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भारत ने महत्त्वपूर्ण खनिज सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

  • 20 Nov 2024
  • 7 min read

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

खान मंत्रालय ने हाल ही में महत्त्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में सहयोग को मज़बूत करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये।

समझौता ज्ञापन का महत्त्व क्या है?

  • भारत की महत्त्वपूर्ण खनिज रणनीतियों को बढ़ावा देना: समझौता ज्ञापन भारत को महत्त्वपूर्ण खनिज क्षेत्र से संबंधित विश्वसनीय डेटा, विश्लेषण और नीति सिफारिशों तक पहुँच प्रदान करेगा। 
  • वैश्विक मानकों के अनुरूप: भारत महत्त्वपूर्ण खनिजों से संबंधित अपनी नीतियों, विनियमों और निवेश रणनीतियों को सुव्यवस्थित करेगा, तथा उन्हें वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप बनाएगा।
  • क्षमता निर्माण और ज्ञान का आदान-प्रदान: यह सहयोग भारत और IEA सदस्य देशों के बीच तकनीकी विशेषज्ञता, प्रशिक्षण और संयुक्त अनुसंधान के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे भारत को खनिज निष्कर्षण , प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण तकनीकों में अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

महत्त्वपूर्ण खनिज क्या हैं और उनका महत्त्व क्या है?

  • परिभाषा और भूमिका: महत्त्वपूर्ण खनिज आवश्यक कच्चे माल हैं जो ऊर्जा प्रौद्योगिकियों (जैसे बैटरी, सौर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहन), उन्नत विनिर्माण और राष्ट्रीय सुरक्षा के उत्पादन के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। 
    • इनमें लिथियम, कोबाल्ट, दुर्लभ पृथ्वी तत्त्व और निकल जैसे खनिज शामिल हैं।
  • भारत के लिये सामरिक महत्त्व: भारत का नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर संक्रमण तथा विद्युत गतिशीलता और हरित प्रौद्योगिकियों के प्रति उसका प्रोत्साहन, इन महत्त्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता पर बहुत अधिक निर्भर करता है। 
    • ऐसे खनिजों के पर्याप्त घरेलू भंडार की कमी के कारण भारत को प्रायः भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।
  • महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहचान: भारत ने उनकी विघटन क्षमता, प्रतिस्थापना, क्रॉस-कटिंग उपयोग, आयात निर्भरता और पुनर्चक्रण दरों के आधार पर 30 महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है।
    • सूची: पहचाने गए खनिजों में एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट, ताँबा, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हैफनियम, इंडियम, लिथियम, मोलिब्डेनम, नियोबियम, निकल, PGE, फॉस्फोरस, पोटाश, REE, रेनियम, सिलिकॉन, स्ट्रोंटियम, टैंटालम, टेल्यूरियम, टिन, टाइटेनियम, टंगस्टन, वैनेडियम, ज़िरकोनियम, सेलेनियम और कैडमियम शामिल हैं।
    • महत्त्वपूर्ण खनिजों वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश: इन खनिजों वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बिहार, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जम्मू और कश्मीर हैं।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: निम्नलिखित खनिजों पर विचार कीजिये- (2020)

  1. बेंटोनाइट 
  2. क्रोमाइट 
  3. कायनाइट 
  4. सिलीमेनाइट

भारत में, उपर्युक्त में से कौन-सा/से आधिकारिक रूप से नामित प्रमुख खनिज (Major Minerals) है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 4
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2, 3 और 4

उत्तर: d 


प्रश्न. हाल में तत्त्वों के एक वर्ग, जिसे 'दुर्लभ मृदा धातु' कहते हैं, की कम आपूर्ति पर चिन्ता जताई गई। क्यों?(2012)

  1. चीन, जो इन तत्त्वों का सबसे बड़ा उत्पादक है, द्वारा इनके निर्यात पर कुछ प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
  2. चीन, ऑस्ट्रेलिया, कबाड़ा और चिली को छोड़कर अन्य किसी भी देश में ये तत्त्च नहीं पाये जाते हैं।
  3. दुर्लभ मृदा धातुं विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्माण में आवश्यक हैं और इन तत्त्वों की माँग बढ़ती जा रही "है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a). केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और: 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: c

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