RBI ने सीमा पार लेनदेन के लिये FEMA नियमों को उदार बनाया | 21 Jan 2025
स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड
चर्चा में क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सीमा पार लेनदेन में भारतीय रुपए (INR) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) 1999 के तहत मानदंडों को उदार बनाया है।
- इस पहल का उद्देश्य भारतीय रुपए को स्थिर करना तथा इसके अंतर्राष्ट्रीयकरण को प्रोत्साहित करना है, विशेषकर ऐसे समय में जब मुद्रा मूल्यह्रास दबावों का सामना कर रही है।
RBI द्वारा FEMA विनियमों में क्या परिवर्तन किये गए हैं?
- अनिवासियों के लिये INR खाते खोलना: अधिकृत डीलर बैंकों की विदेशी शाखाएँ अब अनिवासियों के लिये INR खाते खोल सकती हैं। यह अनिवासियों को भारत के निवासियों के साथ सभी अनुमेय चालू और पूंजी खाता लेनदेन को भारतीय रुपए में निपटाने की अनुमति देता है।
- प्रत्यावर्तनीय INR खाते: RBI ने अनिवासियों को अपने प्रत्यावर्तनीय INR खातों, जैसे विशेष अनिवासी रुपया खाते (SNRR) और विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (SRVA) में शेष राशि का उपयोग करके अन्य अनिवासियों के साथ लेनदेन का निपटान करने में सक्षम बनाया है।
- विदेशी निवेश: अनिवासी भारतीय (NRI) अब अपने INR खाते में शेष राशि का उपयोग गैर-ऋण साधनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सहित विदेशी निवेश करने के लिये कर सकते हैं। इससे वैश्विक निवेश प्रवाह में INR की भूमिका मज़बूत होती है।
- निर्यातकों के लिये विदेशी मुद्रा खाते: भारतीय निर्यातक अब व्यापार लेनदेन निपटाने के लिये विदेश में किसी भी विदेशी मुद्रा में खाते खोल सकते हैं। इसमें निर्यात आय प्राप्त करना और आयात के भुगतान के लिये उस धन का उपयोग करना शामिल है।
NRI खाते
- NRI खाता: NRI (अनिवासी बाह्य) खाता NRI द्वारा अपने निवास देश से आय के आधार पर खोला जा सकता है, लेकिन धनराशि भारतीय रुपए में रखी जाती है।
- NRI खाते से प्राप्त आय कर-मुक्त है, तथा मूलधन एवं ब्याज दोनों ही कर-मुक्त हैं।
- NRO खाता: NRO (अनिवासी साधारण) खाता NRI द्वारा भारत में अर्जित आय (जैसे, किराये की आय, व्यावसयिक आय, लाभांश, आदि) का प्रबंधन करने के लिये खोला जाता है, तथा इसे भारतीय रुपए में रखा जाता है। NRO खाते पर अर्जित ब्याज कर योग्य है।
- FCNR (B) खाता: FCNR (विदेशी मुद्रा अनिवासी) खाता NRI या भारतीय मूल के व्यक्तियों (POI) को RBI द्वारा निर्धारित किसी भी विदेशी मुद्रा में अपने निवास के देश में आय जमा करने की अनुमति प्रदान करता है।
- FCNR खाते से प्राप्त आय कर-मुक्त होती है, जिसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल हैं।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999
- परिचय: वर्ष 1973 के विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (FERA) को वर्ष 1999 में FEMA द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य देश के उदारीकरण के बाद के आर्थिक परिवर्तनों के अनुरूप भारत के विदेशी मुद्रा बाज़ार के व्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करते हुए बाह्य व्यापार और भुगतान को बढ़ावा देना है।
- FEMA विदेशी मुद्रा लेनदेन को चालू खाता लेनदेन और पूंजी खाता लेनदेन में वर्गीकृत करता है।
- पूंजी खाता लेनदेन: यह उन लेनदेन को संदर्भित करता है जो भारत के निवासियों की भारत से बाहर की परिसंपत्तियों या देनदारियों में परिवर्तन करते हैं, या इसके विपरीत।
- इस श्रेणी के अंतर्गत जाने वाले प्रमुख लेन-देन में विदेशी प्रतिभूतियों का अंतरण अथवा निर्गमन, निवासियों और अनिवासियों के बीच विदेशी मुद्रा अथवा रुपए में उधार लेना या देना, मुद्रा नोटों का निर्यात/आयात एवं भारत अथवा विदेश में अचल संपत्ति का अधिग्रहण या अंतरण शामिल हैं।
- चालू खाता लेनदेन: इसमें वे लेनदेन शामिल हैं जो पूंजी खाता लेनदेन से संबंधित नहीं हैं। इसमें विदेशी व्यापार, सेवाओं और निवेश से होने वाली आय के लिये भुगतान और साथ ही विप्रेषण और विदेशी सहायता जैसे अंतरण शामिल हैं।
- मुख्य उद्देश्य और प्रावधान:
- सिविल अपराध: FEMA के अंतर्गत किया गया उल्लंघन सिविल अपराध माना जाता है, जबकि FERA की प्रकृति आपराधिक थी।
- RBI की भूमिका: RBI के पास नियम जारी करने और FEMA के कार्यान्वयन की देखरेख करने का अधिकार है।
रुपए का अंतर्राष्ट्रीयकरण
- परिचय: इस प्रक्रिया में सीमा पार लेन-देन में स्थानीय मुद्रा के उपयोग को बढ़ावा देना शामिल है। इसमें आयात और निर्यात व्यापार के लिये रुपए को बढ़ावा देना और अन्य चालू खाता लेन-देन के साथ-साथ पूंजी खाता लेन-देन में इसके उपयोग को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- जुलाई 2022 में, भारत ने व्यापार में INR के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये स्पेशल रुपी वोस्ट्रो अकाउंट (SRVA) पेश किया।
- इसके अतिरिक्त, RBI ने स्थानीय मुद्राओं में सीमा पार लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिये संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया और मालदीव के केंद्रीय बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये।
- दिसंबर 2023 में, विदेशी मुद्रा प्रबंधन विनियमों को संशोधित किया गया जिसका उद्देश्य भारतीय रुपए सहित सभी विदेशी मुद्राओं में सीमा पार लेनदेन की अनुमति प्रदान करना था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. रुपए की परिवर्तनीयता से क्या तात्पर्य है? (2015) (a) रुपए के नोटों के बदले सोना प्राप्त करना उत्तर: (c) प्रश्न. भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से किससे/किनसे चालू खाता बनता है? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) |