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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक

  • 19 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये: 

वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक,  IEA, IRENA

मेन्स के लिये: 

नवीकरणीय ऊर्जा का महत्त्व

र्चा में क्यों?

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency- IEA) द्वारा जारी वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक (World Energy Outlook- WEO) में वर्ष 2040 तक सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता को 495 GW से बढ़ाकर 3142 GW करने का अनुमान लगाया गया है।

निष्कर्ष:

  • वैश्विक स्तर पर आशावादी नीतिगत परिवर्तनों के कारण अब सौर ऊर्जा के मज़बूत विकास का अनुमान लगाया जा रहा है।
  • चीन द्वारा सब्सिडी बढ़ाने का निर्णय, भारत का वर्ष 2030 तक 450 GW का लक्ष्य और अमेरिका द्वारा पोर्टफोलियो मानकों को मज़बूत करने जैसे प्रयासों से नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान व्यक्त किया गया है।
  • एक अन्य अनुमान के अनुसार, CO2 उत्सर्जन दशकों तक जारी रहने की संभावना है क्योंकि   अभी भी कुल ऊर्जा में से 30% ऊर्जा उत्पादन कोयला आधारित संयंत्रों के माध्यम से होता है।
  • सौर ऊर्जा के उत्पादन में बढ़ोतरी के बावजूद IEA ने अन्य ऊर्जा थिंकटैंक जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (International Renewable Energy Agency- IRENA) के अनुमानों की तुलना में कम उत्पादन का अनुमान रखा है।
  • हाल ही में IRENA द्वारा जारी 'फ्यूचर ऑफ सोलर फोटोवोल्टिक' (Future of Solar Photovoltaic) रिपोर्ट में वर्ष 2040 तक 6,000 GW से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन का अनुमान लगाया गया।

जलवायु परिदृश्य

IEA की रिपोर्ट में तीन नीतिगत परिदृश्यों के बारे में बताया गया है।

  1. नीति परिदृश्य (Policy Scenario): इसके अंतर्गत यदि विश्व पहले से स्थापित नियमों के अनुसार कार्य करेगा तो वर्ष 2040 तक ऊर्जा मांग प्रतिवर्ष 1.3% बढ़ सकती है।
  2. देशों के स्तर पर नीति परिदृश्य (Stated Policy Scenario) इसमें सरकार नीतियों के माध्यम से ऊर्जा की मांग में प्रतिवर्ष 1.0% की वृद्धि कर अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को सीमित करने का प्रयास करेंगी।
  3. सतत् विकास परिदृश्य (Sustainable Development Scenario- SDS) इसके अंतर्गत पेरिस समझौते के तहत प्रतिबध्य 2 डिग्री सेल्सियस के नीचे वैश्विक तापमान को बनाए रखते हुए इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के प्रयासों का अनुसरण किये जाने की बात कही गई है।

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ऊर्जा मिश्रण में परिवर्तन

  • IEA का अनुमान है कि यदि नीतियों और लक्ष्य के बीच समन्वय बना रहा तो वर्ष 2035 तक कुल ऊर्जा में सौर ऊर्जा का योगदान कोयले आधारित ऊर्जा उत्पादन से अधिक हो  जाएगा।
  • वर्तमान में कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन 30% है जिसके वर्ष 2026 तक घटकर 26% होने की संभावना है।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी

  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी एक स्वायत्त संगठन है, जो अपने 30 सदस्य देशों और 8 सहयोगी देशों  के साथ वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय, सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने हेतु काम करती है।
  • इसकी स्थापना (1974 में) 1973 के तेल संकट के बाद हुई थी जब ओपेक कार्टेल ने तेल की कीमतों में भारी वृद्धि के साथ दुनिया को चौंका दिया था।
  • IEA के मुख्य क्षेत्र हैं-
    • ऊर्जा सुरक्षा
    • आर्थिक विकास
    • पर्यावरण जागरूकता
    • वैश्विक संबद्धता  (Engagement Worldwide)
  • भारत वर्ष 2017 में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का एक सहयोगी सदस्य बना।
  • इसका मुख्यालय फ्राँस के पेरिस में है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

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