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भारतीय अर्थव्यवस्था

गेहूँ और चावल के लिये ओपन मार्केट सेल स्कीम

  • 03 Jul 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय खाद्य निगम, ओपन मार्केट सेल स्कीम, गेहूँ, चावल

मेन्स के लिये:

खाद्यान्न आपूर्ति बढ़ाने में OMSS की भूमिका, खाद्य सुरक्षा प्रबंधन में भारतीय खाद्य निगम (FCI) की भूमिका 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा मात्रा प्रतिबंध लगाने और ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) में राज्यों की भागीदारी से इनकार की प्रतिक्रिया में राज्य गेहूँ तथा चावल खरीदने के वैकल्पिक तरीकों पर विचार कर रहे हैं।

ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS):

  • परिचय: 
    • OMSS, FCI द्वारा खुले बाज़ार में केंद्रीय पूल से अधिशेष खाद्यान्न, मुख्य रूप से गेहूँ और चावल की बिक्री की सुविधा के लिये कार्यान्वित एक कार्यक्रम है।
  • प्रयोजन और उद्देश्य: 
    • बुआई और कटाई के बीच के मौसम के दौरान खाद्यान्न आपूर्ति में वृद्धि करना।
    • ओपन मार्केट की कीमतें और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना।
    • घाटे वाले क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा और अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
    • केंद्रीय पूल से अधिशेष खाद्यान्न की बिक्री की सुविधा प्रदान करना।
  • कार्यान्वयन और प्रक्रिया: 
    • पूर्व-निर्धारित कीमतों पर निर्दिष्ट मात्रा में खाद्यान्न खरीदने के लिये व्यापारियों, थोक उपभोक्ताओं और खुदरा शृंखलाओं के लिये FCI द्वारा ई-नीलामी आयोजित किया जाना।
    • राज्यों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (NFSA) के तहत वितरण के लिये OMSS के माध्यम से अतिरिक्त खाद्यान्न खरीदने की अनुमति देना। 
    • नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) के प्लेटफॉर्म पर FCI, OMSS के लिये साप्ताहिक गेहूँ की नीलामी आयोजित करता है।
      • NCDEX भारत में एक कमोडिटी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है जो विभिन्न कृषि और अन्य वस्तुओं में व्यापार के लिये एक मंच प्रदान करता है।

हाल के संशोधित OMSS प्रतिबंध:

  • संशोधित OMSS प्रतिबंध:
    • OMSS में हाल ही में एक संशोधन किया गया है जिसमें एक बोलीदाता द्वारा एक ही बोली में खरीदी जा सकने वाली मात्रा को सीमित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
    • पूर्व में प्रति बोली अधिकतम अनुमत मात्रा 3,000 मीट्रिक टन थी। हालाँकि अब इसे घटाकर 10-100 मीट्रिक टन कर दिया गया है।
    • इस परिवर्तन का उद्देश्य छोटे तथा सीमांत खरीदारों को समायोजित करके व्यापक भागीदारी में वृद्धि करना है।
    • छोटे खरीदारों से प्रतिस्पर्द्धी बोलियों को प्रोत्साहित करके संशोधित OMSS, खुदरा कीमतों पर अंकुश लगाने एवं अधिक समान स्तर का कार्यान्वयन क्षेत्र बनाने का प्रयास करता है।
  • राज्यों को OMSS बिक्री बंद करना: 
    • केंद्र ने OMSS के अंतर्गत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल तथा गेहूँ की बिक्री बंद करने का निर्णय लिया है।
    • इसके अतिरिक्त निजी बोलीदाताओं को अब अपनी OMSS आपूर्ति राज्यों को बेचने की अनुमति नहीं है।
    • इस निर्णय के पीछे तर्क मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के साथ केंद्रीय पूल में पर्याप्त स्टॉक स्तर बनाए रखना है।
    • यह सुनिश्चित कर खाद्य सुरक्षा दायित्वों को पूरा करना है, राज्यों को OMSS की बिक्री बंद करने का उद्देश्य खाद्यान्न के वितरण एवं आवंटन को सुव्यवस्थित करना है।

राज्यों की प्रतिक्रिया: 

  • कर्नाटक और तमिलनाडु ने केंद्र के फैसले की आलोचना की है।
  • गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवारों के लिये मुफ्त अनाज वितरण कार्यक्रम, अन्न भाग्य योजना के स्थान पर कर्नाटक सरकार ने अस्थायी रूप से लाभार्थियों को नकद हस्तांतरण को लागू कर दिया है, सरकार ने बताया है कि उसके इस कदम का कारण बाज़ार में उचित मूल्य पर पर्याप्त चावल की अनुपलब्धता है।

भारतीय खाद्य निगम:   

  • FCI वर्ष 1964 के खाद्य निगम अधिनियम के तहत वर्ष 1965 में स्थापित एक वैधानिक निकाय है। इसकी स्थापना अनाज, विशेषकर गेहूँ की भारी कमी की पृष्ठभूमि में की गई थी।
  • FCI का कार्य भारत में खाद्य सुरक्षा प्रणाली का प्रबंधन करना है।
  • खाद्यान की कमी अथवा संकट की स्थिति में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये FCI खाद्यान्न का बफर स्टॉक भी रखता है।
  • FCI सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिये पूरे देश में खाद्यान्न वितरित करने हेतु भी उत्तरदायी है।
  • अपने अधिशेष खाद्यान्न के निपटान के तरीकों में से एक के रूप में FCI ई-नीलामी का भी आयोजन करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अधीन बनाए गए उपबंधों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018) 

  1. केवल वे ही परिवार सहायता प्राप्त खाद्यान्न लेने की पात्रता रखते है जो 'गरीबी रेखा से नीचे (बी.पी.एल.)' श्रेणी में आते हैं।
  2. परिवार में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की सबसे अधिक उम्र वाली महिला ही राशन कार्ड निर्गत किये जाने के प्रयोजन से परिवार की मुखिया होगी।
  3. गर्भवती महिलाएँ और दुग्ध पिलाने वाली माताएँ गर्भावस्था के दौरान और उसके छह महीने बाद तक प्रतिदिन 1600 कैलोरी वाला राशन घर ले जाने की हकदार हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 3

उत्तर: (b)  


मेन्स:

प्रश्न. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डी.बी.टी.) द्वारा कीमत सहायिकी का प्रतिस्थापन भारत में सहायिकियों के परिदृश्य का किस प्रकार परिवर्तन कर सकता है? चर्चा कीजिये। (2015) 

स्रोत: द हिंदू

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