उत्तर प्रदेश
पीलीभीत टाइगर रिज़र्व
- 10 Dec 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में एक वायरल वीडियो सामने आने के बाद जाँच के आदेश दिये गए हैं, जिसमें कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के एक मंत्री के वाहनों का बेड़ा पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के मुख्य क्षेत्र से गुजरता हुआ दिखाई दे रहा है। इससे वन नियमों के उल्लंघन की चिंता बढ़ गई है।
मुख्य बिंदु
- वन विभाग के नियमों के अनुसार, निजी वाहनों को मुख्य क्षेत्र में प्रवेश करने पर सख्त प्रतिबंध है तथा केवल वन विभाग के वाहनों या सफारी पर्यटन के लिये अधिकृत वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति है।
- पीलीभीत टाइगर रिज़र्व:
- यह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और शाहजहाँपुर ज़िले में स्थित है।
- इसे वर्ष 2014 में टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया था।
- वर्ष 2020 में, इसने पिछले चार वर्षों में बाघों की संख्या दोगुनी करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार TX2 जीता।
- यह ऊपरी गंगा के मैदान में तराई आर्क लैंडस्केप का हिस्सा है।
- रिज़र्व का उत्तरी किनारा भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है, जबकि दक्षिणी सीमा शारदा और खकरा नदियों द्वारा चिह्नित है।
- वनस्पति और जीव:
- यह 127 से अधिक पशुओं, 326 पक्षी प्रजातियों और 2,100 फूलदार पौधों का निवास स्थान है।
- जंगली जानवरों में बाघ, दलदल हिरण, बंगाल फ्लोरिकन, तेंदुआ आदि शामिल हैं।
- इसमें कई जल निकायों के साथ ऊँचे साल के वन, वृक्षारोपण और घास के मैदान हैं।
टाइगर रिज़र्व
- धारीदार बड़ी बिल्लियों (बाघों) के संरक्षण के लिये नामित संरक्षित क्षेत्र को टाइगर रिज़र्व कहा जाता है। हालाँकि, टाइगर रिज़र्व एक राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य भी हो सकता है।
- उदाहरण के लिये: सरिस्का टाइगर रिज़र्व भी एक राष्ट्रीय उद्यान है। ऐसा इसलिये है क्योंकि इस जगह को मूल रूप से एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में बनाया गया था और बाद में इसे बाघ संरक्षण के लिये समर्पित कर दिया गया।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की सलाह पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38वी के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकारों द्वारा बाघ रिज़र्वों को अधिसूचित किया जाता है।
TX2 पुरस्कार
- यह उस स्थान को समर्पित है, जहाँ वर्ष 2010 के बाद से बाघों की संख्या में उल्लेखनीय और मापनीय वृद्धि हुई है।