उत्तर प्रदेश
मदरसों की शिक्षा
- 19 Sep 2024
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चर्चा में क्यों
हाल ही में, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के गैर-अनुपालन का हवाला देते हुए भारत में मदरसा शिक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की।
प्रमुख बिंदु
- NCPCR की चिंताएँ: NCPCR ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि मदरसा शिक्षा व्यापक नहीं है और यह शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE), 2009 के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करती है ।
- मदरसों में प्रयुक्त पाठ्य पुस्तकें कथित तौर पर ‘इस्लाम की सर्वोच्चता’ को बढ़ावा देती हैं, जो धर्मनिरपेक्ष शैक्षिक सिद्धांतों और RTE आवश्यकताओं के विपरीत है।
- उच्च न्यायालय का निर्णय: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को ‘असंवैधानिक’ घोषित किया।
- यह अधिनियम ‘धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत’ तथा संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता पाया गया।
- मदरसा: मदरसा एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ शैक्षणिक संस्थान होता है।
- आरंभ में, इस्लाम में मस्जिदें शैक्षणिक संस्थानों के रूप में संचालित होती थीं, लेकिन 10 वीं शताब्दी तक, मदरसे इस्लामी दुनिया में धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा दोनों के लिये अलग-अलग संस्थाओं के रूप में विकसित हो गए।
- सबसे प्रारंभिक मदरसे खुरासान और ट्रांसोक्सेनिया (आधुनिक पूर्वी व उत्तरी ईरान, मध्य एशिया और अफगानिस्तान) में पाए गए, जहाँ बड़े संस्थान छात्रों, विशेष रूप से गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों के लिये आवास उपलब्ध कराते थे।
- सत्र 2018-19 तक, भारत में 24,010 मदरसे थे: 19,132 मान्यता प्राप्त और 4,878 गैर-मान्यता प्राप्त।
- मान्यता प्राप्त मदरसे राज्य बोर्ड के अधीन हैं; गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे दारुल उलूम नदवतुल उलमा और दारुल उलूम देवबंद जैसे प्रमुख मदरसों के पाठ्यक्रम का पालन करते हैं ।
- देश के 60% मदरसे उत्तर प्रदेश में हैं। जिनमें 11,621 मान्यता प्राप्त और 2,907 गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।
- भारत में मदरसों की श्रेणियाँ
- मदरसा दरसे निज़ामी: सार्वजनिक दान के रूप में संचालित होते हैं और इन्हें राज्य स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम का पालन करना आवश्यक नहीं है
- मदरसा दरसे आलिया: राज्य मदरसा शिक्षा बोर्डों से संबद्ध (जैसे, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड)।
- राज्य सरकारों द्वारा शासित, शिक्षकों और अधिकारियों की नियुक्ति राज्य सरकारों द्वारा की जाती है।
- वर्ष 2023 में लगभग 1.69 लाख छात्र उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड परीक्षा (कक्षा 10 और कक्षा 12 के समकक्ष) में उपस्थित हुए।
- मदरसों के लिये वित्तपोषण: वित्तपोषण का बड़ा हिस्सा संबंधित राज्य सरकारों से आता है।
- केंद्र सरकार की योजना: मदरसों/अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना (SPEMM) मदरसों और अल्पसंख्यक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- SPEMM के अंतर्गत उप-योजनाएँ:
- मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (SPQEM
- अल्पसंख्यक संस्थानों का अवसंरचना विकास (IDMI
- अप्रैल 2021 में SPEMM को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से शिक्षा मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग
- NCPCR एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना मार्च 2007 में बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी।
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
- आयोग का अधिदेश यह सुनिश्चित करना है कि सभी कानून, नीतियाँ, कार्यक्रम और प्रशासनिक तंत्र भारत के संविधान एवं बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन में निहित बाल अधिकार परिप्रेक्ष्य के अनुरूप हों।
- यह शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अंतर्गत बच्चों के निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार से संबंधित शिकायतों की जाँच करता है ।
- यह लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO) के कार्यान्वयन की निगरानी करता है।