हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा परियोजना
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार और विश्व बैंक (World Bank) ने हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा परियोजना (Green National Highways Corridor Project- GNHCP) के कार्यान्वयन हेतु 500 मिलियन डॉलर की एक परियोजना पर हस्ताक्षर किये हैं।
प्रमुख बिंदु:
परियोजना के बारे में:
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways- MoRTH) ने सितंबर 2015 में ‘हरित राजमार्ग नीति’ (Green Highways Policy) की घोषणा का अनुसरण करते हुए राष्ट्रीय हरित राजमार्ग मिशन (National Green Highways Mission- NGHM) की शुरुआत की थी।
- हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा परियोजना (GNHCP), NGHM के क्रियान्वयन तथा हरित एवं सुरक्षित परिवहन के प्रावधान का समर्थन करती है।
- परियोजना का उद्देश्य चयनित राज्यों में सुरक्षित और हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों का प्रदर्शन करना और हरित एवं सुरक्षित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की क्षमता का विस्तार करना भी है।
परियोजना के घटक:
- हरित राजमार्ग गलियारा सुधार और रख-रखाव:
- इसमें राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्यों में मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों में से चयनित लगभग 783 किमी. लंबे राजमार्गों का पाँच वर्षों तक उन्नयन एवं रख-रखाव शामिल है।
- संस्थागत क्षमता संवर्द्धन:
- यह प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की जलवायु भेद्यता में सुधार लाने तथा ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करने के प्रयास में MoRTH की क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा।
- सड़क सुरक्षा:
- यह सड़क सुरक्षा से संबंधित डेटा विश्लेषण और राजमार्ग सुरक्षा निगरानी में सुधार के संदर्भ में सहायता प्रदान करेगा।
सरकार तथा विश्व बैंक के बीच समझौते के बारे में:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development- IBRD) से 500 मिलियन डॉलर के ऋण की परिपक्वता अवधि पाँच वर्ष की रियायत के साथ 18.5 वर्ष है।
परियोजना का महत्त्व:
- भारत में लगभग 40 प्रतिशत सड़क यातायात राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से होता है। हालाँकि इन राजमार्गों के कई हिस्से ऐसे हैं जिनकी क्षमता अपर्याप्त तथा जल निकासी से संबंधित संरचनाएँ कमज़ोर हैं। इसके अलावा इन हिस्सों में दुर्घटना प्रवण ब्लैक स्पॉट भी मौजूद हैं।
- परिवहन से संबंधित बुनियादी ढाँचे का उद्देश्य निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना और लॉजिस्टिक्स खर्चे को कम करना है।
- ऐतिहासिक रूप से भारत में परिवहन क्षेत्र ने महिलाओं के लिये सीमित रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। यह परियोजना परिवहन क्षेत्र में लिंग-संबंधी मुद्दों के गहन विश्लेषण के साथ-साथ राजमार्ग गलियारों में हरित प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने के लिये महिलाओं के नेतृत्त्व वाले सूक्ष्म उद्यमों और महिलाओं के सामूहिक प्रशिक्षण द्वारा महिलाओं हेतु रोज़गार सृजन में मंत्रालय की मदद करेगी।
- यह भारतमाला परियोजना कार्यक्रम (Bharatmala Pariyojana Program-BPP) का भी समर्थन करेगी।
हरित राजमार्ग नीति 2015 की प्रमुख विशेषताएँ:
- इस नीति का उद्देश्य समुदायों, किसानों, गैर सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्रों और वन विभाग सहित अन्य सरकारी संस्थाओं की भागीदारी से देश में राजमार्ग गलियारों में हरियाली को बढ़ावा देना है।
- यह नीति विकास के मार्ग में आने वाले मुद्दों को संबोधित करती है और सतत् विकास के मार्ग को प्रशस्त करती है।
- किसी भी क्षेत्र में वृक्षों का रोपण मिट्टी की उपयुक्तता और जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
- इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे वृक्ष तथा झाड़ियाँ लगाकर वायु प्रदूषण और धूल के प्रभाव को कम करना है। ये वृक्ष तथा झाड़ियाँ वायु प्रदूषकों के लिये प्राकृतिक सिंक के रूप में कार्य करेंगे और तटबंध की ढलानों पर मृदा अपरदन को रोकने का कार्य करेंगे।
विश्व बैंक (World Bank)
- पृष्ठभूमि: वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) के दौरान अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) की स्थापना की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक को ही विश्व बैंक कहा जाता है।
- ब्रेटन वुड्स सम्मेलन को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन (United Nations Monetary and Financial Conference) के रूप में जाना जाता है।
- विश्व बैंक विकास से संबंधित 5 संस्थाओं का समूह है। इसीलिये इसे विश्व बैंक समूह (World Bank Group) भी कहा जाता है।
- विश्व बैंक समूह में शामिल संस्थान:
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD): यह ऋण, साख तथा अनुदान प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA): यह अल्प आय वाले देशों को कम अथवा शून्य ब्याज पर ऋण प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC): यह कंपनियों तथा सरकारों को निवेश, सलाह और परिसंपत्ति प्रबंधन सेवाएँ प्रदान करता है।
- बहुपक्षीय निवेश प्रत्याभूति एजेंसी (MIGA): यह निवेशकों को युद्ध जैसे राजनीतिक जोखिम से सुरक्षा प्रदान करता है।
- निवेश संबंधी विवादों के निपटान का अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID): निवेशकों और देशों के बीच निवेश संबंधी विवादों का निपटारा करता है।
- भारत ICSID का सदस्य नहीं है।
- हाल ही में ‘विश्व बैंक’ ने 'अंतर्राष्ट्रीय तुलनात्मक कार्यक्रम’ (International Comparison Program- ICP) के तहत संदर्भ वर्ष 2017 के लिये नई ‘क्रय शक्ति समानताएँ’ (Purchasing Power Parities-PPPs) जारी की हैं, जो विश्व की अर्थव्यवस्थाओं में जीवन की लागत के अंतर को समायोजित करती हैं।
- इसने लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स भी विकसित किया है।
- विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट:
- विश्व बैंक द्वारा समर्थित परियोजनाएँ: