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हरियाणा

हरियाणा में बढ़ती ड्रग की समस्या

  • 13 Sep 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों

हाल ही में हरियाणा के अधिकारियों ने चुनाव की घोषणा के बाद से 14 करोड़ रुपए मूल्य की ड्रग्स और शराब ज़ब्त की, जिससे राज्य में ड्रग से संबंधित मुद्दों पर चल रही चिंता उजागर हुई।

 मुख्य बिंदु

  • हरियाणा पुलिस ने दिसंबर 2023 तक नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS), 1985 के तहत 3,757 FIR दर्ज कीं और 5,350 लोगों को गिरफ्तार किया।
    • इस ज़ब्ती में 590 किलोग्राम चरस, 4,950 किलोग्राम गाँजा, 34 किलोग्राम हेरोइन, 310 किलोग्राम अफीम और 33,602 किलोग्राम चूरा पोस्त शामिल है, जिसमें सिरसा मामलों तथा गिरफ्तारियों (582 मामले, 766 गिरफ्तारियाँ) में अग्रणी है।
  • हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार, ड्रग मामलों में हरियाणा के शीर्ष 10 ज़िले (1 जनवरी से 8 दिसंबर, 2023) सिरसा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, अंबाला, यमुनानगर, हिसार, रोहतक, पंचकूला हैं
  • ग्रामीण एवं औद्योगिक विकास अनुसंधान केंद्र तथा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा किये गए अध्ययनों में ड्रग्स की समस्या को युवाओं की बेरोज़गारी और हताशा से जोड़ा गया है।
  •  हरियाणा में बेरोजगारी दर : 
    • बेरोज़गारी दर श्रम बल में बेरोज़गार व्यक्तियों का प्रतिशत है।
    • वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) दृष्टिकोण के आधार पर, किसी व्यक्ति को बेरोज़गार माना जाता है यदि उसने संदर्भ सप्ताह के दौरान एक घंटे भी काम नहीं किया हो, लेकिन कम-से-कम एक घंटे के लिये काम के लिये उपलब्ध था या काम की मांग की थी।
    • आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) अप्रैल-जून 2024 रिपोर्ट के अनुसार, 15-29 आयु वर्ग के लिये शहरी बेरोज़गारी दर अप्रैल-जून 2024 तिमाही में बढ़कर 11.2% हो गई, जो जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में 9.5% थी।
    • शहरी क्षेत्रों में 15-29 आयु वर्ग की महिलाओं के लिये बेरोज़गारी दर अप्रैल-जून में बढ़कर 17.2% हो गई, जबकि पिछली तिमाही में यह 13.9% थी ।
  • हरियाणा का हृदय परिवर्तन अभियान
    • इस अभियान का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से ड्रग्स के त्याग को प्रोत्साहित करके ड्रग्स के आदी लोगों और तस्करों के व्यवहार में परिवर्तन लाना है।
    • जिन ड्रग्स विक्रेता की पहचान की गई है उन्हें उपभोक्ता गाँव के बुज़ुर्गों, समुदाय और एक पंडित के समक्ष पेश किया जाएगा।
      • उन्हें उनके जीवन, परिवार और समुदाय पर ड्रग्स के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित किया जाएगा।
      • एक बर्तन में नमक डालने की प्रतीकात्मक क्रिया से संबंधित एक समारोह ड्रग्स के त्याग का प्रतीक होगा। 'नमक-लोटा अभियान' (बुज़ुर्गों के सामने ड्रग्स से दूर रहने की शपथ)
      • प्रतिभागी भगवान एवं गाँव के समुदाय के समक्ष नशा छोड़ने की शपथ लेंगे।
    • गरीबी के कारण फेरीवालों को गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिये बनाई गई सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि उन्हें वैकल्पिक आजीविका प्रदान की जा सके।
  • हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (HSNCB) ने 'चक्रव्यूह: द एस्केप रूम' नामक एक अग्रणी परियोजना शुरू की है जिसका उद्देश्य किशोरों को मादक पदार्थों की लत से दूर रखना है।

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