नागी और नकटी पक्षी अभयारण्यों को रामसर स्थल के रूप में मान्यता | 08 Jun 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल ही में विश्व पर्यावरण दिवस पर बिहार के नागी और नकटी पक्षी अभयारण्यों को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।
- इसके साथ ही भारत में ऐसी आर्द्रभूमियों की कुल संख्या 82 हो गई है।
नागी और नकटी पक्षी अभयारण्यों की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- भौगोलिक स्थिति:
- दोनों पक्षी अभयारण्य मानव निर्मित आर्द्रभूमि पर निर्मित हुए हैं, जिन्हें मुख्य रूप से नकटी बाँध के निर्माण के माध्यम से सिंचाई के लिये विकसित किया गया है।
- दोनों अभयारण्यों को प्रवासी प्रजातियों के लिये शीतलन आवास के रूप में उनके महत्त्व के कारण वर्ष 1984 में पक्षी अभयारण्य के रूप में नामित किया गया था।
- जलग्रहण क्षेत्र में पहाड़ियों से घिरे शुष्क पर्णपाती वन हैं।
- वनस्पति और जीव:
- ये आर्द्रभूमि पक्षियों, स्तनधारियों, मछलियों, जलीय पौधों, सरीसृपों और उभयचरों की 150 से अधिक प्रजातियों के लिये आवास प्रदान करती हैं।
- ये लुप्तप्राय भारतीय हाथी और सुभेद्य देशी कैटफिश जैसी वैश्विक रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की मेज़बानी करते हैं।
- एशियाई जलपक्षी जनगणना, 2023 के अनुसार, नकटी पक्षी अभयारण्य में 7,844 पक्षी पाए गए, जो सर्वेक्षण में सबसे अधिक है, इसके पश्चात् नागी पक्षी अभयारण्य में 6,938 पक्षी पाए गए।
नोट:
- बिहार के बेगूसराय ज़िले में स्थित काँवर झील को वर्ष 2020 में राज्य का पहला रामसर स्थल घोषित किया गया।
रामसर कन्वेंशन क्या है?
- रामसर कन्वेंशन वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में यूनेस्को के तत्वावधान में हस्ताक्षरित एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों का संरक्षण करना है।
- भारत में यह 1 फरवरी, 1982 को लागू हुआ, जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल घोषित किया जाता है।
- मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि स्थलों का एक रजिस्टर है, जहाँ तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन हुए हैं, वर्तमान में हो रहे हैं या संभावित हैं।
- इसे रामसर सूची के भाग के रूप में बनाए रखा जाता है।
नोट:
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व भर में मनाया जाता है।
- रामसर स्थलों के लिये भारत की पहल:
- आर्द्रभूमि (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017।
- जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिये राष्ट्रीय योजना (NPCA)
- अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना
- राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण कार्यक्रम (NWCP): इसे वर्ष 1985 में शुरू किया गया था, ताकि कमज़ोर आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्रों के लिये खतरों से निपटा जा सके और उनके संरक्षण को बढ़ाया जा सके।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2022) आर्द्रभूमि/झील अवस्थान
उपर्युक्त युग्मों में कितने सही सुमेलित हैं? (a) केवल एक युग्म उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये : (2014) आर्द्रभूमि नदियों का संगम
उपर्युक्त युग्म में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |