लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

जैव विविधता और पर्यावरण

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 मई, 2023

  • 04 May 2023
  • 8 min read

समलैंगिक जोड़ों के जीवन को आसान बनाएगी सरकार

केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह बैंकिंग, बीमा आदि जैसे क्षेत्रों में अपने दैनिक जीवन में समलैंगिक जोड़ों द्वारा सामना की जाने वाली "वास्तविक, मानवीय चिंताओं" का निदान करने हेतु प्रशासनिक उपायों पर विचार करने के लिये कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाने को तैयार है। सर्वोच्च न्यायालय ने सुझाव दिया है कि समलैंगिक जोड़े इसे ऑल-ऑर-नॉन दृष्टिकोण के बजाय भविष्य में सुधार की नींव के रूप में देखें। हालाँकि याचिकाकर्त्ता कानूनी रूप से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने हेतु न्यायालय से न्यायिक घोषणा की मांग कर रहे हैं, यह तर्क देते हुए कि विवाह एक रिश्ते को अर्थ, उद्देश्य और पहचान देता है। न्यायालय ने कहा कि भले ही यह समलैंगिक विवाह को मान्यता दे, इन संबंधों से उत्पन्न होने वाली मानवीय चिंताओं को दूर करने हेतु प्रशासनिक एवं विधायी परिवर्तनों की अभी भी आवश्यकता होगी। सरकार इन मानवीय चिंताओं को दूर करने हेतु तैयार है लेकिन समलैंगिक संबंधों को विवाह का दर्जा देने के लिये अनिच्छुक है।
और पढ़ें…समलैंगिक विवाह: समानता हेतु संघर्ष

अंग दान और प्रत्यारोपण निर्देश पुस्तिका

भारत में राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (National Organ and Tissue Transplant Organisation- NOTTO) अस्पतालों में अंग दान और प्रत्यारोपण कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिये प्रत्यारोपण समन्वयकों के प्रशिक्षण के लिये एक प्रत्यारोपण मैनुअल/निर्देश पुस्तिका तथा मानक प्रक्रिया विकसित कर रहा है। NOTTO ने समन्वय, प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन/लेखा के लिये वर्टिकल भी बनाए हैं। भारत सरकार ने अंगदान करने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को कल्याणकारी उपाय के रूप में 42 दिनों तक का विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि देश में अंग प्रत्यारोपण की संख्या वर्ष 2013 में 5,000 से बढ़कर वर्ष 2022 में 15,000 से अधिक हो गई है, इसका प्रमुख कारण राष्ट्रीय, राज्य तथा क्षेत्रीय स्तर पर अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठनों के नेटवर्क के माध्यम से बेहतर समन्वय है। वर्ष 2016 में 930 मृतक दाताओं से प्राप्त 2,265 अंगों का प्रत्यारोपण हेतु उपयोग किया गया था, जबकि वर्ष 2022 में 904 मृत दाताओं से प्राप्त 2,765 अंगों का उपयोग किया गया।
और पढ़ें… राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण दिशा-निर्देश

RVNL को नवरत्न का दर्जा

RVNL को नवरत्न का दर्जा प्रदान कर इसे अधिक परिचालन स्वतंत्रता, वित्तीय स्वायत्तता और शक्तियों का प्रत्यायोजन प्रदान किया गया है। रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), रेल मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम, को नवरत्न का दर्जा दिया गया है। इस कंपनी को वर्ष 2003 में नवरत्न की सूची में शामिल किया गया था, जिसे रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को लागू करने और विशेष प्रयोजन वाहनों (SPV) के लिये अतिरिक्त बजटीय संसाधन जुटाने के लिये स्थापित किया गया था। RVNL ने 2005 में परिचालन शुरू किया और वर्ष 2013 में इसे मिनी-रत्न का दर्जा दिया गया। RVNL रेल परियोजना के विकास एवं कार्यों के निष्पादन, परियोजना विशिष्ट SPV बनाने तथा संचालन एवं रखरखाव हेतु संबंधित क्षेत्रीय रेलवे को पूरी की गई रेलवे परियोजनाओं को सौंपने के लिये ज़िम्मेदार है। RVNL को नवरत्न का दर्जा प्रदान करने से इसे अधिक परिचालन स्वतंत्रता, वित्तीय स्वायत्तता और शक्तियों का प्रत्यायोजन प्रदान किया गया है। नवरत्न का दर्जा भारत सरकार द्वारा चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (PSEs) को दी गई एक मान्यता है, जिनके पास वित्तीय और परिचालन स्वायत्तता है। यह स्थिति PSEs को केंद्र सरकार से बिना किसी अनुमोदन के 1000 करोड़ रुपए तक का निवेश करने में सक्षम बनाती है, जिससे वे निर्णय लेने, कार्मिक प्रबंधन और संयुक्त उपक्रमों में अधिक लचीलापन ला सकें।
और पढ़ें… REC को महारत्न का दर्जा

मेटावेलेंट बॉन्डिंग

जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बंगलूरू के वैज्ञानिकों की एक टीम ने ठोस पदार्थों में एक नए प्रकार के रासायनिक बंधन की खोज की है जिसे मेटावैलेंट बॉन्डिंग कहा जाता है। इसमें धातुओं में मौजूद बॉन्डिंग और ग्लास में पाए जाने वाले बॉन्डिंग दोनों के गुण होते हैं, जो रसायन विज्ञान में शास्त्रीय ऑक्टेट नियम की अवहेलना करता है। मेटावैलेंट बॉन्डिंग का उपयोग क्वांटम सामग्री में थर्मोइलेक्ट्रिक प्रदर्शन को अनुकूलित करने और अपशिष्ट गर्मी को कुशलता से बिजली में बदलने के लिये किया जा सकता है। उन्होंने जाँच के लिये एक प्रसिद्ध टोपोलॉजिकल इंसुलेटर TlBiSe2 को चुना तथा उत्कृष्ट विद्युत गुणों वाली सामग्रियों की खोज ने उन्हें क्वांटम सामग्रियों की ओर आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि TlBiSe2 मेटावैलेंट बॉन्डिंग को प्रदर्शित करता है, जो जालीय कतरनी (lattice shearing) के माध्यम से आंतरिक रूप से बिखरने वाले फोनोंस के एक नए तरीके की सुविधा प्रदान करता है। तर्कसंगत रासायनिक डिज़ाइनिंग द्वारा उन्होंने क्वांटम सामग्री में दिलचस्प उभरते गुणों को महसूस किया है, जो हरित ऊर्जा उत्पादन के लिये उत्कृष्ट संभावनाएँ दर्शाता है और भारत के नए लॉन्च किये गए क्वांटम मिशन को एक नई दिशा प्रशस्त कर सकता है।
और पढ़ें… राष्ट्रीय क्वांटम मिशन

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2