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प्रीलिम्स फैक्ट्स: 14 अप्रैल, 2020

  • 14 Apr 2020
  • 13 min read

वायनाड वन्यजीव अभयारण्य

Wayanad Wildlife Sanctuary

13 अप्रैल, 2020 को केरल के वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (Wayanad Wildlife Sanctuary) में एक नर बाघ मृत पाया गया।

Wayanad

मुख्य बिंदु:

  • वायनाड वन्यजीव अभयारण्य केरल राज्य के वायनाड ज़िले में अवस्थित है।
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 344 वर्ग किमी. है जिसमें चार वन रेंज सुल्तान बथेरी (Sulthan Bathery), मुथांगा (Muthanga), कुरिचिअट (Kurichiat) और थोलपेट्टी (Tholpetty) शामिल हैं। इसकी स्थापना वर्ष 1973 में की गई थी।

भौगोलिक अवस्थिति:

  • वायनाड वन्यजीव अभयारण्य की भौगोलिक अवस्थिति इसलिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह कर्नाटक के उत्तर-पूर्वी भाग में बांदीपुर टाइगर रिज़र्व और नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान जैसे अन्य संरक्षित क्षेत्रों के साथ दक्षिण-पूर्व में तमिलनाडु के मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व को पारिस्थितिक और भौगोलिक निरंतरता (Ecological And Geographic Continuity) प्रदान करता है।
  • वायनाड वन्यजीव अभयारण्य मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, मुकुर्ती राष्ट्रीय उद्यान और शांत घाटी के साथ नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है। 
  • इस अभयारण्य में विश्व की एशियाई हाथियों (Asiatic Elephant) की सबसे बड़ी आबादी पाई जाती है। यह केरल का दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है।
  • यह अभयारण्य दक्कन के पठार का हिस्सा है और यहाँ की वनस्पति में मुख्य रूप से पर्णपाती वन तथा अर्द्ध-सदाबहार वृक्षों के चरागाह हैं।
  • केरल के वायनाड ज़िले में काबिनी और उसकी तीन सहायक नदियाँ (पनामारम, मनंथावादि और कालिंदी) प्रवाहित होती हैं। केरल के पूर्वी भाग में प्रवाहित होने वाली काबिनी कावेरी नदी की महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है।

129वीं अंबेडकर जयंती

129th Ambedkar Jayanti

भारतीय प्रधानमंत्री ने डॉ. बी. आर. अंबेडकर (Dr. B. R. Ambedkar) को उनकी 129वीं जयंती (14 अप्रैल) पर श्रद्धांजलि दी।

Dr-Ambedkar

मुख्य बिंदु:

  • डॉ. बी. आर. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को ब्रिटिश कालीन मध्य प्रांत (वर्तमान मध्य प्रदेश में) के महू में हुआ था।
  • उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय (Columbia University) और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और कानून, अर्थशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान में अपने शोध के लिये ख्याति प्राप्त की।
  • वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून एवं न्याय मंत्री तथा भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे।
  • ‘बाबा साहब’ के नाम से लोकप्रिय डॉ. बी. आर. अंबेडकर विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। जिन्होंने भारत में दलित बौद्ध (Dalit Buddhist) आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया।
  • भारत सरकार अधिनियम, 1919 का प्रस्ताव तैयार कर रही साउथबोरो समिति (Southborough Committee) के समक्ष अंबेडकर ने अछूतों एवं अन्य धार्मिक समुदायों के लिये अलग निर्वाचक मंडल एवं उनको आरक्षण देने का तर्क दिया था।
  • वर्ष 1920 में उन्होंने साप्ताहिक पत्र मूकनायक का प्रकाशन शुरू किया जिसने भारत में एक मुखर एवं संगठित दलित राजनीति की नींव रखी। इस समाचार पत्र का प्रकाशन मराठी भाषा में किया जाता था। 
  • वर्ष 1921 तक जब तक वह एक राजनेता नहीं बने थे तब तक अंबेडकर ने एक अर्थशास्त्री के रूप में काम किया। अंबेडकर द्वारा हिल्टन यंग कमीशन को प्रस्तुत किये गए विचारों पर ही भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का गठन किया गया। उन्होंने अर्थशास्त्र पर तीन किताबें लिखीं:
    • ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रशासन एवं वित्त (Administration and Finance of the East India Company) 
    • ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का विकास (The Evolution of Provincial Finance in British India)
    • रुपए की समस्या: इसका मूल और इसका समाधान (The Problem of the Rupee: Its Origin and Its Solution)
  • उन्होंने अपने पहले संगठित प्रयास के तौर पर वर्ष 1924 में एक केंद्रीय संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा (Bahishkrit Hitakarini Sabha) की स्थापना थी जिसका उद्देश्य शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक सुधार को बढ़ावा देना था।
  • उन्हें वर्ष 1925 में आल-यूरोपियन साइमन कमीशन के साथ काम करने के लिये बॉम्बे प्रेसीडेंसी समिति में नियुक्त किया गया था।
  • वर्ष 1927 में अंबेडकर ने अस्पृश्यता के खिलाफ सक्रिय आंदोलन शुरू किया। जिसमें उन्होंने दलितों के लिये सार्वजनिक पेयजल संसाधनों की उपलब्धता तथा हिंदू मंदिरों में प्रवेश के अधिकारों के लिये संघर्ष किया।
  • वर्ष 1930 में अंबेडकर ने कालाराम मंदिर (Kalaram Temple) सत्याग्रह चलाया। जिसमें लगभग 15000 स्वयंसेवकों ने भाग लिया जो नासिक (महाराष्ट्र) के सबसे बड़े जुलूसों में से एक है।
  • वर्ष 1932 में ब्रिटिश सरकार ने सांप्रदायिक पंचाट (Communal Award) में ‘शोषित वर्ग’ के लिये एक अलग निर्वाचक मंडल के गठन की घोषणा की। जिसका महात्मा गांधी ने विरोध किया। परिणामस्वरूप 24 सितंबर 1932 को अंबेडकर (हिंदुओं में शोषित वर्गों की ओर से) और मदन मोहन मालवीय (शेष हिंदुओं की ओर से) के बीच पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किये गए।
  • वर्ष 1936 में अंबेडकर द्वारा इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी (ILP) की स्थापना की गई जिसने केंद्रीय विधान सभा के लिये वर्ष 1937 के बॉम्बे प्रांतीय चुनाव में हिस्सा लिया।
  • 29 अगस्त, 1947 को अंबेडकर को भारत के संविधान का गठन करने के लिये संविधान प्रारूप समिति (Constitution Drafting Committee) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • वर्ष 1956 में उन्होंने दलितों के सामूहिक धर्मांतरण की शुरुआत करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया।
  • वर्ष 1956 में अंबेडकर द्वारा लिखी गई आखिरी किताब बौद्ध धर्म से संबंधित थी इस किताब का नाम था 'द बुद्ध एंड हिज़ धम्‍म' (The Buddha and His Dhamma)। उल्लेखनीय है कि यह किताब उनकी मृत्‍यु के बाद वर्ष 1957 में प्रकाशित हुई थी। मुंबई के दादर में स्थित चैत्य भूमि बी.आर अंबेडकर की समाधि स्थली है।
  • वर्ष 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

कोलैबकैड  

CollabCAD 

अटल इनोवेशन मिशन (Atal Innovation Mission), नीति आयोग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre- NIC) ने 13 अप्रैल, 2020 को संयुक्त रूप से कोलैबकैड (CollabCAD) सॉफ्टवेयर लॉन्च किया।

उद्देश्य:

  • इस पहल का उद्देश्य देश भर में अटल टिंकरिंग लैब (Atal Tinkering Lab-ATL) के छात्रों को रचनात्मकता एवं कल्पना के मुक्त प्रवाह के साथ 3D डिज़ाइन बनाने और संशोधित करने के लिये एक मंच प्रदान करना है। 

मुख्य बिंदु:

  • यह कंप्यूटर सक्षम सॉफ्टवेयर सिस्टम का एक सहयोगी नेटवर्क है जो 2D प्रारूपण एवं 3D उत्पाद डिज़ाइन के विवरण से संपूर्ण इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करता है।
  • यह सॉफ्टवेयर छात्रों को पूरे नेटवर्क में डेटा निर्मित करने में सक्षम बनाता है और समवर्ती तरीके से भंडारण एवं विज़ुअलाइज़ेशन के लिये समान प्रारूप के डेटा तक पहुँच को सुनिश्चित करता है।
  • नीति आयोग द्वारा कार्यान्वित अटल इनोवेशन मिशन नवाचार एवं उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार की प्रमुख पहल है।
  • स्कूल स्तर पर अटल इनोवेशन मिशन (AIM) भारत के सभी ज़िलों में अटल टिंकरिंग लैब (ATL) की स्थापना कर रही है।
  • अब तक अटल इनोवेशन मिशन (AIM) ने अटल टिंकरिंग लैब (ATL) की स्थापना के लिये 33 विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैले देश भर के कुल 14916 स्कूलों का चयन किया है।
  • देश भर में स्थापित अटल टिंकरिंग लैब (ATL) नवीनतम विचारों एवं रचनात्मकता को सुधारने के लिये बच्चों को एक मंच प्रदान करते हैं।

रोंगाली बिहू

Rongali Bihu 

14 अप्रैल, 2020 को भारतीय प्रधानमंत्री ने असम के लोगों को रोंगाली बिहू (Rongali Bihu) और असमिया नव वर्ष की शुरुआत के अवसर पर शुभकामनाएँ दी।

Rongali-Bihu

मुख्य बिंदु: 

  • रोंगाली बिहू या हाट बिहू (Haat Bihu) असमिया नव वर्ष (Assamese New Year) को चिह्नित करता है। 
  • यह मुख्य रूप से असम तथा पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में असमिया लोगों द्वारा मनाया जाता है।
  • माना जाता है कि 'बिहू' शब्द की उत्पत्ति 'बिशु' से हुई है जिसका अर्थ 'शांति के लिये पूछना' है। जबकि ‘रोंगाली’ शब्द की उत्पत्ति ‘रोंग’ से हुई है जिसका अर्थ खुशी और उत्सव मनाना होता है। 
  • आमतौर पर इसे अप्रैल महीने के दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है। यह उत्सव असम के विभिन्न समुदायों को एकजुट करता है तथा विविधता को बढ़ावा देता है। 
  • भारत में यह वैशाख महीने की विषुव संक्रांति (Vishuva Sankranti) या स्थानीय रूप से 'बोहाग' (भास्कर कैलेंडर) के सात दिन बाद मनाया जाता है।
  • असम में बिहू के तीन प्रकार बोहाग बिहू (Bohag Bihu) या रोंगाली बिहू, कटि बिहू (Kati Bihu) या कोंगाली बिहू (Kongali Bihu) और माघ बिहू (Magh Bihu) या भोगाली बिहू (Bhogali Bihu) हैं। प्रत्येक त्योहार ऐतिहासिक रूप से धान की फसलों के एक अलग कृषि चक्र को दर्शाता है।
  • बिहू शब्द का प्रयोग बिहू नृत्य का प्रयोग करने के लिये भी किया जाता है और बिहू लोक गीतों को बिहू गीत भी कहा जाता है।
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