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VIVID 2018 : ग्रासरूट इंफॉर्मेटिक्स पर राष्ट्रीय बैठक

  • 08 Feb 2018
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

  • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre-NIC) द्वारा ग्रासरूट इंफॉर्मेटिक्स- विविध 2018 (Grassroot Informatics- VIVID 2018) नामक राष्ट्रीय बैठक का 8 फरवरी से तीन दिवसीय आयोजन किया जा रहा है।
  • डिजिटल इंडिया की पृष्ठभूमि, स्वीकृति, प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए और डिजिटल इंडिया में निहित उद्देश्यों के अनुरूप देश को डिजिटल रूप से सशक्त तथा ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने हेतु किये जा रहे प्रयासों की दिशा में यह एक प्रमुख कदम है।

विविध 2018 (VIVID 2018)

  • विविध 2018 की थीम ‘साइबर सुरक्षा और नवाचार’ है।
  • इस राष्ट्रीय बैठक में व्यापक प्रासंगिक मुद्दों जैसे-उभरती हुई तकनीकों (इंटरनेट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन-लर्निंग एवं बिग डाटा एनालिटिक्स), साइबर खतरों और इससे पार पाने के उपायों (डिजिटलीकरण के प्रतिमान को बदलना और उसका सुरक्षा पर प्रभाव, साइबर सुरक्षा खतरा एवं साइबर अपराध), महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना सुरक्षा (Critical Information Infrastructure protection -NIC-CERT), एंटरप्राइज़ लेवल एप्लीकेशन्स (Enterprise Level Applications) और जिला सूचना अधिकारियों (District Information Officers) से संबंधित कई अन्य विषयों को शामिल किया जाएगा।
  • VIVID इस वर्ष ज्ञान को साझा करने  के लिये एक व्यापक मंच होगा जो पूरे देश के 240 NIC जिला अधिकारियों को एक-दूसरे के अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं पर बातचीत तथा लाभ उठाने के लिये सक्षम करेगा।
  • तीन दिनों के दौरान जिला सूचना अधिकारी अपने पोर्टल्स, उनके अनुप्रयोगों, जिला स्तर की पहलों और डिजिटल इंडिया पहल के कार्यान्वयन के प्रति उनके योगदान पर प्रेजेंटेशन्स देंगे।

VIVID : 2018 के विषय
साइबर सुरक्षा

  • इस वर्ष की राष्ट्रीय बैठक में NIC द्वारा ‘साइबर सुरक्षा’ पर विशेष रूप से ध्यान देने के साथ-साथ देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के संबंध में सुरक्षा को बढ़ाने तथा विभिन्न पहलों पर कार्य करने हेतु विशेष जोर दिया जा रहा है।
  • पिछले कुछ समय से साइबर अपराधों की व्यापकता में बहुत तीव्र गति से वृद्धि हुई है। एक ओर जहाँ इससे क्लाउड सर्विस के इस्तेमाल में तेज़ी आई है वहीं, दूसरी ओर इससे आने वाले समय में आईओटी (Internet of Things -IoT) से संबंधित मामलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।

नवाचार
इस वर्ष नवाचार को भी एक प्रमुख विषय के रूप में शामिल किया गया है। नए विचारों को प्राथमिकता दिये जाने के उद्देश्य से NIC ने “एनआईसी नवाचार चुनौती-2018” की परिकल्पना की है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित 5 श्रेणियों में 13 टीमों को पुरस्कृत किया जाएगा:

  • उभरती तकनीक के एप्लीकेशन्स के लिये परिकल्पना पत्र
  • सेवा प्रदान करने में नवाचार के लिये परिकल्पना पत्र
  • डेटा विज़ुअलाइज़ेशन में नवाचार
  • मोबाइल एप नवाचार

इस कार्यक्रम के दौरान NIC द्वारा S3WaaS (Secure, Scalable and Sugamya Website as a Service) को शुरू किया जाएगा। S3WaaS सेवा को बहुत सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है ताकि बिना अत्यधिक प्रयासों और तकनीकी जानकारी के सिक्योर, स्केलेबल और पहुँच वाली वेबसाइटों का निर्माण करने के साथ-साथ उन्हें सही रूप में लागू करते हुए उचित तरीके से प्रबंधित किया जा सके। 

पृष्ठभूमि

  • राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, नवाचार और सामाजिक कल्याण काफी हद तक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (Information and Communications Technologies -ICT) की उपलब्धता, प्रामाणिकता और गोपनीयता पर निर्भर करते है।
  • सूचना क्रांति के परिणामस्वरूप लोगों के दैनिक जीवन में काफी परिवर्तन आया है। आधुनिक जीवन साइबर स्पेस के सामयिक, उचित और गोपनीय व्यवहार पर निर्भर करता है।
  • यही कारण है कि अंतिम DIOs बैठक (विविध 2017) में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा NIC के माध्यम से भारत के लिये तकनीकी तंत्र बनाने की सराहना की गई और DIOs से नागरिकों के जीवन में गुणवत्तापूर्ण परिवर्तन लाने के लिये परिवर्तनकारी दृष्टिकोण अपनाकर सक्रिय और नवाचारी बनने का आग्रह किया गया । 

राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre)

  • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की स्थापना 1967 में की गई थी और तब से यह केंद्र जमीनी स्तर से ई-गवर्नमेंट/ई-गवर्नेंस अनुप्रयोगों के साथ डिजिटल अवसरों को बढ़ावा देते हुए सतत् विकास की दिशा में सक्रिय है।
  • NIC सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) नेटवर्क ‘NICNET’ के माध्यम से केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों, 36 राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों और भारत के लगभग 708 ज़िला प्रशासनों के साथ संस्थागत रूप से संबद्ध है।
  • केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्यों, ज़िलों और ब्लॉकों के स्तर पर ई- गवर्नमेंट/ई-गवर्नेंस अनुप्रयोगों को क्रियान्वित करने, लोगों के लिये सरकारी सेवाओं में सुधार एवं व्यापक पारदर्शिता लाने, विकेंद्रीकृत योजना और प्रबंधन को बढ़ावा देने, बेहतर दक्षता तथा जवाबदेहिता के साथ कार्य करने की दिशा में NIC बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।
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