प्रारंभिक परीक्षा
पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन)
- 07 Dec 2024
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स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया गया कि पीएम-डिवीजन योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में घोषित सात परियोजनाओं सहित 4857.11 करोड़ रुपए की कुल 35 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
पीएम-डिवाइन (PM-DevINE) योजना क्या है?
- पीएम-डिवाइन: पीएम-डिवाइन एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे केंद्रीय बजट 2022-23 में पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में त्वरित और समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पेश किया गया है।
- इस योजना को 12 अक्तूबर, 2022 को मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था, जिसका कुल वित्तीय परिव्यय 2022-23 से 2025-26 तक की अवधि के लिये 6600 करोड़ रुपये है ।
- कार्यान्वयन: इस योजना का कार्यान्वयन पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER) द्वारा क्षेत्र-विशिष्ट विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने, संसाधनों के कुशल उपयोग एवं समन्वित परियोजना निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिये किया गया है।
- बुनियादी ढाँचा विकास: योजना के उद्देश्यों के अनुरूप, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये 2806.65 करोड़ रुपए की लागत की कुल 17 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।
- यह पीएम गतिशक्ति के साथ संरेखित है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में निर्बाध संचार और पहुँच सुनिश्चित करने के लिये बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के समेकित वित्तपोषण पर ध्यान केंद्रित करता है।
- महत्त्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों से निपटने वाली तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने वाली परियोजनाओं हेतु वित्तपोषण को प्राथमिकता दी जाती है।
- विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के लिये स्थायी आजीविका के अवसर सृजित करने तथा क्षेत्र के विकास में अधिक भागीदारी को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया है।
- अन्य योजनाओं के अंतर्गत शामिल न किये गए क्षेत्रों में विकासात्मक असमानताओं को कम करने तथा क्षेत्रीय संतुलन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- पीएम-डिवाइन के अंतर्गत उपलब्धियाँ:
- 4857.11 करोड़ रुपए की लागत वाली 35 परियोजनाओं में कैंसर देखभाल सुविधाएँ, विश्वविद्यालय के बुनियादी ढाँचे का उन्नयन तथा विकिरण ऑन्कोलॉजी केंद्र जैसी पहल शामिल हैं।
- सड़क संपर्क परियोजनाओं के फलस्वरूप नई सड़कों का निर्माण हुआ हैं, जिनके द्वारा दूरदराज के गाँवों को आपस में जोड़ा गया हैं, जिससे यात्रा के समय में कमी आई है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा हैं।
- एकीकृत पेयजल प्रणाली प्रदान करने वाली स्मार्ट जल आपूर्ति परियोजनाओं से 1 लाख से अधिक निवासियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिला है।
- अनुचित परियोजनाएँ: इसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) या दीर्घकालिक व्यक्तिगत लाभ प्रदान करने वाली परियोजनाएँ शामिल नहीं हैं।
- प्रशासनिक भवनों, सरकारी कार्यालयों या मौजूदा MDoNER योजनाओं के अंतर्गत पहले से ही शामिल क्षेत्रों या नकारात्मक सूची में सूचीबद्ध परियोजनाओं को पात्रता से बाहर रखा गया है।
पूर्वोत्तर में विभिन्न विकास पहल और उनकी उपलब्धियाँ क्या हैं?
- आधारभूत संरचना संबंधी पहल:
- भारतमाला परियोजना, कलादान मल्टी-मोडल ट्रांज़िट प्रोजेक्ट और भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये व्यापार एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं।
- उड़ान के अंतर्गत क्षेत्रीय संपर्क योजना हवाई यात्रा को अधिक किफायती और सुलभ बनाने तथा दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ने की दिशा में कार्य करती है।
- औद्योगिक विकास:
- पूर्वोत्तर औद्योगिक विकास योजना (North East Industrial Development Scheme-NEIDS) (2017-2022) द्वारा क्षेत्रीय रोज़गार और औद्योगिक विकास को बढ़ाने हेतु MSME को प्रोत्साहन प्रदान किया गया है।
- औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिये उन्नति योजना (2024) लागू की गई, जिसके तहत ब्याज अनुदान, पूंजी निवेश सहायता और सेवा-संबंधी लाभ जैसे प्रोत्साहन प्रदान किये गए।
- कृषि एवं पर्यावरण पर ध्यान:
- राष्ट्रीय बाँस मिशन सतत् बाँस विकास को बढ़ावा देता है, जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्र एग्री कमोडिटी ई-कनेक्ट (NE-RACE)’ किसानों को वैश्विक बाज़ारों से जोड़ता है, जिससे कृषि आय में वृद्धि होती है।
- डिजिटल और वैज्ञानिक नवाचार:
- डिजिटल नॉर्थ ईस्ट विजन 2022 का उद्देश्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से जीवन में बदलाव लाना है, जबकि नॉर्थ ईस्ट साइंस एंड टेक्नोलॉजी क्लस्टर (NEST) ज़मीनी स्तर पर नवाचारों और पर्यावरण अनुकूल तकनीकी विकास को बढ़ावा देता है।
- पर्यटन, सांस्कृतिक, उद्यमशीलता विकास:
- स्वदेश दर्शन योजना क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने तथा पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन सर्किट विकसित करती है।
- अष्टलक्ष्मी महोत्सव के साथ-साथ हॉर्नबिल महोत्सव और पंग ल्हबसोल जैसे प्रमुख त्योहार क्षेत्रीय परंपराओं, हस्तशिल्प एवं पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न: 'राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढाँचा कोष' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. अधिक तीव्र और समावेशी आर्थिक विकास के लिये बुनियादी अवसंरचना में निवेश आवश्यक है।” भारत के अनुभव के आलोक में चर्चा कीजिये। (2021) |