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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 05 सितंबर, 2023

  • 05 Sep 2023
  • 7 min read

WHO का गुजरात घोषणापत्र

"गुजरात घोषणा" के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले WHO पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन 2023 का परिणाम दस्तावेज़ जारी किया है।

  • भारत ने गुजरात में पहले WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र की मेज़बानी की।
  • इस घोषणापत्र में स्वदेशी ज्ञान, जैवविविधता और पारंपरिक, पूरक तथा एकीकृत चिकित्सा के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की गई।
  • गुजरात घोषणा का उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और स्वास्थ्य संबंधी सतत् विकास लक्ष्यों के लिये साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा हस्तक्षेप को आगे बढ़ाना है।
    • यह पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में मानकीकृत दस्तावेज़ीकरण और डेटा संग्रह की मांग करता है।
  • इस शिखर सम्मेलन में पारंपरिक चिकित्सा में AI सहित डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों की भूमिका की संभावनाओं पर चर्चा की गई।

और पढ़ें…पारंपरिक चिकित्सा के लिये वैश्विक केंद्र: गुजरात

अनुच्छेद 371D की समाप्ति से आंध्र प्रदेश के 'स्थानीय कोटा' को लेकर अनिश्चितताएँ

अनुच्छेद 371D के समाप्त होने के कारण संरक्षित शैक्षणिक संस्थानों में आंध्र प्रदेश के छात्रों के 'स्थानीय कोटा' को लेकर अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है क्योंकि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 अपने निर्धारित अवधि के बाद मई 2024 में समाप्त हो जाएगा।

  • संविधान का अनुच्छेद 371 देश के 11 राज्यों के लिये "विशेष प्रावधान" करता है, जिसमें पूर्वोत्तर के छह राज्य (त्रिपुरा और मेघालय को छोड़कर) शामिल हैं।
  • अनुच्छेद 371D को वर्ष 1973 में संविधान में 32वें संशोधन द्वारा शामिल किया गया था।
    • यह विशेष रूप से आंध्र प्रदेश (जहाँ 1970 के दशक की शुरुआत में आंदोलन हुए थे) के क्षेत्रों पर लागू होता है।
    • अनुच्छेद 371D को शिक्षा और रोज़गार में स्थानीय छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा के लिये पेश किया गया था।
  • अनुच्छेद 371D के तहत शैक्षणिक संस्थानों में 85% सीटें स्थानीय छात्रों के लिये आरक्षित हैं।
    • इस प्रावधान ने विशिष्ट क्षेत्रों में छात्रों के लिये शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

और पढ़ें…तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच गतिरोध 

भारत में सिंचाई क्षेत्र में विद्युत उपयोग बढ़ा: MIC के छठे संस्करण की रिपोर्ट

लघु सिंचाई गणना (Minor Irrigation Census- MIC) रिपोर्ट का हाल ही में प्रकाशित छठा संस्करण भारतीय सिंचाई में नियोजित विद्युत स्रोतों के संबंध में महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

  • MIC भारत में सिंचाई के लिये प्राथमिक ऊर्जा स्रोत में एक उल्लेखनीय परिवर्तन पर प्रकाश डालता है, जिसमें विद्युत को केंद्र बिंदु के रूप में रखा गया है।
    • वर्ष 2011 में 56% सिंचाई के लिये विद्युत प्रमुख ऊर्जा स्रोत थी, यह आँकड़ा वर्ष 2017 तक बढ़कर 70% हो गया।
  • हालाँकि ये निष्कर्ष वर्ष 2017-18 की अवधि के लिये विशिष्ट हैं तथा सिंचाई प्रथाओं की वर्तमान स्थिति का सटीक प्रतिनिधित्व प्रदान नहीं करते हैं।

भारतीय वायुसेना के त्रिशूल अभ्यास का पश्चिमी वायु कमान की तत्परता हेतु परीक्षण 

भारतीय वायुसेना (IAF) ने पश्चिमी वायु कमान (WAC) के तहत सभी लड़ाकू वाहनों की सक्रियता के साथ अपना वार्षिक विशाल प्रशिक्षण अभ्यास, त्रिशूल शुरू किया है।

  • इस आंतरिक अभ्यास में कश्मीर के लेह से लेकर राजस्थान के नाल तक तैनात किये गए जेट, परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर सहित अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू वाहनों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है।
  • त्रिशूल कमांड की परिचालन तैयारियों की एक महत्त्वपूर्ण परीक्षा के रूप में कार्य करता है, जिसकी श्रेणी और जटिलता के कारण उच्च स्तर के समन्वय और तत्परता की आवश्यकता होती है। 

और पढ़ें… भारतीय वायुसेना का आधुनिकीकरण

इज़रायली प्रधानमंत्री द्वारा एशिया और मध्य पूर्व से यूरोप को जोड़ने हेतु फाइबर ऑप्टिक लिंक का प्रस्ताव 

इज़रायल के प्रधानमंत्री ने एशिया और अरब प्रायद्वीप को इज़रायल तथा साइप्रस के माध्यम से यूरोप से जोड़ने के लिये एक फाइबर ऑप्टिक केबल परियोजना का प्रस्ताव रखा है।

  • यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि फाइबर ऑप्टिक कनेक्शन  अंतर्राष्ट्रीय संचार के लिये एक लागत प्रभावी और सुरक्षित मार्ग के रूप में कार्य करता है।
  • यह प्रस्ताव ऊर्जा परियोजनाओं पर साइप्रस और ग्रीस के साथ इज़रायल के सहयोग को बढ़ावा देगा, जैसे कि यूरेशिया इंटरकनेक्टर(EurAsia Interconnector), 2,000 मेगावाट की समुद्री बिजली केबल परियोजना
  • इसके अतिरिक्त यूरोप के साथ पूर्वी भूमध्य बेसिन के संबंधों को मज़बूत करने के लिये इसमें गैस पाइपलाइनों और तरलीकृत प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण संयंत्रों सहित ऊर्जा विविधीकरण की योजनाएँ भी शामिल हैं।
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