प्रारंभिक परीक्षा
मिड-एयर बूस्टर रिकवरी
- 16 Oct 2024
- 7 min read
स्रोत: लाइव मिंट
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, एलन मस्क के स्पेसएक्स ने स्टारशिप रॉकेट से अलग होने के बाद, मेचाज़िला नामक दो जायंट रोबोट आर्म्स का उपयोग करके स्टारशिप के बूस्टर, सुपर हैवी को हवा में ही पकड़ लिया।
- यह नवीन दृष्टिकोण समुद्र में न उतरकर बूस्टर की पुनः प्रयोज्यता में सुधार करता है, तथा लागत और टर्नअराउंड समय को भी कम करता है।
मेचाज़िला (मिड-एयर बूस्टर रिकवरी) के मुख्य बिंदु क्या हैं?
- मेचाज़िला: यह स्पेसएक्स की ऊँची संरचना है जो जायंट रोबोट आर्म्स के एक युग्म से सुसज्जित है, जिसे प्रक्षेपण वाहनों के उतरते समय उनके हिस्सों को पकड़ने और पुनः प्राप्त करने के लिये डिज़ाइन किया गया है ।
- मेचाज़िला का कार्य: जब प्रक्षेपण यान बूस्टर से अलग हो जाता है, तो बूस्टर अपने अवतरण और दिशा को नियंत्रित करने के लिये ग्रिड फिन का उपयोग करते हुए प्रक्षेपण स्थल पर वापस लौटता है ।
- जैसे ही यह प्रक्षेपण टॉवर के निकट पहुँचता है, रोबोटिक आर्म्स, जो परिशुद्धता मोटरों और एक्चुएटर्स द्वारा नियंत्रित होती हैं, टॉवर के साथ लंबवत रूप से संरेखित हो जाती हैं।
- फाल्कन 9 रिकवरी से भिन्न: फाल्कन 9 बूस्टर हवा में फंसने के बजाय, अपने किनारे पर बंधे लैंडिंग लेग्स का उपयोग करके विशेष रूप से निर्मित प्लेटफार्मों पर लैंड होता है।
- प्रतिस्पर्द्धियों के साथ तुलना:
- रॉकेट लैब: इसमें हेलीकॉप्टरों का उपयोग पैराशूट के माध्यम से हवा में बूस्टरों को पकड़ने के लिये किया जाता है।
- ब्लू ओरिज़िन : यह अपने न्यू शेपर्ड रॉकेट का उपयोग ऊर्ध्वाधर रूप से उतरने के लिये तथा धीमी गति से उतरने के लिये अपने इंजन पर निर्भर करता है।
- यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (ULA) : यह पूरे बूस्टर के बजाय प्रमुख इंजन घटकों को पुनर्प्राप्त करने पर आधारित है। यह ULA बोइंग और लॉकहीड मार्टिन के बीच एक संयुक्त उद्यम है ।
- नासा: नासा रॉकेट रिकवरी के लिये पैराशूट का उपयोग करता है और हाइपरसोनिक इन्फ्लेटेबल एयरोडायनामिक डिसेलेरेटर्स (HIAD) पर प्रायोगिक रूप से कार्य कर रहा है ।
- HIAD में एक फ्लेक्सिबल थर्मल प्रोटेक्शन प्रणाली (F-TPS) होती है जो हाइपरसोनिक वायुमंडलीय प्रवेश के माध्यम से प्रवेश वाहन की सुरक्षा करती है।
- HIAD की फ्लेक्सिबल थर्मल प्रोटेक्शन प्रणाली (F-TPS) प्रवेश वाहन की सुरक्षा के लिये हाइपरसोनिक वायुमंडलीय प्रवेश का उपयोग करती है।
- मिशन का महत्त्व: बूस्टर को सफलतापूर्वक प्रयोग से स्पेसएक्स, समुद्र में उतरने या पैराशूट आधारित प्रणालियाँ जो की महँगी और अधिक समय लेने वाली हो, को समाप्त करके, रॉकेटों का तेज़ी से पुनः उपयोग करने के लक्ष्य के करीब पहुँच गया है।
नोट: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुष्पक यान के लिये तीसरा और अंतिम पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान लैंडिंग (आरएलवी लेक्स-03) का प्रयोग का सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है ।
- पुष्पक इसरो द्वारा विकसित भारत का पहला मानवरहित उड़ान परीक्षण यान है।
स्टारशिप क्या है?
- स्टारशिप के बारे में: स्टारशिप एक दो चरणों वाला भारी लिफ्ट वाहन है जिसमें एक बूस्टर (जिसे सुपर हेवी कहा जाता है) और एक ऊपरी भाग (स्टारशिप अंतरिक्ष यान) शामिल है।
- यह अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट (120 मीटर) है, जो सैटर्न V (111 मीटर) से भी ऊँचा है , जो नील आर्मस्ट्रांग को चंद्रमा पर ले गया था।
- अनुप्रयोग: इसे पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे तक चालक दल और कार्गो ले जाने के लिये डिज़ाइन किया गया है और एक बार पूरी तरह से संचालन में हो जाने पर, यह अंतरिक्ष यात्रा में क्रांति ला सकता है।
- भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिये महत्त्व: स्पेसएक्स वर्ष 2026 तक आर्टेमिस III मिशन के एक भाग के रूप में नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर वापस ले जाने के लिये स्टारशिप एचएलएस (ह्यूमन लैंडिंग सिस्टम) का उपयोग करना चाहता है ।
- अंततः स्पेसएक्स कोअनुमान है कि स्टारशिप मंगल ग्रह पर पहले मानव मिशन को संचालित करेगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स के लियेप्रश्न: भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ? (a) केवल 1 उत्तर:(a) |