रैपिड फायर
ग्लोबल बायो इंडिया 2024
- 14 Sep 2024
- 3 min read
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित ग्लोबल बायो इंडिया 2024 सम्मेलन में भारत की विस्तारित जैव-अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित किया गया और भारत जैव-अर्थव्यवस्था रिपोर्ट (IBER) 2024 को लॉन्च किया गया, साथ ही 30 अभिनव स्टार्टअप का अनावरण किया गया, जिससे जैव प्रौद्योगिकी के भविष्य का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- ग्लोबल बायो इंडिया 2024 बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC) द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
- यह सरकारों, स्टार्टअप्स, अनुसंधान संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय निकायों के बीच सहयोग के लिये एक अद्वितीय स्थान प्रदान करता है।
- इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में अनुमोदित BioE3 (जैव प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था, रोज़गार और पर्यावरण के लिये) नीति का उल्लेख किया।
- BioE3 नीति का उद्देश्य बायो मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएँ, बायो फाउंड्री क्लस्टर और बायो-AI हब स्थापित करना है।
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग और बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC) द्वारा जारी IBER 2024 में भारत के जैव प्रौद्योगिकी उद्योग की प्रभावशाली प्रगति का विवरण दिया गया है।
- मुख्य बिंदु: भारत की जैव-अर्थव्यवस्था वर्ष 2014 में 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2023 तक 151 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है और वर्ष 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है, जो टीकों एवं बायोफार्मास्युटिकल्स की बढ़ती मांग से प्रेरित है, जो वर्ष 2023 में भारत के 3.55 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद का 4.25% हिस्सा थी।
- बायोटेक से संबंधित पहल: राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी विकास रणनीति 2020-25, राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन, बायोटेक-किसान योजना, अटल जय अनुसंधान बायोटेक मिशन और बायोटेक पार्क।
अधिक पढ़ें: भारत में BioE3 नीति और जैव प्रौद्योगिकी