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ICA वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024

  • 28 Nov 2024
  • 5 min read

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने संगठन के 130 वर्ष के इतिहास में पहली बार नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता गठबंधन (ICA) वैश्विक सहकारी सम्मेलन की मेजबानी की।

  • इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया  गया।

ICA वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • परिचय: यह सम्मेलन नेताओं, नीति निर्माताओं एवं हितधारकों को सहकारी आंदोलन को आगे बढ़ाने के क्रम में विभिन्न मुद्दों पर विचार करने, प्रथाओं को साझा करने एवं रणनीतियों हेतु एक मंच प्रदान करता है।
    • इसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) द्वारा किया जाता है। सहकारी मॉडल को बढ़ावा देने के लिये ICA की स्थापना वर्ष 1895 में की गई थी।
  • विषय: इस सम्मेलन का विषय "सहकारिता सभी के लिये समृद्धि का निर्माण है" है, जो भारत सरकार के "सहकार से समृद्धि" के दृष्टिकोण के अनुरूप है। 
  • शामिल संगठन: यह कार्यक्रम इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइज़र को-ऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA), AMUL, कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड (KRIBHCO) एवं भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया था। 
  • संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025: भारत के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया, जो “सहकारिता एक बेहतर विश्व का निर्माण करती है” विषय पर केंद्रित है।
  • डाक टिकट: कमल की तस्वीर वाला एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। कमल की पाँच पंखुड़ियाँ प्रकृति के पाँच तत्त्वों (पंचतत्त्व) का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता के लिये सहकारी समितियों की प्रतिबद्धता को उज़ागर करती हैं।
    • पंचतत्त्व में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश शामिल हैं।

भारत में सहकारिता

  • संवैधानिक प्रावधान: 97 वें संविधान संशोधन, 2011 ने भारत में सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा और संरक्षण प्रदान किया।
    • भारतीय संविधान में भाग IX B (अनुच्छेद 243-ZH से 243-ZT) जोड़ा गया जो सहकारी समितियों और उनके कामकाज से संबंधित है।
    • इसने सहकारी समितियाँ बनाने के अधिकार को अनुच्छेद 19(1) के तहत मौलिक अधिकार बना दिया।
    • सहकारी समितियों को बढ़ावा देने के लिये राज्य के नीति निदेशक तत्त्व, अनुच्छेद 43-B, को पेश किया गया।
  • सहकारिता को बढ़ावा: सहकारिता आंदोलन को मज़बूत करने और जमीनी स्तर तक इसकी पहुँच बढ़ाने के लिये वर्ष 2021 में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया था।
    • केंद्र सरकार एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बना रही है और एक नई सहकारी नीति भी लाने की योजना बना रही है।
  • सहकारिता का योगदान: भारत में 8 लाख से अधिक सहकारी समितियाँ हैं तथा 98% ग्रामीण क्षेत्र इनके अंतर्गत आते हैं। 
    • भारत में लगभग 300 मिलियन लोग सहकारी समितियों से जुड़े हुए हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. कृषि क्षेत्र को अल्पकालिक ऋण परिदान करने के संदर्भ में ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCBs) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की तुलना में अधिक ऋण प्रदान करते हैं। 
  2. DCCB का एक सबसे प्रमुख कार्य प्राथमिक कृषि साख समितियों को निधि उपलब्ध कराना है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: B

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