प्रारंभिक परीक्षा
ओलिव रिडले कछुए
- 29 May 2024
- 7 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पारंपरिक चीनी स्काई लेंटर्न महोत्सव (Chinese Sky Lantern Festival) ने पर्यावरणविदों और वन्यजीव संरक्षणवादियों के मध्य आक्रोश उत्पन्न कर दिया है, क्योंकि यह लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुओं के घोंसले के स्थान के पास आयोजित किया गया था।
- पर्यावरणविदों के अनुसार, इन लालटेनों में प्रयोग किये गए बाँस या धातु के तार के फ्रेम को विघटित होने में महीनों लगते हैं और ये वन्यजीवों, मछलियों, डॉल्फिनों, पक्षियों व कछुओं के लिये जाल का कार्य करता है।
‘ओलिव रिडले’ कछुए क्या हैं?
- परिचय:
- ये कछुए माँसाहारी होते हैं और इनका ये नाम इनके जैतून के रंग के कवच (पृष्ठवर्म) के कारण पड़ा है।
- वे अपने अद्वितीय सामूहिक नीडन के लिये प्रसिद्ध हैं, जिसे ‘अरिबदा’ कहा जाता है, जहाँ हज़ारों मादाएँ अंडे देने के लिये एक ही समुद्र तट पर एकत्र होती हैं।
- पर्यावास:
- यह प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर के उष्ण जल में पाए जाते हैं।
- ओडिशा का गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य समुद्री कछुओं के विश्व के सबसे बड़े रॉकरी (प्रजनन करने वाले पशुओं का एक समूह) के रूप में जाना जाता है।
- संरक्षण की स्थिति:
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची 1
- IUCN रेड लिस्ट: असुरक्षित
- CITES: परिशिष्ट I
- ओलिव रिडले कछुओं के संरक्षण हेतु नई पहल:
- ऑपरेशन ओलिविया: प्रत्येक वर्ष, 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू किया गया भारतीय तटरक्षक बल का “ऑपरेशन ओलिविया” ओलिव रिडले कछुओं को संरक्षित करने में सहायता करता है, क्योंकि वे नवंबर से दिसंबर तक प्रजनन और घोंसले बनाने के लिये ओडिशा तट पर एकत्र होते हैं।
- यह अवैध मत्स्यन की गतिविधियों को भी नियंत्रित करता है।
- टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइसेज़ (Turtle Excluder Devices-TED) का अनिवार्य उपयोग:
- भारत में इनकी आकस्मिक मृत्यु की घटनाओं को कम करने के लिये ओडिशा सरकार ने ट्रॉल के लिये टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइसेज़ (Turtle Excluder Devices- TED) का उपयोग अनिवार्य कर दिया है, जालों को विशेष रूप से एक निकास के साथ बनाया गया है, जिसके उपयोग से समुद्री कछुओं को सुरक्षित निकास मिल जाता है।
- टैगिंग:
- ओलिव रिडले कछुओं पर गैर-संक्षारक धातु टैग का उपयोग किया जाता है, ताकि वैज्ञानिकों को उनकी गतिविधियों का पता लगाने तथा यह जानने में सहायता मिल सके कि वे किन क्षेत्रों में जाते हैं, जिससे उनकी प्रजातियों और उनके आवासों की रक्षा की जा सके।
- ऑपरेशन ओलिविया: प्रत्येक वर्ष, 1980 के दशक की शुरुआत में शुरू किया गया भारतीय तटरक्षक बल का “ऑपरेशन ओलिविया” ओलिव रिडले कछुओं को संरक्षित करने में सहायता करता है, क्योंकि वे नवंबर से दिसंबर तक प्रजनन और घोंसले बनाने के लिये ओडिशा तट पर एकत्र होते हैं।
स्काई लैंटर्न फेस्टिवल ग्लोफेस्ट:
- यह स्काई लैंटर्न फेस्टिवल चीन और अन्य एशियाई देशों में मनाया जाता है, जो चंद्र कैलेंडर के प्रथम माह के 15वें दिन मृत पूर्वजों का सम्मान करते हैं।
- इस त्योहार का उद्देश्य सुलह, शांति और क्षमा को बढ़ावा देना है।
- इस अवसर को यादगार बनाने के लिये मोमबत्तियों से प्रकाशित कागज़ के लालटेन आकाश में छोड़े जाते हैं।
ओलिव रिडले कछुओं के समक्ष क्या खतरे हैं?
- समुद्री दीवारों (Seawalls), रिसॉर्टों और बंदरगाहों का निर्माण तटीय विकास परियोजनाओं के उदाहरण हैं, जो ओलिव रिडले के घोंसले वाले तटों को नुकसान पहुँचाते हैं एवं उनके आहार स्थलों (foraging grounds) को नष्ट कर देते हैं।
- वे गलती से मछली पकड़ने के उपकरण, जैसे गिलनेट, ट्रैवल और लॉन्ग लाइन में फँस जाते हैं। इससे कछुओं को नुकसान पहुँच सकता है अथवा उनकी मृत्यु हो सकती है।
- रैकून, केकड़े, पक्षी और लोमड़ी, ओलिव रिडले कछुओं के घोंसलों पर आक्रमण कर सकते हैं तथा उनके अंडों को खा सकते हैं, जिससे उनकी संख्या प्रभावित हो सकती है।
- समुद्री कछुओं में अंडों का लिंग तापमान पर निर्भर करता है। उच्च तापमान पर, अधिक मादा हैचलिंग्स पैदा होती हैं, जबकि कम तापमान पर, नर हैचलिंग्स की संख्या अधिक होती है।
- वे अक्सर जेलीफिश जैसे खाद्य पदार्थों की तलाश में प्लास्टिक की थैलियों का सेवन कर सकते हैं जिससे उन्हें अवरोध और भुखमरी की समस्या हो सकती है।
- आस-पास के शहरों एवं उद्योगों से आने वाला कृत्रिम प्रकाश हैचलिंग्स को भ्रमित कर सकता है, जिसके कारण वे समुद्र से दूर, निकटवर्ती क्षेत्रों में चले जाते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक, भारत का राष्ट्रीय जलीय प्राणी है? (2015) (a) खारे पानी का मगर उत्तर: C प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : (2019)
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (d) |