प्रिलिम्स फैक्ट्स : 21 जनवरी, 2021 | 21 Jan 2021
बांदीपुर टाइगर रिज़र्व
Bandipur Tiger Reserve
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिज़र्व के नज़दीक नुगु जलाशय में फंँसे एक जंगली हाथी को बचाया गया है।
- बाघ जनगणना 2018 के अनुसार, देश में मध्य प्रदेश के बाद कर्नाटक दूसरे स्थान पर है जहाँ बाघों की सर्वाधिक संख्या विद्यमान है।
प्रमुख बिंदु:
- स्थापना: इसकी स्थापना प्रोजेक्ट टाइगर के तहत वर्ष 1973 में की गई थी। वर्ष 1985 में वेणुगोपाला वन्यजीव पार्क से सटे क्षेत्रों को शामिल कर इसके क्षेत्रफल में वृद्धि की गई तथा बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान नाम दिया गया।
- अवस्थिति: यह कर्नाटक के दो निकटतम ज़िलों (मैसूर और चामराजनगर) में फैला हुआ है तथा कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों के त्रि-जंक्शन क्षेत्र में स्थित है। यह नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का एक हिस्सा है।
- पारिस्थितिक विविधता: यह देश के सबसे समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है जो चारों ओर से निम्नलिखित जैव विविधता संपन्न क्षेत्रों से घिरा हुआ है:
- दक्षिण में मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व (तमिलनाडु)।
- दक्षिण-पश्चिम में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल)।
- काबिनी जलाशय उत्तर-पश्चिम में बांदीपुर और नागरहोल टाइगर रिज़र्व को अलग करता है।
- जैव विविधता: यह विभिन्न पुष्प प्रजातियों और जीव विविधता से संपन्न क्षेत्र है और देश के मेगा जैव विविधता क्षेत्रों (Mega Biodiversity Areas) के रूप में पहचाना जाता है।
- बांदीपुर के साथ-साथ नागरहोल, मुदुमलाई, सत्यमंगलम और वायनाड में बाघों की वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है।
- यह विश्व में एशियाई हाथियों की आबादी का सबसे बड़ा आश्रय स्थल है तथा मैसूर एलीफेंट रिज़र्व (Mysore Elephant Reserve- MER) का हिस्सा है।
- नदियाँ और उच्चतम बिंदु: यह पार्क उत्तर में कबिनी नदी और दक्षिण में मोयार नदी के मध्य स्थित है। नुगु नदी पार्क के मध्य से बहती है। पार्क का उच्चतम बिंदु हिमवद गोपालस्वामी बेट्टा (Himavad Gopalaswamy Betta) नामक पहाड़ी पर स्थित है।
- कर्नाटक में अन्य टाइगर रिज़र्व :
- भद्रा टाइगर रिज़र्व (Bhadra Tiger Reserve)
- नागरहोल टाइगर रिज़र्व (Nagarahole Tiger Reserve)
- डंडेली-अंशी टाइगर रिज़र्व (Dandeli-Anshi Tiger Reserve)
- बिलिगिरी रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिज़र्व (Biligiri Ranganatha Swamy Temple (BRT) Tiger Reserve)
- इसके अलावा मलाई महादेश्वरा वन्यजीव अभयारण्य को बाघ आरक्षित क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।
एशियाई हाथी
- उप-प्रजातियाँ: एशियाई हाथी की तीन उप-प्रजातियाँ हैं- भारतीय, सुमात्रा और श्रीलंकाई।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN की रेड लिस्ट में लुप्तप्राय सूची में शामिल।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची I में शामिल।
- संरक्षण हेतु प्रयास :
- गज यात्रा।
- हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी हेतु कार्यक्रम (Monitoring the Illegal Killing of Elephants- MIKE)।
- प्रोजेक्ट एलीफेंट।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती
Guru Gobind Singh
हाल ही में प्रधानमंत्री ने गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रमुख बिंदु:
गुरु गोबिंद सिंह:
- दस सिख गुरुओं में अंतिम गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर, 1666 को पटना, बिहार में हुआ था।
- गुरु गोबिंद सिंह की जयंती नानकशाही कैलेंडर पर आधारित है, जिसके अनुसार, वर्ष 2021 में उनकी जयंती 20 जनवरी के दिन मनाई गई, जबकि पिछले वर्ष यह 2 जनवरी को मनाई गई थी।
- गुरु गोबिंद सिंह अपने पिता‘गुरु तेग बहादुर’ यानी नौवें सिख गुरु की मृत्यु के बाद 9 वर्ष की आयु में 10वें सिख गुरु बने।
- वर्ष 1708 में उनकी हत्या कर दी गई थी।
योगदान:
- धार्मिक योगदान:
- उन्हें सिख धर्म में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिये जाना जाता है, जिसमें बालों को ढकने के लिये पगड़ी की शुरुआत भी शामिल है।
- उन्होंने खालसा या पाँच ‘ककार’ (Khalsa or the Five ‘K’s) के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया।
- ये पाँच ‘ककार’ हैं- केश, कंघा, कड़ा, कच्छा और कृपाण। ये आस्था की पाँच वस्तुएँ हैं जिन्हें एक खालसा को हमेशा धारण करना चाहिये।
- उन्होंने खालसा योद्धाओं के पालन करने हेतु कई अन्य नियम भी निर्धारित किये, जैसे- तंबाकू, शराब, हलाल मांस से परहेज आदि। खालसा योद्धा निर्दोष लोगों को उत्पीड़न से बचाने के लिये भी कर्तव्यनिष्ठ थे।
- उन्होंने अपने बाद गुरु ग्रंथ साहिब (खालसा और सिखों के धार्मिक पुस्तक) को दोनों समुदायों का अगला गुरु घोषित किया।
- सैन्य:
- उन्होंने वर्ष 1705 में मुगलों के खिलाफ मुक्तसर की लड़ाई लड़ी थी।
- वर्ष 1704 में आनंदपुर की लड़ाई में गुरु गोबिंद सिंह की मांँ और उनके दो नाबालिग पुत्रों की हत्या कर दी गई थी। इस लड़ाई में उनके बड़े बेटे की भी मौत हो गई।
- साहित्यिक योगदान:
- उनके साहित्यिक योगदान में ‘जाप साहिब’, ‘बेंती चौपाई’, ‘अमृत सवाई’, आदि शामिल हैं।
- उन्होंने ज़फरनामा भी लिखा था जो मुगल बादशाह औरंगज़ेब को लिखा गया एक पत्र था।
युद्धाभ्यास डेज़र्ट नाइट-21
Exercise Desert Knight-21
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force- IAF) तथा ‘फ्राँसीसी वायु और अंतरिक्ष बल’ द्वारा जोधपुर हवाई अड्डे पर 20-24 जनवरी, 2021 के बीच ‘डेज़र्ट नाइट-21’ (Desert Knight-21) नामक एक द्विपक्षीय युद्ध अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- इस युद्धाभ्यास में दोनों पक्षों द्वारा राफेल विमानों को शामिल किया गया और दोनों प्रमुख वायु सेनाओं के बीच समन्वय में वृद्धि होने के भी संकेत है।
- वर्तमान में युद्धाभ्यास ‘डेज़र्ट नाइट -21’ के लिये फ्राँसीसी सैन्य टुकड़ी को एशिया में उनकी 'स्काईरोज़ तैनाती' (Skyros Deployment) के हिस्से के रूप में तैनात किया गया है।
- भारत और फ्राँस के राफेल लड़ाकू जेट ‘एक्सरसाइज़ स्काईरोज़’ (Exercise SKYROS) नामक युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
- सितंबर 2020 से अब तक भारतीय वायु सेना में आठ राफेल लड़ाकू जेट को शामिल करते हुए उनका परिचालन शुरू किया गया है। गौरतलब है कि भारत द्वारा वर्ष 2016 में 7.87-बिलियन यूरो की लागत से फ्राँस के साथ 36 राफेल जेट विमानों के लिये अनुबंध किया गया था।
- भारत और फ्राँस के बीच रक्षा अभ्यास:
- वरुण (Varuna) – नौसैनिक युद्धाभ्यास
- गरुण (Garuda) –वायुसेना अभ्यास
- शक्ति (Shakti) – संयुक्त सैन्य अभ्यास
नोट:
- भारतीय वायु सेना द्वारा हिंद महासागर के संपूर्ण विस्तारित क्षेत्र पर अपने हवाई प्रभुत्व का प्रदर्शन करने के लिये गगन शक्ति अभ्यास का आयोजन किया जाता है।
- इसमें सभी भू-भागों जैसे- रेगिस्तान, अधिक ऊँचाई, समुद्री परिदृश्य में संचालन और विशेष अभियान शामिल है जिसे रियल टाइम एरियल कॉम्बैट, हवा से सतह पर मुकाबला, पैराट्रूपर अटैक और मेडिकल इवेकुएशन (Medical Evacuation) जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए संचालित किया जाता है।
- ‘गरुड़ शक्ति’ भारत एवं इंडोनेशिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
- ‘मित्र शक्ति’ भारत और श्रीलंका के बीच आयोजित किया जाने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास है।