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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

पर्सपेक्टिव: क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक

  • 13 Aug 2024
  • 17 min read

प्रिलिम्स के लिये:

क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक, क्वाड, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, यूक्रेन में युद्ध, दक्षिण चीन सागर, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, आसियान क्षेत्रीय मंच, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), इंडो-पैसिफिक समुद्री डोमेन जागरूकता (IPMDA), हिंद महासागर क्षेत्र के लिये भारत के सूचना संलयन केंद्र, संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (UNCLOS), 26/11 मुंबई हमले, ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओपन RAN), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा, G20, G7, ग्लोबल साउथ, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन

मेन्स के लिये:

भारत के हितों की सुरक्षा में क्वाड जैसे क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समूहों का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?   

हाल ही में भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री ने जापान के टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में मुलाकात की।

  • भारत ने एक स्वतंत्र, खुली नियम-आधारित व्यवस्था को आगे बढ़ाने में क्वाड की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा इसके व्यावहारिक परिणामों और विदेश नीतियों में प्रणालीगत एकीकरण पर ज़ोर दिया।
  • भारत ने दूरसंचार प्रौद्योगिकी, मानवीय राहत, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा तथा जलवायु कार्रवाई सहित क्वाड के व्यापक एजेंडे का उल्लेख किया तथा इस दावे को खारिज कर दिया।
  • साथ ही यह घोषणा की गई कि भारत इस वर्ष के अंत में अगले क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा और अमेरिका वर्ष 2025 में अगले क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक की मेज़बानी करेगा।

क्वाड क्या है? 

  • परिचय:
    • 'चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता' (Quadrilateral Security Dialogue- QSD), जिसे आमतौर पर क्वाड के रूप में जाना जाता है, एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है जिसमें चार देश- भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।
  • उद्देश्य: 
  • उत्पत्ति: 
    • क्वाड का विचार पहली बार वर्ष 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखा था। हालाँकि यह विचार आगे विकसित नहीं हो सका, क्योंकि चीन के ऑस्ट्रेलिया पर दबाव के कारण ऑस्ट्रेलिया ने स्वयं को इससे दूर कर लिया। अंतत: वर्ष 2017 में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान ने एक साथ आकर इस "चतुर्भुज" गठबंधन का गठन किया।
  • महत्त्व:
    • उपलब्धियाँ: क्वाड ने कोविड-19 टीके उपलब्ध कराने, आपदा प्रबंधन के लिये उपग्रह डेटा साझा करने और STEM छात्रवृत्ति तथा बुनियादी ढाँचा फेलोशिप प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
    • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: भारत ने हाल ही में हुई बैठक में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रति क्वाड की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया तथा कहा कि यह प्रभावी बहुपक्षीय जुड़ाव का एक समकालीन उदाहरण है।
    • चीन के प्रति रणनीतिक प्रतिकार: क्वाड फोरम को चीन के आर्थिक और सैन्य उदय के प्रति रणनीतिक प्रतिकार के रूप में माना जाता है।
      • क्वाड के भीतर चर्चा प्रायः इंडो-पैसिफिक में चीन की आक्रामक और ज़बरदस्ती की नीतियों पर केंद्रित होती है। 
      • क्वाड केवल चीन का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा नियमित रूप से उसके प्रभाव और कार्यों का भी सामना करता है।
    • बहुपक्षीय सहयोग के अवसर: क्वाड भारत को एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बहुपक्षीय पहलों में शामिल होने के अवसर प्रदान करता है।

क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता:
    • क्वाड के सदस्यों ने वैश्विक भलाई के लिये अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लाभ पहुँचाने हेतु क्वाड के लिये साझा चुनौतियों और योजनाओं पर चर्चा की।
    • क्वाड ने यूक्रेन में युद्ध और मानवीय संकट के साथ-साथ गाज़ा तथा म्याँमार की स्थिति के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की।
  • चीन को कड़ा संदेश:
    • क्वाड ने एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, चीन द्वारा बल या ज़बरदस्ती के माध्यम से यथास्थिति को बदलने वाली एकतरफा कार्रवाइयों का विरोध किया।
    • दक्षिण चीन सागर में चीन की कार्रवाइयों पर चिंता जताई गई, जिसमें विवादित विशेषताओं का सैन्यीकरण और तट रक्षक एवं समुद्री मिलिशिया जहाज़ों का खतरनाक उपयोग शामिल है।
  • क्षेत्रीय संस्थाओं के लिये समर्थन:
  • विस्तारित समुद्री डोमेन जागरूकता:
  • मुक्त और खुली व्यवस्था के लिये प्रतिबद्धता:
  • आतंकवाद का मुकाबला:
    • क्वाड ने 26/11 मुंबई हमलों सहित आतंकवाद की निंदा की और अल-कायदा, ISIS/दाएश, लश्कर ए-तैयबा (LeT) तथा जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया।
    • समूह ने देशों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्रों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिये होने से रोकें।
  • महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकी और नवाचार:
  • साइबर सुरक्षा पहल:
    • क्वाड ने क्वाड साइबर एंबेसडर मीटिंग की स्थापना की और क्षमता निर्माण परियोजनाओं को गति दी। महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे में साइबर सुरक्षा एवं साइबर सुरक्षा मानकों की पारस्परिक मान्यता पर चर्चा की गई।
  • आपदा प्रतिक्रिया और मानवीय सहायता:
    • क्वाड सदस्यों ने पापुआ न्यू गिनी में राहत प्रयासों सहित आपदा प्रतिक्रिया समन्वय और मानवीय सहायता का समर्थन किया।
    • समूह ने क्वाड मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) को अंतिम रूप दिया।
  • जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा:
    • क्वाड जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन पैकेज (Q-CHAMP) के तहत, जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने व  प्रशांत द्वीप देशों का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

समुद्री क्षेत्र जागरूकता के लिये इंडो-पैसिफिक भागीदारी (IPMDA) क्या है?

  • वर्ष 2022 में टोक्यो में क्वाड लीडर्स समिट में घोषित IPMDA पहल का उद्देश्य प्रशांत द्वीप समूह, दक्षिण पूर्व एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) को इंडो-पैसिफिक के भीतर एकीकृत करना है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य उन जहाज़ों को ट्रैक करना है जो पता लगाने से बचने के लिये अपने स्वचालित पहचान प्रणाली (AIS) को निष्क्रिय कर देते हैं।
  • IPMDA इंडो-पैसिफिक में सुरक्षा और स्थिरता बढ़ाने का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है, जो वैश्विक भू-राजनीतिक का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।
  • इसके अतिरिक्त, यह पहल जलवायु और मानवीय घटनाओं को हल करने तथा कई इंडो-पैसिफिक अर्थव्यवस्थाओं के लिये महत्त्वपूर्ण मत्स्य पालन की रक्षा के लिये सामरिक-स्तरीय गतिविधियों की निगरानी पर केंद्रित है।

क्वाड के लिये चुनौतियाँ क्या हैं?

  • बहुपक्षीय मंचों पर नेविगेट करना: क्वाड को G20 और G7 जैसे अन्य महत्त्वपूर्ण बहुपक्षीय मंचों के साथ अपने एजेंडे को संतुलित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनका नेतृत्व भी क्वाड देशों द्वारा किया जाता है।
  • वैश्विक विभाजन के बीच आम सहमति बनाना: एक बड़ी चुनौती यूक्रेन में युद्ध जैसे विवादास्पद वैश्विक मुद्दों पर आम सहमति हासिल करना है।
  • वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को संबोधित करना: क्वाड को वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को संबोधित करना चाहिये। चीन ने क्वाड को एक "बहिष्कारक गुट " के रूप में स्थापित किया है, जो वैश्विक चर्चाओं से हाशिये पर महसूस करने वाले क्षेत्रों में अपनी पकड़ बना रहा है।
  • सुरक्षा और विकास में संतुलन: उभरती अर्थव्यवस्थाएँ रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों को लेकर सशंकित हैं क्योंकि इससे ऊर्जा सुरक्षा और वस्तुओं की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत ने रूस से अपने तेल आयात में वृद्धि की है जिससे क्वाड फोरम के भीतर भारत के लिये हितों का टकराव हो रहा है। 
  • क्वाड का चीन का विरोध: चीन ने क्वाड का लगातार विरोध किया है, इसे चीन को घेरने और क्षेत्रीय शक्तियों के बीच कलह को भड़काने की रणनीति के रूप में देखा है।

आगे की राह

  • बहुपक्षीय मंचों का लाभ उठाना: एजेंडा को समन्वित करने और साझा लक्ष्यों को सुदृढ़ करने के लिये G7 व G20 में क्वाड की नेतृत्वकारी भूमिकाओं का उपयोग करना। सुनिश्चित करना कि क्वाड की पहल उनके वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने हेतु व्यापक बहुपक्षीय चर्चाओं के साथ संरेखित हों।
  • क्वाड लक्ष्यों को एकीकृत करना: यूक्रेन संघर्ष और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का एक एकीकृत दृष्टिकोण के साथ समाधान करना जो इन बड़े ढाँचों के भीतर क्वाड के प्रयासों का पूरक हो।
  • उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़ना: यह सुनिश्चित करना कि क्वाड की पहलों में विकासशील देशों के हितों को प्रतिबिंबित किया जाए, ताकि क्वाड को एक बहिष्कृत समूह के रूप में देखने की चीन की धारणा का मुकाबला किया जा सके।
  • तकनीकी पहलों का विस्तार करना: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला और साइबर सुरक्षा में परियोजनाओं को आगे बढ़ाना। सुरक्षित दूरसंचार नेटवर्क विकसित करना और सिंथेटिक बायोलॉजी सहयोग की खोज जारी रखें।
  • साइबर सुरक्षा पर सहयोग: मानकों और क्षमता निर्माण परियोजनाओं की पारस्परिक मान्यता के माध्यम से साइबर सुरक्षा पहलों को बढ़ाना।
  • आम सहमति बनाना और वैश्विक आवाज़ों को समायोजित करना: आम सहमति के लिये सार्वजनिक बयानों से अधिक की आवश्यकता होती है। प्रभावी आम सहमति बनाने में पर्दे के पीछे की बातचीत, रियायतें और वैश्विक अभिकर्त्ताओं की चिंताओं को संबोधित करना शामिल है। इन जटिलताओं को प्रबंधित करने और एक एकीकृत मोर्चा पेश करने की क्वाड की क्षमता इसकी सफलता के लिये महत्त्वपूर्ण होगी।
    • क्वाड को अपने सुरक्षा-केंद्रित एजेंडे को विकासात्मक चिंताओं के साथ संतुलित करना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसमें विविध वैश्विक दृष्टिकोणों को समायोजित किया जा सके।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से किस एक समूह में चारों देश G-20 के सदस्य हैं? (2020)

(a) अर्जेंटीना, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की
(b) ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया और न्यूज़ीलैंड
(c) ब्राज़ील, ईरान, सऊदी अरब और वियतनाम
(d) इंडोनेशिया, जापान, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया

उत्तर: (a)


प्रश्न. 'रीज़नल काम्प्रिहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (Regional Comprehensive Economic Partnership)' पद प्रायः समाचारों में देशों के एक समूह के मामलों के संदर्भ में आता है। देशों के उस समूह को क्या कहा जाता है? (2016)

(a) जी- 20     
(b) आसियान
(c) एस.सी.ओ.
(d) सार्क

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. ‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (QUAD) वर्तमान समय में स्वयं को एक सैन्य गठबंधन से व्यापार गुट के रूप में परिवर्तित कर रहा है। चर्चा कीजिये।  (2020)

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