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भारतीय अर्थव्यवस्था

वोस्त्रो अकाउंट

  • 22 Feb 2023
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विदेश व्यापार, मुद्रा मूल्यह्रास और अभिमूल्यन, वैश्विक प्रतिबंध, भुगतान संतुलन

मेन्स के लिये:

रुपए का अंतर्राष्ट्रीयकरण, भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक प्रतिबंधों का प्रभाव, रुपए में व्यापार करने के लाभ और चुनौतियाँ, अर्थव्यवस्था में सरकार का हस्तक्षेप

चर्चा में क्यों?

भारत और रूस के बीच व्यापारिक लेन-देन के भुगतान का निपटान रुपए में करने के लिये 20 रूसी बैंकों ने भारतीय साझेदार बैंकों के साथ विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (Special Rupee Vostro Accounts- SRVA) खोले हैं।

  • इसके साथ ही सभी प्रमुख घरेलू बैंकों ने व्यवस्था के तहत निर्यातकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को हल करने हेतु अपने नोडल अधिकारियों को सूचीबद्ध किया है।

पृष्ठभूमि:

  • जुलाई 2022 में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने वैश्विक व्यापार विकास को बढ़ावा देने हेतु रुपए में अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के निपटान के लिये तंत्र शुरू किया था, जिसमें भारत से निर्यात पर ज़ोर दिया गया था, साथ ही रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में बढ़ावा दिया गया था।
    • रूस जैसे प्रतिबंध-प्रभावित देशों के साथ व्यापार को सक्षम करने की भी उम्मीद है। 
  • भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित तंत्र के अनुसार, भागीदार देशों के बैंक विशेष रुपया वास्ट्रो खाते खोलने हेतु भारत में अधिकृत डीलर बैंकों से संपर्क कर सकते हैं। अधिकृत डीलर बैंक को ऐसी व्यवस्था के विवरण के साथ केंद्रीय बैंक से अनुमोदन लेना होगा।

SRVA व्यवस्था:

  • परिचय:  
    • वोस्ट्रो खाता वह खाता है जिसमें घरेलू बैंक विदेशी बैंकों के लिये घरेलू मुद्रा रखते हैं, इस मामले में रुपया
      • घरेलू बैंक इसका उपयोग अपने उन ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने हेतु करते हैं जिनको वैश्विक बैंकिंग की ज़रूरत है।   
    • SRVA मौजूदा प्रणाली के लिये एक अतिरिक्त व्यवस्था है जो स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय मुद्राओं का उपयोग करती है और एक मानार्थ (Complimentary) प्रणाली के रूप में काम करती है।
      • मौजूदा प्रणालियों को व्यापार की सुविधा के लिये अमेरिकी डॉलर और पाउंड जैसी मुद्राओं में संतुलन और अपनी स्थिति बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
  • ढाँचा: 
    • तीन महत्त्वपूर्ण घटक- इनवॉइस, विनिमय दर और निपटान हैं।
      • सभी निर्यात और आयात भारतीय राष्ट्रीय रुपए में होना चाहिये और इसी मुद्रा (INR) में भुगतान किया जाना चाहिये।
      • ट्रेडिंग पार्टनर देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दर बाज़ार-आधारित होगी।
      • अंतिम भुगतान भी भारतीय रुपए में किया जाना चाहिये।
  • कार्य: 
    • ट्रेडिंग पार्टनर देशों के संपर्की बैंकों (Correspondent Bank) के लिये SRVA खाते अधिकृत घरेलू डीलर बैंकों द्वारा खोला जाना चाहिये।
    • घरेलू आयातकों को अंतर्राष्ट्रीय विक्रेता/आपूर्तिकर्त्ता से वस्तुओं अथवा सेवाओं की आपूर्ति के लिये बिलों का भुगतान (INR में) संपर्की बैंक के SRVA खाते में करना होगा।
    • इसी तरह भागीदार देश के संपर्की बैंक के निर्दिष्ट खाते में शेष राशि का उपयोग घरेलू निर्यातकों को निर्यात आय (INR में) का भुगतान करने के लिये किया जाता है।
    • उपरोक्त रूप से रुपए भुगतान तंत्र के तहत भारतीय निर्यातकों को निर्यात के लिये विदेशी खरीदारों से भारतीय रुपए में अग्रिम भुगतान मिल सकता है।
    • फिर भी यह सुनिश्चित करने के लिये घरेलू बैंक की पहली प्राथमिकता होनी चाहिये कि उपलब्ध धन का उपयोग वर्तमान भुगतान दायित्त्वों को पूरा करने के लिये किया जाता है, जैसे कि पहले से ही निष्पादित निर्यात ऑर्डर्स अथवा आगामी निर्यात भुगतान।
    • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 यह निर्धारित करता है कि वर्तमान नियमों के अनुरूप सभी सीमा पार लेन-देन की सूचना दी जानी चाहिये।
  • बैंकों के लिये पात्रता मानदंड: 
    • SRVA खोलने के लिये भागीदार देशों के बैंकों से संपर्क के बाद अधिकृत घरेलू बैंक व्यवस्था का विवरण प्रदान करते हुए शीर्ष बैंकिंग नियामक से अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
    • यह सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी घरेलू बैंक की है कि संपर्की बैंक वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) के उच्च जोखिम और गैर-सहकारी न्यायालयों की सूची में उल्लिखित देश से नहीं है। 
    • अधिकृत बैंक एक ही देश के विभिन्न बैंकों के लिये कई SRV खाते खोल सकते हैं।

व्यवस्था का उद्देश्य:

  • विदेशी मुद्रा की मांग कम करना: आर्थिक सर्वेक्षण (2022-23) ने तर्क दिया था कि व्यवस्था काफी हद तक "चालू खाते से संबंधित व्यापार प्रवाह के निपटान के लिये विदेशी मुद्रा की शुद्ध मांग" को कम कर सकती है। 
  • विदेशी मुद्रा की मांग कम होने से यह रुपए की गिरावट को रोकेगा।
  • बाह्य आघात के प्रति कम भेद्यता: विदेशी मुद्राओं पर निर्भरता कम होने से देश बाह्य आघातों के प्रति कम संवेदनशील होगा। 
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में रुपया: रुपए के निपटान तंत्र की सफलता के बाद दीर्घावधि में यह रुपए को एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में बढ़ावा देगा।
    • बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के त्रिवार्षिक केंद्रीय बैंक सर्वेक्षण, 2022 के अनुसार, सभी ट्रेडों में अमेरिकी डॉलर का हिस्सा 88% है और रुपए की हिस्सेदारी 1.6% थी। 
  • स्वीकृत देशों के साथ व्यापार:
    • जब से रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, भुगतान समस्याओं के कारण देश के साथ व्यापार लगभग ठप हो गया है। 
    • RBI द्वारा शुरू किये गए व्यापार सुविधा तंत्र के परिणामस्वरूप हम रूस के साथ भुगतान समस्याओं को कम होते हुए देख रहे हैं। 

नोस्ट्रो खाता:

  • नोस्ट्रो खाता एक बैंक द्वारा किसी अन्य बैंक में खोला गया खाता है। यह ग्राहकों को दूसरे बैंक के खाते में पैसा जमा करने की अनुमति देता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी बैंक की विदेश में कोई शाखा न हो। नोस्ट्रो एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है "हमारा"। 
    • मान लें कि बैंक "A" की रूस में कोई शाखा नहीं है, लेकिन बैंक "B" है। अब रूस में जमा राशि प्राप्त करने के लिये "B" के साथ "A" नोस्ट्रो खाता खोलेगा।
    • अब यदि रूस में कोई ग्राहक "A" को पैसा भेजना चाहता है, तो वह "B" में A के खाते में इसे जमा कर सकता है। "B" उस पैसे को "A" में स्थानांतरित कर देगा।
  • डिपॉज़िट अकाउंट और नोस्ट्रो अकाउंट के मध्य मुख्य अंतर यह है कि डिपॉज़िट अकाउंट व्यक्तिगत जमाकर्त्ताओं के पास होता है, जबकि नोस्ट्रो विदेशी संस्थानों के पास होता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रश्न. रुपए की परिवर्तनीयता का अर्थ है: (2015)

(a) रुपए के नोटों को सोने में बदलने में सक्षम होना
(b) रुपए के मूल्य को बाज़ार की शक्तियों द्वारा तय करने की अनुमति देना
(c) रुपए को अन्य मुद्राओं में बदलने की स्वतंत्र रूप से अनुमति देना और इसके विपरीत अन्य मुद्राओं को रुपए में     बदलने की अनुमति देना
(d) भारत में मुद्राओं के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार का विकास करना

उत्तर: (c)

स्रोत: द हिंदू

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