खुला बाज़ार बिक्री योजना (घरेलू) नीति | 25 Jan 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने खाद्य सुरक्षा बढ़ाने तथा इथेनॉल उत्पादन को समर्थन देने के क्रम में वर्ष 2024-25 के लिये खुला बाज़ार बिक्री योजना (घरेलू) नीति में संशोधन की घोषणा की।
खुला बाज़ार बिक्री योजना (घरेलू) नीति क्या है?
- परिचय: इसमें भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा प्रबंधित केंद्रीय पूल से अधिशेष खाद्यान्न (गेहूँ और चावल) की आवधिक बिक्री शामिल है।
- इसके तहत अनाज को उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा निर्धारित कीमतों पर ई-नीलामी के माध्यम से डीलरों, थोक उपभोक्ताओं एवं खुदरा ग्राहकों को बेचा जाना शामिल है।
- यह योजना लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की ज़रूरतों को पूरा करते हुए मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने एवं खाद्यान्न कीमतों को स्थिर करने पर केंद्रित है।
- पात्र क्रेता: गेहूँ को प्रसंस्करणकर्त्ताओं, आटा चक्की वालों एवं आटा मिलों को जबकि चावल को व्यापारियों को बेचा जाना शामिल है।
- राज्य (नीलामी में भाग लिये बिना) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत अपने आवंटन के अतिरिक्त, OMSS के माध्यम से खाद्यान्न की खरीद भी कर सकते हैं।
- नीलामी प्रक्रिया: इसमें बोलीदाता ई-नीलामी के माध्यम से भाग ले सकते हैं, जिसमें गेहूँ के लिये न्यूनतम 10 मीट्रिक टन (एमटी) और अधिकतम 100 मीट्रिक टन तथा चावल के लिये न्यूनतम 10 मीट्रिक टन और अधिकतम 1000 मीट्रिक टन की बोली लगाई जा सकती है।
- OMSS में संशोधन: केंद्र ने राज्यों और इथेनॉल उत्पादकों के लिये OMSS के तहत FCI के चावल का आरक्षित मूल्य घटाकर 2,250 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया ताकि बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके, इथेनॉल उत्पादन का समर्थन किया जा सके जिससे खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिल सके।
भारतीय खाद्य निगम (FCI)
- स्थापना: यह खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- प्रमुख भूमिकाएँ:
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA): NFSA, 2013 की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये FCI द्वारा अनाज की खरीद की जाती है और उन्हें आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों में केंद्रीय निर्गम मूल्य पर वितरित किया जाता है।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS): इसके तहत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वितरण के लिये राज्य सरकारों एवं एजेंसियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है।
- इसके द्वारा फोर्टिफाइड चावल के वितरण के माध्यम से पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- बाज़ार हस्तक्षेप: इसके द्वारा खरीद और OMSS (खुला बाज़ार बिक्री योजना) के माध्यम से खाद्य कीमतों को स्थिर करने के साथ मुद्रास्फीति को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- यह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करके किसानों के लिये सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
- मुख्यालय: इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और क्षेत्रीय एवं ज़िला कार्यालयों के साथ इसका एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क है।
- FCI द्वारा सुधार:
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT): पारदर्शी किसान भुगतान के लिये “एक राष्ट्र, एक MSP” नीति लागू की गई।
- डिजिटल खरीद: तीव्र एवं पारदर्शी संचालन के लिये देश भर में कंप्यूटरीकृत खाद्यान्न खरीद को बढ़ावा दिया गया।
- आधुनिक भंडारण: पारंपरिक भंडारण की जगह वैज्ञानिक रूप से प्रबंधित भंडारण में रूपांतरण किया गया।
- एकीकृत आपूर्ति शृंखला प्रबंधन: अन्न दर्पण पोर्टल के माध्यम से सुव्यवस्थित संचालन पर बल दिया गया।
- AI-आधारित अनाज विश्लेषण: पारदर्शी खरीद के लिये स्वचालित अनाज विश्लेषक की शुरुआत की गई।
- डिजिटल गुणवत्ता प्रयोगशालाएँ: वास्तविक समय डेटा के लिये केंद्रीकृत डैशबोर्ड के साथ संबद्ध गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएँ स्थापित की गईं।
- भंडारण एवं पारगमन हानि में कमी: भंडारण तथा पारगमन हानि को कम करने की दिशा में कार्य किया गया।
- विकेंद्रीकृत खरीद (DCP): चावल एवं गेहूँ दोनों के ही संदर्भ में विकेंद्रीकृत खरीद में राज्य की भागीदारी में वृद्धि की गई।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत किये गए प्रावधानों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युत्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |