शासन व्यवस्था
मुद्दा आपका: ओपन बुक एग्ज़ाम
- 14 Mar 2024
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF), ओपन बुक एग्ज़ाम (OBE), ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट (OBTA), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) मेन्स के लिये:भारतीय शिक्षा प्रणाली पर ओपन बुक एग्ज़ाम (OBE) का प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिये ओपन बुक एग्ज़ाम के ट्रायल की योजना बना रहा है।
- कक्षा 9 व 10 के विद्यार्थियों के ओपन बुक एग्ज़ाम में अंग्रेज़ी, गणित एवं विज्ञान जैसे विषय शामिल किये गए हैं, जबकि कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों के लिये अंग्रेज़ी, गणित तथा जीवविज्ञान जैसे विषयों का ओपन बुक एग्ज़ाम कराया जाएगा।
- यह दृष्टिकोण विगत वर्ष जारी राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) पर आधारित है।
- यह पायलट परीक्षा CBSE और दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया जाएगा।
ओपन बुक एग्ज़ाम (OBE) क्या है?
- परिचय:
- ओपन बुक एग्ज़ाम (OBE) में छात्रों को प्रश्नों का उत्तर देते हेतु अपनी पुस्तकों और नोट्स का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की जाती है। OBE दो प्रकार की होती है:
- प्रतिबंधित परीक्षा/रिस्ट्रिक्टेड टाइप: प्रतिबंधित OBE में परीक्षार्थियों को केवल अनुमोदित अध्ययन सामग्री का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की जाती है।
- मुक्त परीक्षा/फ्री टाइप: इस प्रकार की परीक्षा में परीक्षार्थी किसी भी प्रासंगिक सामग्री का उपयोग कर सकते हैं।
- ओपन बुक एग्ज़ाम (OBE) में छात्रों को प्रश्नों का उत्तर देते हेतु अपनी पुस्तकों और नोट्स का उपयोग करने की अनुमति प्रदान की जाती है। OBE दो प्रकार की होती है:
- उद्देश्य:
- परीक्षा की संपूर्ण मूल्यांकन प्रक्रिया में परिवर्तन करना।
- परीक्षार्थियों को समस्याओं का संश्लेषण, विश्लेषण और व्यवस्थित करने के लिये सशक्त बनाना।
- परीक्षार्थियों की समस्या-समाधान कौशल में अभिवृद्धि करना और उनकी आलोचनात्मक सोच/दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना।
OBE क्रियान्वयन के विगत उदाहरण क्या हैं?
- वर्ष 2014 में CBSE ने ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट (OBTA) की शुरुआत की जिसका उद्देश्य परीक्षा के दौरान संबद्ध पाठ्यक्रम स्मरण रखने के बोझ को कम करना और सूचना प्रसंस्करण कौशल को बढ़ावा देना था।
- इसे कक्षा 9 के विद्यार्थियों के लिये हिंदी, अंग्रेज़ी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों के लिये तथा कक्षा 11 की अंतिम परीक्षा में अर्थशास्त्र, जीवविज्ञान और भूगोल जैसे विषयों के लिये कार्यान्वित किया गया था।
- इसका कार्यान्वन छात्रों के बीच महत्त्वपूर्ण विचार कौशल विकसित करने में विफल रहा जिसके परिणामस्वरूप इसे शैक्षणिक वर्ष 2017-18 में समाप्त कर दिया गया।
- वर्ष 2019 में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India Council for Technical Education- AICTE) ने एक सलाहकार निकाय की अनुशंसा के बाद अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में ओपन बुक एग्ज़ाम कराने की अनुमति प्रदान की।
- कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के दौरान, दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने छात्रों के मूल्यांकन के लिये ओपन बुक एग्ज़ाम आयोजित किये।
- इसके अतिरिक्त IIT दिल्ली, IIT इंदौर और IIT बॉम्बे ने ऑनलाइन OBE आयोजित किये।
- केरल के उच्च शिक्षा परीक्षा सुधार आयोग ने ओपन बुक प्रारूप का प्रस्ताव प्रस्तुत किया किंतु इसे आंतरिक अथवा व्यावहारिक परीक्षाओं तक ही सीमित रखा।
क्या ओपन बुक एग्ज़ाम में कम कठिनाई होती है?
- पारंपरिक परीक्षाओं की तुलना में ओपन बुक मूल्यांकन एग्ज़ाम सरल नहीं होते है।
- इन्हें केवल तथ्यों एवं परिभाषाओं से परे समझ का मूल्यांकन करने के लिये तैयार किया जाता है।
- ओपन-बुक परीक्षा हेतु प्रश्न तैयार करना शिक्षकों के लिये चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि पारंपरिक परीक्षाओं के विपरीत, प्रश्न प्रत्यक्ष नहीं हो सकते।
CBSE ने ओपन बुक एग्ज़ाम के लिये क्या प्रचार किया?
- CBSE का प्रस्ताव स्कूली शिक्षा प्रणाली में नियोजित व्यापक सुधारों के अनुरूप है।
- स्कूली शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा भी मूल्यांकन विधियों में सुधार की आवश्यकता पर बल देती है।
- वर्तमान प्रणाली प्राय: रटने पर ध्यान देती है और साथ ही चिंतायें भी उत्पन्न करती है।
- फ्रेमवर्क ऐसे आकलन का सुझाव देता है जो विविध शिक्षण शैलियों को पूर्ण करता है, तथा रचनात्मक प्रतिक्रिया प्रदान करने के साथ ही सीखने के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहायता प्रदान करता है।
- CBSE की सिफारिश राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में उल्लिखित व्यापक परिवर्तनों के अनुरूप है।
ओपन बुक एग्ज़ामओं के बारे में अध्ययन क्या संकेत देते हैं?
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), भुवनेश्वर के मेडिकल छात्रों से जुड़े वर्ष 2021 के एक अध्ययन में पाया गया कि ओपन बुक एग्ज़ाम कम तनावपूर्ण थे।
- वर्ष 2020 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस में प्रकाशित एक अध्ययन का उद्देश्य ऑनलाइन ओपन-बुक एग्ज़ामओं की व्यवहार्यता तथा स्वीकार्यता का आकलन करना था।
- इसमें शामिल 98 छात्रों में से 21.4% असफल रहे जबकि 78.6% सफल हुए थे।
- 55 भाग लेने वाले छात्रों की प्रतिक्रिया से संकेत प्राप्त होता है कि इस प्रकार के मूल्यांकन का मुख्य लाभ इसकी कम तनाव वाली प्रकृति थी, हालाँकि नेटवर्क कनेक्टिविटी की शिकायत आम थी।
- इसके अतिरिक्त, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में छात्रों के लिये ओपन बुक परीक्षाओं के उपयोग पर 2021 के एक अध्ययन से पता चला है कि OBE में प्राप्त औसत अंक क्लोज्ड बुक एग्ज़ामिनेशन की तुलना में अधिक थे, लेकिन विश्वविद्यालय ने छात्रों के लिये ओपन बुक असेसमेंट में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये आवश्यक कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित नहीं किया।
शैक्षिक सुधारों से संबंधित अन्य सरकारी पहल क्या हैं?
- प्रौद्योगिकी संवर्धित शिक्षण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम
- सर्वशिक्षा अभियान
- प्रज्ञाता
- मध्याह्न भोजन योजना
- स्टार्स प्रोग्राम
- पी.एम. श्री स्कूल
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा क्या है?
- परिचय:
- NCF नई शिक्षा नीति (NEP), 2020 के प्रमुख पिछड़े वर्गों में से एक है, जो NEP, 2020 के सिद्धांतों को सूचित करता है जो इस परिवर्तन को सार्थक एवं सक्रिय बनाता है।
- NCF में पहले चार संशोधन - वर्ष 1975, वर्ष 1988, वर्ष 2000 एवं वर्ष 2005 में किये जा चुके हैं। प्रस्तावित संशोधन यदि लागू किया जाता है, उस स्थिति में यह इस ढाँचे की पाँचवीं बार पुनरावृत्ति होगी।
- NCF के चार खंड:
- उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य शिक्षाशास्त्र सहित पाठ्यक्रम में सकारात्मक बदलावों के माध्यम से, NEP-2020 में परिकल्पित भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली को सकारात्मक रूप से बदलने में मदद करना है।
- इसका उद्देश्य भारत के संविधान द्वारा परिकल्पित समतामूलक, समावेशी और बहुलवादी समाज को साकार करने के अनुरूप सभी बच्चों को उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्या है?
- परिचय:
- NEP-2020 भारत में शिक्षा सुधार के लिये तैयार किया गया एक व्यापक फ्रेमवर्क है जिसे वर्ष 2020 में मंजूरी दी गई थी, जिसका उद्देश्य शिक्षा के लिये एक समग्र और बहु-विषयक दृष्टिकोण प्रदान करके भारत की शिक्षा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण बदलाव लाना है।
- NEP 2020 की विशेषताएँ:
- प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण।
- छात्रों के संज्ञानात्मक और सामाजिक-भावनात्मक विकास पर आधारित एक नई शैक्षणिक एवं पाठ्यचर्या संरचना का परिचय।
- प्राथमिक शिक्षा में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के विकास पर बल।
- शिक्षा में अनुसंधान एवं विकास पर फोकस बढ़ाया गया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रारंभिक:प्रश्न. संविधान के निम्नलिखित में से किस प्रावधान का भारत की शिक्षा पर प्रभाव पड़ता है? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर- (d) मेन्स:प्रश्न1. भारत में डिजिटल पहल ने किस प्रकार से देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन में योगदान किया है? विस्तृत उत्तर दीजिये। (2020) प्रश्न 2. जनसंख्या शिक्षा के प्रमुख उद्देश्यों की विवेचना करते हुए भारत में इन्हें प्राप्त करने के उपायों पर विस्तृत प्रकाश डालिये। (2021) |