इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

गाँवों के पुनर्वास पर NTCA की योजना

  • 12 Jul 2024
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA) ने राज्य वन्यजीव विभागों से आग्रह किया है कि वे मुख्य बाघ आवासों के भीतर स्थित गाँवों के स्थानांतरण के लिये एक व्यापक समय-सीमा और कार्य योजना विकसित करें।

NTCA की गाँव पुनर्वास योजना क्या है?

  • मुख्य क्षेत्रों के संबंध में:
    • वन्यजीव संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2006 व्यवहार्य बाघ प्रजनन आबादी को समर्थन देने के लिये अशांत क्षेत्र (Disturbed Areas) की आवश्यकता पर ज़ोर देता है।
      • मुख्य या महत्त्वपूर्ण बाघ आवास से तात्पर्य बाघ रिज़र्व के भीतर के उन क्षेत्रों से है, जिन्हें प्रजनन करने वाली बाघ आबादी के अस्तित्त्व को सुनिश्चित करने के लिये अछूता रखा जाता है।
    • NTCA का ध्यान भारत के 55 अधिसूचित बाघ अभयारण्यों पर है, जहाँ लगभग 600 गाँव (64,801 परिवार) वर्तमान में मुख्य बाघ आवासों में रहते हैं।
  • स्वैच्छिक ग्राम पुनर्वास कार्यक्रम (VVRP): 
    • स्वैच्छिक ग्राम पुनर्वास कार्यक्रम (VVRP) के दोहरे उद्देश्य हैं- विकास के अवसरों तक पहुँच प्रदान करके स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना और बाघों के लिये अछूता स्थान बनाना, ताकि दोनों ही चीज़ें सामंजस्य के साथ हो सकें।
      • पुनर्वास स्वैच्छिक होना चाहिये तथा ग्राम सभाओं और संबंधित परिवारों की सूचित सहमति पर आधारित होना चाहिये एवं अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य वनवासियों के वन अधिकारों को मान्यता दी जानी चाहिये व उनका निपटारा किया जाना चाहिये।
    • प्रतिपूर्ति: संबंधित परिवार वित्तीय प्रतिपूर्ति (प्रति परिवार 15 लाख रुपए) या पुनर्वास पैकेज (भूमि, आवास और बुनियादी सुविधाओं सहित) का चयन कर सकते हैं।
    • उक्त योजना से संबंधित मुद्दे: NTCA का पुनर्वास पैकेज भूमि अर्जन अधिनियम, 2013 द्वारा निर्धारित विधिक मानकों के अनुरूप नहीं है।
      • NTCA में भूमि अर्जन अधिनियम, 2013 की विधिक अपेक्षाओं का अनुपालन नहीं किया गया है जिसमें अनुसूचित जनजाति समुदायों और वन निवासियों को पुनर्व्यस्थापन (Resettlement) तथा पुनर्वास (Rehabilitation) प्रदान करने के लिये विशेष प्रावधान हैं।

प्रोजेक्ट टाइगर:

  • प्रोजेक्ट टाइगर भारत में एक वन्यजीव संरक्षण पहल है जिसे वर्ष 1973 में शुरू किया गया था।
  • प्रोजेक्ट टाइगर का प्राथमिक उद्देश्य समर्पित टाइगर रिज़र्व बनाकर बाघों का उनके प्राकृतिक आवासों में अस्तित्त्व और रखरखाव सुनिश्चित करना है।
  • केवल नौ अभयारण्यों से शुरू होकर, इस परियोजना ने वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक आदर्श बदलाव को चिह्नित किया। वर्ष 2024 तक 55 रिज़र्व के साथ इसका विस्तार का दायरा विभिन्न राज्यों में है जो भारत के भू क्षेत्र का कुल 2.38% है।
  • वर्ष 1972 में पहली बाघ गणना में अनूठी पग-मार्क विधि के साथ कैमरा-ट्रैप विधि जैसी अधिक सटीक तकनीकों का उपयोग किया गया।

और पढ़ें: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, वन अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये कौन-सा मंत्रालय केंद्रक अभिकरण (नोडल एजेंसी) है? (2021)

(a) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
(b) पंचायती राज मंत्रालय
(c) ग्रामीण विकास मंत्रालय
(d) जनजातीय कार्य मंत्रालय

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. "संकटपूर्ण वन्यजीव पर्यावास" की परिभाषा वन अधिकार अधिनियम, 2006 में समाविष्ट है। 
  2. भारत में पहली बार बैगा (जनजाति) को पर्यावास का अधिकार दिया गया है। 
  3. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत के किसी भी भाग में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों के लिये पर्यावास अधिकार पर आधिकारिक रूप से निर्णय लेता है तथा इसकी घोषणा करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2