लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम 2011

  • 19 Jul 2022
  • 4 min read

उपभोक्ता मामले विभाग ने इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों के लिये अनुपालन बोझ को कम करने और इनके व्यापार को सुगम बनाने हेतु विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज़) नियम 2011 में संशोधन किया है।

  • इससे पहले लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज़), नियम 2011 के नियम 5 को उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिये छोड़ दिया गया था।
    • नियम 5 विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के पैक के आकार को निर्धारित करते हुए अनुसूची II को परिभाषित करता है।

संशोधन:

  • इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को एक वर्ष की अवधि के लिये क्यूआर (त्वरित प्रतिक्रिया) कोड के माध्यम से कुछ अनिवार्य घोषणाओं को घोषित (यदि पैकेज में ही घोषित नहीं किया गया है) करने की अनुमति देता है।
    • विकल्प एक साल के लिये दिया गया है क्योंकि सरकार पायलट आधार पर पहली बार प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की कोशिश कर रही है और प्रतिक्रिया के आधार पर इसे बढ़ाने का फैसला करेगी।
  • हालाँकि उद्योग को पैकेज पर ही अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP), फोन नंबर और ई-मेल पता जैसे अनिवार्य विवरण घोषित करने होंगे।
    • क्यूआर कोड के माध्यम से अतिरिक्त अनिवार्य घोषणाएँ जैसे निर्माता का पता, वस्तु का सामान्य नाम, वस्तु का आकार और आयाम व ग्राहक सेवा की अनुमति है।
  • इससे पहले, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों सहित सभी पूर्व-पैक वस्तुओं के पैकेज पर लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज़), नियम 2011 के अनुसार सभी अनिवार्य घोषणाओं को घोषित करना आवश्यक है।

विधिक माप विज्ञान (पैकेज्ड कमोडिटीज़) नियम 2011:

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2