पांडवुला गुट्टा और रामगढ़ क्रेटर भू-विरासत स्थलों के रूप में नामित | 19 Mar 2024

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

पांडवुला गुट्टा, हिमालय पर्वत से पहले का एक प्राचीन भू-वैज्ञानिक आकृति है, जिसे आधिकारिक तौर पर तेलंगाना में एकमात्र भू-विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया है।

  • इसके अलावा, राजस्थान सरकार बाराँ ज़िले में रामगढ़ क्रेटर को भू-विरासत स्थल के रूप में नामित करती है।
  • यह मान्यता क्षेत्र की भू-वैज्ञानिक विरासत को संरक्षित करने में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है।

पांडवुला गुट्टा के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • पांडवुला कोंडा (पांडवुला गुट्टा) एक भू-वैज्ञानिक आकृति है, जो तेलंगाना के जयशंकर भूपलपल्ली ज़िले में स्थित है।
  • पांडवुला गुट्टा मेसोलिथिक काल (लगभग 10,000 ईसा पूर्व से 8,000 ईसा पूर्व) से लेकर मध्यकालीन काल तक चट्टानी आश्रयों एवं निवास स्थान के मामले में समृद्ध है।
  • पांडवुला गुट्टा में पुरापाषाण (500,000 ईसा पूर्व-10,000 ईसा पूर्व) गुफा चित्र हैं जो प्रागैतिहासिक जीवन की झलक प्रस्तुत करते हैं।
    • गुफा चित्रों में बाइसन, मृग, बाघ एवं तेंदुए जैसे वन्यजीवों के साथ-साथ स्वास्तिक चिह्न, वृत्त, वर्ग तथा हथियार जैसी आकृतियाँ भी दर्शायी गई हैं।
    • चित्रों में हरे, लाल, पीले एवं सफेद रंगों में ज्यामितीय डिज़ाइन तथा छापें भी शामिल हैं।
  • पांडवुला गुट्टा की स्थलाकृति इसे रॉक क्लाइंबरों के लिये एक लोकप्रिय गंतव्य बनाती है।

रामगढ़ क्रेटर के बारे में प्रमुख तथ्य क्या हैं?

  • राजस्थान के रामगढ़ क्रेटर की उत्पत्ति लगभग 165 मिलियन वर्ष पूर्व एक उल्का प्रभाव के कारण हुई थी। 3 किलोमीटर व्यास के साथ यह क्रेटर आवश्यक पारिस्थितिकी तंत्र सुविधा प्रदान करता है जो संबद्ध क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन और जैवविविधता में योगदान देता है। 
  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत रामगढ़ संरक्षण रिज़र्व के रूप में मान्यता प्राप्त, रामगढ़ क्रेटर को इसकी अद्वितीय पारिस्थितिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिये संरक्षित किया गया है।
  • इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत रामगढ़ संरक्षण रिज़र्व के रूप में घोषित किया गया है और क्रेटर के भीतर स्थित पुष्कर तालाब परिसर को आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।

भू-विरासत स्थल/राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक

  • भू-विरासत का तात्पर्य उन साइटों अथवा क्षेत्रों से है जो अपनी भूवैज्ञानिक विशेषताओं के फलस्वरूप वैज्ञानिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक अथवा सौंदर्य के संबंध में महत्त्वपूर्ण हैं
  •  इन साइटों में अद्वितीय पाषाण संरचनाएँ, जीवाश्म या परिदृश्य हो सकते हैं जो शिक्षा, अनुसंधान, सांस्कृतिक महत्त्व या दृश्य अपील के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। ये पर्यटन स्थलों के रूप में स्थानीय और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं में भी योगदान दे सकते हैं।
  • GSI या संबंधित राज्य सरकारें इन साइटों की सुरक्षा के लिये आवश्यक उपाय करती हैं।
  • भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण सुरक्षा और रखरखाव के लिये भू-विरासत स्थलों/राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक स्मारकों की घोषणा करता है।
  • GSI एक वैज्ञानिक एजेंसी है जिसकी स्थापना वर्ष 1851 में रेलवे के लिये कोयला भंडार की खोज हेतु की गई थी। GSI का मुख्यालय कोलकाता में है और यह खान मंत्रालय से जुड़ा कार्यालय है। इसके मुख्य कार्यों में राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक सुचना तैयार करना, इन्हें अद्यतन करना और खनिज संसाधनों का आकलन करना शामिल है।

भू-वैज्ञानिक विरासत स्थल/राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक

आंध्र प्रदेश 

  • ज्वालामुखीय बेडेड बैराइट्स, मंगमपेटा, कडप्पा ज़िला।
  • एपार्चियन अनकंफॉरमेटी, चित्तूर ज़िला।
  • प्राकृतिक भूवैज्ञानिक आर्क, तिरुमाला हिल्स, चित्तूर ज़िला।
  • एरा मैटी डिब्बालु- विशाखापत्तनम और भीमुनिपट्टनम के बीच स्थित विच्छेदित एवं स्थिर तटीय लाल तलछट के टीले।

केरल 

  • अंगदीपुरम PWD विश्रामगृह परिसर के पास लेटराइट, मलपुरम ज़िला।
  • वर्कला क्लिफ सेक्शन, तिरुवनंतपुरम ज़िला।

तमिलनाडु 

  • तिरुवक्कराई के पास जीवाश्म लकड़ी, दक्षिण आरकोट ज़िला।
  • नेशनल फॉसिल वुड पार्क, सथानूर, तिरुचिरापल्ली ज़िला।
  • चारनोकाइट, सेंट थॉमस माउंट, मद्रास।
  • करई फॉर्मेशन के बैडलैंड्स के साथ  क्रेटेसियस फॉसिल्स तथा करई- कोलक्कनाथम सेक्शन, पेरम्बलुर ज़िला।

महाराष्ट्र 

  • लोनार झील, बुलडाना ज़िला।

गुजरात 

  • तलछटी संरचनाएँ- एडी मार्किंग, कदन बाँध, पंचमहल ज़िला। 

राजस्थान 

  • सेंद्रा ग्रेनाइट, ज़िला पाली।
  • बर्र समूह, ज़िला पाली।
  • स्ट्रोमेटोलाइट फॉसिल पार्क, झार मार्कर रॉक फास्फेट, ज़िला उदयपुर।
  • राजपुरा-दरीबा मिनरलाइज़्ड बेल्ट, गोसन ज़िला उदयपुर।
  • भोजुंदा के पास स्ट्रोमेटोलाइट पार्क, चित्तौड़गढ़।
  • आकल वुड फोसिल पार्क, जैसलमेर।
  • किशनगढ़ नेफलाइन सायनाइट, अजमेर ज़िला।
  • वेल्डेड टफ, जोधपुर ज़िला।
  • जोधपुर ग्रुप- मालानी इग्नियस सुइट कांटेक्ट, जोधपुर ज़िला।
  • सतुर, बूंदी ज़िले में ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट।

कर्नाटक 

  • कोलुमनार लावा, सेंट मैरी द्वीप उडुपी ज़िला।
  • मार्डीहल्ली, चित्रदुर्ग ज़िले के पास पिलो लावा।
  • प्रायद्वीपीय गनीस, लालबाग, बंगलूरू।
  • पाइरोक्लास्टिक्स और पिलो लावा, कोलार गोल्ड फील्ड, कोलार ज़िला।

छत्तीसगढ़ 

  • मनेंद्रगढ़, सरगुजा ज़िले में लोअर पर्मियन मरीन बेड।

हिमाचल 

  • शिवालिक फॉसिल पार्क, साकेती, सिरमुर ज़िला।

ओडिशा 

  • लौह अयस्क बेल्ट में पिलो लावा, नोमिरा, क्योंझर ज़िला।

झारखंड 

  • राजमहल फॉर्मेशन का इंटरट्रैपियन प्लांट फॉसिल, मंड्रो के आसपास ऊपरी गोंडवाना सीक्वेंस, साहिबगंज ज़िला।

नगालैंड 

  • पुंगरो के पास नगाहिल ओफियोलाइट साइट।

सिक्किम 

  • दक्षिण ज़िले के नामची के पास ममले में बक्सा फॉर्मेशन के डोलोमाइट/लाइमस्टोन वाले स्ट्रोमेटोलाइट।

और पढ़ें : मसौदा भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक, 2022 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न 1. निम्नलिखित ऐतिहासिक स्थानों पर विचार कीजिये: (2013)  

  1. अजंता की गुफाएँ
  2. लेपाक्षी मंदिर
  3. साँची स्तूप

उपर्युक्त स्थलों में से कौन-सा/से भित्ति चित्रकला के लिये जाना जाता है/जाने जाते हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) कोई नहीं

उत्तर: (b)


प्रश्न. प्रसिद्ध विरुपाक्ष मंदिर कहाँ स्थित है? (2009)

(a) भद्राचलम
(b) श्रीकालहस्ति
(c) हम्पी
(d) चिदंबरम

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न.1 भारतीय कला विरासत का संरक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता है। चर्चा कीजिये। (2018)

प्रश्न.2 भारतीय दर्शन और परंपरा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना तथा आकार देने एवं उनकी कला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चर्चा कीजिये। (2020)