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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 जुलाई, 2023

  • 18 Jul 2023
  • 5 min read

आंध्र प्रदेश में मच्छर नियंत्रण के लिये जल निकायों में गंबूसिया मछली छोड़ी गई

आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिये राज्य के जल निकायों में लगभग 10 मिलियन गंबूसिया मछलियाँ (जिसे मॉस्किटोफिश भी कहा जाता है) छोड़ी गई हैं। इससे जलीय मूल प्रजातियों और पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन को होने वाले संभावित नुकसान को लेकर चिंता जताई जा रही है। मूलतः दक्षिणपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाई जाने वाली गंबूसिया मछली प्रतिदिन 100 से 300 मच्छरों के लार्वा/अंडे खा सकती है। मच्छर के लार्वा/अंडे को नियंत्रित अथवा सीमित करने के लिये इस मछली का व्यापक उपयोग एक जैविक अभिकारक के रूप में किया जाता है, साथ ही एक आक्रामक विदेशी प्रजाति होने के नाते इसकी प्रभावशीलता और अनपेक्षित परिणामों को लेकर विवाद चलता रहता है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने गंबूसिया को विश्व की 100 सबसे खराब आक्रामक विदेशी प्रजातियों में से एक घोषित किया है। भारत सहित कई देशों ने गंबूसिया को आक्रामक प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया है। हालाँकि यह मछली देश के मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा बनी हुई है और इसे आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे देश भर के राज्यों के मीठे जल निकायों में छोड़े जाने का काम जारी है।  

अवध के अंतिम बादशाह नवाब वाजिद अली शाह को श्रद्धांजलि 

कोलकाता अवध के अंतिम बादशाह नवाब वाजिद अली शाह के द्विशताब्दी वर्ष का जश्न मनाने के लिये पूरी तरह तैयार है, जिन्हें अंग्रेज़ों ने अपदस्थ कर दिया था और कोलकाता के उपनगर मेटियाब्रुज़ में निर्वासित कर दिया था, जहाँ उन्होंने अपने अंतिम वर्ष बिताए थे। नवाब वाजिद अली शाह कला, संगीत, नृत्य, कविता और व्यंजनों के अच्छे पारखी थे तथा उन्होंने अपने दरबार में कई कलाकारों का समर्थन किया। हालाँकि वाजिद अली शाह का उपनाम "कैसर" था, उन्होंने अपनी कई रचनाओं के लिये छद्म नाम "अख्तरपिया" का इस्तेमाल किया।

CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल  

सहकारिता मंत्रालय नई दिल्ली में 'CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल' का उद्घाटन करेगा जो सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्त्ताओं की शिकायतों को हल करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस समर्पित पोर्टल का लक्ष्य रुपए की संवितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार "सहारा-SEBI रिफंड खाते" से 5000 करोड़ रुपए सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (CRCS) को हस्तांतरित कर दिये गए हैं। वास्तविक जमाकर्त्ता अब इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने दावे जमा कर सकते हैं। सहकारी समितियाँ राज्य के अधिकार क्षेत्र द्वारा शासित होती हैं जो अनेक राज्यों में संचालित होती हैं। ये बहु-राज्य सहकारी समिति (MSCS) अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत होती हैं तथा इनका प्रशासनिक एवं वित्तीय नियंत्रण केंद्रीय रजिस्ट्रार के अधीन होता है।

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रूस द्वारा ब्लैक सी ग्रेन पहल को रोकने से वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर असर 

रूस द्वारा ब्लैक सी ग्रेन पहल में हालिया रोक ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। जुलाई 2022 में संयुक्त राष्ट्र और तुर्की की मध्यस्थता से हुए इस निर्णायक समझौते ने यूक्रेन को अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के देशों में अनाज भेजने की अनुमति दी। हालाँकि सौदे को निलंबित करने के रूस के फैसले ने आवश्यक खाद्य आपूर्ति के प्रवाह को बाधित कर दिया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ भुखमरी एक बढ़ता खतरा है और उच्च खाद्य कीमतों ने पहले से ही अधिक लोगों को गरीबी में धकेल दिया है।

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