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बायोटेक-किसान योजना

  • 10 Apr 2023
  • 8 min read

चर्चा में क्यों? 

बायोटेक-कृषि इनोवेशन साइंस एप्लीकेशन नेटवर्क (किसान) योजना से विगत एक वर्ष में 1 लाख 60 हज़ार से भी अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।

बायोटेक-किसान योजना: 

  • परिचय : बायोटेक-किसान योजना वर्ष 2017 में शुरू की गई किसान-केंद्रित योजना है जिसे जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत किसानों के लिये शुरू किया गया था।
    • यह हब-एंड-स्पोक मॉडल का अनुसरण करने वाली एक अखिल भारतीय योजना है, जो  किसानों में उद्यमशीलता के साथ-साथ नवाचार को प्रोत्साहित करने और महिला किसानों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।
    • इसमें स्थानीय कृषि के विकास को प्रोत्साहन देने हेतु नेतृत्त्व प्रदान करने वालों की पहचान करने पर बल दिया जाता है।
      • इससे कृषि से संबंधित ज्ञान के हस्तांतरण के साथ वैज्ञानिक कृषि को प्रोत्साहन मिलता है। 
    • देश के सभी 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों के साथ आकांक्षी ज़िलों में बायोटेक-किसान हब स्थापित किये गए हैं। 
  • उद्देश्य: इसे कृषि नवाचार को बढ़ावा देने के लिये शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य कृषि स्तर पर नवीन समाधानों और प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के लिये किसानों को विज्ञान प्रयोगशालाओं से जोड़ना था। 
    • बायोटेक-किसान हब से कृषि और जैव-संसाधन संबंधी रोज़गार के सृजन के साथ छोटे एवं सीमांत किसानों के लिये जैव-प्रौद्योगिकी से संबंधित लाभ तथा बेहतर आजीविका सुनिश्चित होने की संभावना है। 
  • परामर्श प्रदान करना
    • इस योजना के तहत किसानों को उन्नत बीज, सब्जियों के रोपण संबंधी तकनीक, पौधों के विकास को बढ़ावा देने हेतु जैव-उर्वरकों के उपयोग के साथ सिंचाई और संरक्षित कृषि के संबंध में परामर्श प्रदान किया जाना शामिल है।
    • इसके अंतर्गत उन्नत पशुधन (बकरी, सुअर), कुक्कुट और मत्स्यपालन के साथ-साथ पशुधन स्वास्थ्य प्रबंधन भी शामिल है। 

कृषि में जैव प्रौद्योगिकी:

  • कृषि जैव प्रौद्योगिकी:
    • कृषि जैव प्रौद्योगिकी पारंपरिक प्रजनन तकनीकों सहित उपकरणों की एक विशिष्ट शृंखला है, जो उत्पादों को बनाने या संशोधित करने के लिये जीवित जीवों या जीवों के कुछ हिस्सों को बदल देती है; इसमें पौधों या जानवरों में सुधार या विशिष्ट कृषि उपयोगों के लिये सूक्ष्मजीवों का विकास करना आदि शामिल है।
    • आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी के तहत वर्तमान में आनुवंशिक इंजीनियरिंग के उपकरणों को भी शामिल किया गया है।
  • उदाहरण: 
    • आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव (GMO): ये पौधे, जीवाणु, कवक और जानवर होते हैं, जिनमें विद्यमान आनुवंशिक पदार्थ को प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से आनुवंशिक इंजीनियरिंग का प्रयोग करके परिवर्तित किया जाता है। GM पादप (बीटी कॉटन) कई तरह से उपयोगी होते हैं।
    • बायोपेस्टिसाइड: बेसिलस थुरिनजेनेसिस जो कि प्राकृतिक रूप से मिट्टी में पाया जाने वाला जीवाणु है, कीटों में बीमारी का कारण बनता है। यह जैविक कृषि में स्वीकार किया जाता है और इसकी कम लागत, आसान उपयोग तथा उच्च विषाणुता के कारण कीट प्रबंधन के लिये आदर्श माना जाता है।
  • फायदे
    • आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (GMO) से फसलों को कई फायदे होते हैं जिनमें कटाई के बाद कम नुकसान, मानव कल्याण के लिये अतिरिक्त पोषक तत्त्वों हेतु फसलों को संशोधित किया जाना आदि शामिल हैं।
    • इनमें से कुछ फसलों के उपयोग से यह काम आसान हो सकता है और इससे किसानों की सुरक्षा में सुधार हो सकता है। यह किसानों को कम समय में फसलों का प्रबंधन करने में सक्षम बनाएगा और अन्य लाभदायक गतिविधियों के लिये उन्हें अधिक समय मिल सकेगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. पीड़कों के प्रतिरोध के अतिरिक्त वे कौन-सी संभावनाएँ हैं जिनके लिये आनुवंशिक रूप से रूपांतरित पादपों का निर्माण किया गया है? (2012)

  1. सूखा सहन करने के लिये उन्हें सक्षम बनाना 
  2. उत्पाद में पोषकीय मान बढ़ाना  
  3. अंतरिक्ष यानों और अंतरिक्ष स्टेशनों में उन्हें उगने और प्रकाश संश्लेषण करने के लिये सक्षम बनाना
  4. उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाना 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:  

(a) केवल 1 और 2  
(b) केवल 3 और 4  
(c) केवल 1, 2 और 4   
(d) 1, 2, 3 और 4 

उत्तर: (c) 

व्याख्या: 

  • आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें (जीएम फसलें या बायोटेक फसलें) कृषि में उपयोग किये जाने वाले पौधे हैं, जिनके डीएनए को आनुवंशिक इंजीनियरिंग विधियों का उपयोग करके संशोधित किया जाता है। अधिकतर मामलों में इसका उद्देश्य पौधे में एक नया लक्षण पैदा करना है जो प्रजातियों में स्वाभाविक रूप से नहीं होता है। खाद्य फसलों में लक्षणों के उदाहरणों में कुछ कीटों, रोगों, पर्यावरणीय परिस्थितियों, खराब होने में कमी, रासायनिक उपचारों के प्रतिरोध (जैसे- जड़ी-बूटियों का प्रतिरोध) या फसल के पोषक तत्त्व प्रोफाइल में सुधार शामिल हैं।
  •  जीएम फसल प्रौद्योगिकी के कुछ संभावित अनुप्रयोग हैं:
  • पोषण वृद्धि- उच्च विटामिन सामग्री; अधिक स्वस्थ फैटी एसिड प्रोफाइल; अत: कथन 2 सही है।
  • तनाव सहनशीलता- उच्च और निम्न तापमान, लवणता एवं सूखे के प्रति सहनशीलता; अत: कथन 1 सही है।
  • ऐसी कोई संभावना नहीं है जो जीएम फसलों को अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष स्टेशनों में बढ़ने और प्रकाश संश्लेषण करने में सक्षम बनाती हो। अत: कथन 3 सही नहीं है।
  • वैज्ञानिक कुछ आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें बनाने में सक्षम हैं जो सामान्य रूप से एक महीने तक ताज़ा रहती हैं। अत: कथन 4 सही है। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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