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भारत का परमाणु कार्यक्रम

  • 04 Feb 2025
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

प्रख्यात भौतिक विज्ञानी, वैज्ञानिक, परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) के पूर्व अध्यक्ष और भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख योगदानकर्त्ता डॉ. राजगोपाल चिदंबरम का हाल ही में निधन हो गया।

Rajagopala_Chidambaram

डॉ. राजगोपाल चिदंबरम का प्रमुख योगदान

भारत का त्रि-स्तरीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम क्या है?

  • परिचय: भारत का त्रि-स्तरीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सतत् ऊर्जा उत्पादन के लिये देश के परमाणु संसाधनों का दोहन करने के लिये तैयार किया गया है। इसे प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी डॉ. होमी भाभा ने तैयार किया था।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य भारत के सीमित यूरेनियम संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करना तथा थोरियम की क्षमता को अधिकतम करना है, जो देश में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

3 चरण:

चरण

उद्देश्य

ईंधन/शीतलक/मंदक

नाभिकीय रिएक्टर

वर्तमान स्थिति

चरण 1

इसका उद्देश्य विद्युत् उत्पन्न करना है तथा उपोत्पाद के रूप में प्लूटोनियम-239 (Pu-239) का उत्पादन करना है।

प्लूटोनियम कार्यक्रम के अगले चरण के लिये महत्त्वपूर्ण है।

ईंधन: यूरेनियम (U-238)

मंदक: भारी जल (ड्यूटेरियम ऑक्साइड)

दाबित भारी जल रिएक्टर (PHWR)

भारत ने पहले ही अपने परमाणु ऊर्जा बुनियादी ढाँचे की नींव के रूप में 18 PHWR का निर्माण कर लिया है।

चरण 2

यह फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों (FBR) पर केंद्रित है, जो पहले चरण से ही Pu-239 का उपयोग करते हैं और अपनी खपत से अधिक विखंडनीय सामग्री उत्पन्न करते हैं।

ये रिएक्टर समृद्ध यूरेनियम-238 को Pu-239 में परिवर्तित करते हैं, जिससे परमाणु ईंधन चक्र की दक्षता बढ़ती है और एक सतत् ईंधन स्रोत उपलब्ध होता है।

प्लूटोनियम-239 और यूरेनियम-238 का मिश्रित ऑक्साइड

फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (FBR)

तमिलनाडु के कलपक्कम में प्रोटोटाइप FBR इस चरण में एक महत्त्वपूर्ण विकास है।

चरण 3

  • यह थोरियम आधारित रिएक्टर पर केंद्रित है, जो विखंडनीय पदार्थ  यूरेनियम-233 का उत्पादन करने के लिये थोरियम-232 का उपयोग करते हैं।
  • भारत के प्रचुर थोरियम भंडार का लाभ उपयोग करते हुए, यह चरण परमाणु ईंधन आवश्यकताओं के लिये दीर्घकालिक समाधान प्रदान करता है, साथ ही स्थायी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

थोरियम-232 (यूरेनियम-233 में परिवर्तित)

थोरियम आधारित रिएक्टर (थोरियम चक्र)

थोरियम आधारित रिएक्टरों पर अनुसंधान जारी है, तथा इस चरण के एक भाग के रूप में उन्नत ‘हैवी वाटर रिएक्टर’ (AHWR) का विकास किया जा रहा है।

भारत परमाणु हथियार कार्यक्रम

  • स्माइलिंग बुद्धा (1974): स्माइलिंग बुद्धा भारत के पहले सफल परमाणु परीक्षण का कोडनाम था, जो राजस्थान के पोखरण में किया गया था, जिसने भारत को अमेरिका, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस और चीन के बाद छठा परमाणु-सक्षम राष्ट्र बना दिया था।
  • ऑपरेशन शक्ति (1998): ऑपरेशन शक्ति (पोखरण- II) ऑपरेशन शक्ति के तहत पाँच परमाणु परीक्षणों की एक शृंखला थी, जिसमें एक थर्मोन्यूक्लियर बम भी शामिल था।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत में, क्यों कुछ परमाणु रिऐक्टर ‘आई.ए.ई.ए.सुरक्षा उपायों’ के अधीन रखे जाते हैं जबकि अन्य इस सुरक्षा के अधीन नहीं रखे जाते?  (2020) 

(a) कुछ यूरेनियम का प्रयोग करते हैं और अन्य थोरियम का
(b) कुछ आयातित यूरेनियम का प्रयोग करते हैं और अन्य घरेलू आपूर्ति का
(c) कुछ विदेशी उद्यमों द्वारा संचालित होते हैं और अन्य घरेलू उद्यमों द्वारा
(d) कुछ सरकारी स्वामित्व वाले होते हैं और अन्य निजी स्वामित्व वाले

उत्तर: (b)

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