपाल में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है।
- साथ ही वर्तमान में नेपाल के लगभग 32,000 गोरखा सैनिक भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं।
- आर्थिक सहयोग:
- भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। नेपाल, भारत का 11वाँ सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है।
- वर्ष 2022-23 में भारत ने नेपाल को 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया, जबकि भारत का आयात 840 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
- भारतीय कंपनियाँ नेपाल में सबसे बड़े निवेशकों में से हैं, जो कुल स्वीकृत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के 30% से अधिक की हिस्सेदारी रखती हैं।
- भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। नेपाल, भारत का 11वाँ सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है।
- सांस्कृतिक सहयोग:
- हिंदू और बौद्ध धर्म के संदर्भ में भारत एवं नेपाल समान संबंध साझा करते हैं। साथ ही बुद्ध का जन्मस्थान लुंबिनी आधुनिक नेपाल में है।
- भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हेतु अगस्त 2007 में काठमांडू में स्वामी विवेकानंद केंद्र की स्थापना की गई थी।
- नेपाल-भारत पुस्तकालय की स्थापना वर्ष 1951 में काठमांडू में हुई थी। इसे नेपाल का पहला विदेशी पुस्तकालय माना जाता है।
- मानवीय सहायता:
- भारत ने वर्ष 2015 के भूकंप के बाद सहायता और पुनर्वास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत नेपाल को 1.54 बिलियन नेपाली रुपए (लगभग 96 करोड़ रुपए) की सहायता प्रदान की।
भारत-नेपाल संबंधों से संबंधित हाल के प्रमुख मुद्दे:
- सीमा विवाद: सीमा विवाद उन विवादास्पद मुद्दों में से एक है जिसने हाल के वर्षों में भारत-नेपाल संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। विवाद में मुख्य रूप से दो खंड शामिल हैं:
- पश्चिमी नेपाल में कालापानी-लिंपियाधुरा-लिपुलेख ट्राइजंक्शन क्षेत्र और दक्षिणी नेपाल में सुस्ता क्षेत्र।
- दोनों देश अलग-अलग ऐतिहासिक नक्शों और संधियों के आधार पर इन क्षेत्रों पर अपना दावा करते हैं।
- विवाद वर्ष 2020 में तब शुरू हुआ जब भारत ने उत्तराखंड में धारचूला को चीन सीमा के पास स्थित लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली एक सड़क का उद्घाटन किया, जिस पर नेपाल ने अपनी संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में आपत्ति जताई।
- नेपाल ने तभी एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया जिसमें कालापानी-लिंपियाधुरा- लिपुलेख को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया। भारत ने इस मानचित्र को नेपाली दावों का "कृत्रिम विस्तार" बताकर खारिज कर दिया।
- पश्चिमी नेपाल में कालापानी-लिंपियाधुरा-लिपुलेख ट्राइजंक्शन क्षेत्र और दक्षिणी नेपाल में सुस्ता क्षेत्र।
- चीन का बढ़ता प्रभाव:
- नेपाल में चीन के प्रभाव में वृद्धि ने क्षेत्र में अपने सामरिक हितों के संदर्भ में भारत की चिंता बढ़ा दी है। चीन ने अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत रेलवे, राजमार्ग, जलविद्युत संयंत्र आदि जैसी परियोजनाओं के माध्यम से नेपाल के साथ अपने आर्थिक संबंध को बढ़ाया है।
- नेपाल और चीन के बीच बढ़ता सहयोग, भारत तथा चीन के मध्य बफर राज्य के रूप में नेपाल के महत्त्व को कम कर सकता है।
- नेपाल में चीन के प्रभाव में वृद्धि ने क्षेत्र में अपने सामरिक हितों के संदर्भ में भारत की चिंता बढ़ा दी है। चीन ने अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत रेलवे, राजमार्ग, जलविद्युत संयंत्र आदि जैसी परियोजनाओं के माध्यम से नेपाल के साथ अपने आर्थिक संबंध को बढ़ाया है।
आगे की राह
- डिजिटल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना: डिजिटल कनेक्टिविटी पहल पर बल देने से नेपाल के साथ जुड़ने का एक नया तरीका मिल सकता है।
- भारत, नेपाल के डिजिटल बुनियादी ढाँचे के विकास का समर्थन कर ई-गवर्नेंस पहल और सीमा पार डिजिटल सहयोग को बढ़ावा दे सकता है। इससे कनेक्टिविटी बढ़ सकती है जिससे आर्थिक अवसर सृजित होंगे और द्विपक्षीय संबंध सुदृढ़ हो सकते हैं।
- सामरिक भागीदारी: भारत को सक्रिय रूप से क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर नेपाल के साथ रणनीतिक साझेदारी की तलाश करनी चाहिये। अपने हितों को संरेखित करके और संयुक्त रूप से जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन तथा क्षेत्रीय सुरक्षा जैसी चुनौतियों का समाधान कर दोनों देश साझा मूल्यों एवं हितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर सकते हैं।
- यह न केवल चीन के प्रभाव का प्रतिकार करेगा बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी सुदृढ़ करेगा। साथ ही भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने हेतु संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों, फिल्म समारोहों तथा वेलनेस रिट्रीट का आयोजन जनमत को प्रभावित कर सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2016) कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित समुदाय किसके मामले में
उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) |