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सुभेद्य राष्ट्रों की सहायता हेतु GCF

  • 21 Sep 2024
  • 7 min read

स्रोत: TH

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरित जलवायु कोष (GCF) के प्रमुख ने सुभेद्य राष्ट्रों को जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिये आवश्यक वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्धता जाहिर की है।

हरित जलवायु कोष (GCF) क्या है?

  • परिचय:
  • संचालन (शासन एवं नियंत्रण): 
    • यह कोष GCF बोर्ड द्वारा शासित है और पक्षकारों (पक्षकारों के सम्मेलन-COP) के प्रति जवाबदेह है तथा उनके मार्गदर्शन के अनुसार संचालित है।
    • यह विशिष्ट प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान देने के उद्देश्य से निर्दिष्ट विषयगत वित्तपोषण के माध्यम से विकासशील देश पक्षों में परियोजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों और विभिन्न गतिविधियों का समर्थन करता है।
  • कार्य:
    • GCF, विकासशील देशों को उत्सर्जन न्यूनीकरण, जलवायु-अनुकूलित मार्गों की दिशा में उनके राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) संबंधी महत्त्वाकांक्षाओं में वृद्धि करने के साथ साथ उन्हें साकार करने में सहायता करने हेतु अधिदेशित है
      • NDC जलवायु कार्य योजनाएँ हैं जो यह रेखांकित करती हैं कि देश किस प्रकार अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को न्यूनीकृत करना चाहते हैं तथा जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनना चाहते हैं। 
      • पेरिस समझौते के तहत सभी देशों को प्रत्येक पाँच वर्ष में अपने NDC निर्धारित करने, उन्हें संप्रेषित करने और अद्यतित करने की आवश्यकता होती है।

लवायु वित्तपोषण

  • परिचय:
    • यह एक प्रकार का वित्तपोषण है जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिये कार्य-योजनाओं का समर्थन करना है। यह सार्वजनिक, निजी और वैकल्पिक स्रोतों प्राप्त हो सकता है ।
  • महत्त्व:
    • यह उत्सर्जन न्यूनीकरण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अनुकूलन हेतु महत्त्वपूर्ण है। यह देशों को न्यूनतम कार्बन अर्थव्यवस्थाओं में रूपांतरित करने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिये भी महत्त्वपूर्ण है। 
  • भारत में आवश्यकता:
    • भारत को नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिष्ठानों को प्रोत्साहित करने, बुनियादी ढाँचे को आधुनिक बनाने एवं ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने के लिये जलवायु वित्त की आवश्यकता है। 
  • वित्तीय तंत्र:
    • UNFCCC ने विकासशील देशों को जलवायु वित्त प्रदान करने के लिये कई वित्तीय तंत्र स्थापित किये हैं, जिनमें अनुकूलन कोष, हरित जलवायु कोष और वैश्विक पर्यावरण कोष शामिल आदि हैं।

GCF के उद्देश्य और महत्त्वाकांक्षाएँ क्या हैं?

  • यह विकासशील देशों को जलवायु वित्त प्रदान करने के लिये एक प्रमुख तंत्र है, जो वैश्विक कार्बन उत्सर्जन हेतु सबसे कम ज़िम्मेदार होने के बावजूद जलवायु परिवर्तन से असमान रूप से प्रभावित हैं।
  • GCF ने 19 जलवायु संवेदनशील देशों को मान्यता प्रदान की है, जिन्हें बहुत कम या कोई वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं हुई है।
    • इसमें अल्जीरिया,मध्य-अफ्रीकी गणराज्य,चाड,इराक,लेबनान,मोज़ाम्बिक,पापुआ-न्यू- गिनी और दक्षिण सूडान शामिल हैं।
    • GCF,वर्तमान मे इन देशों को लक्षित जलवायु वित्तीयन और सहायता प्रदान करने को प्राथमिकता दे रहा है।
  • GCF द्वारा सुभेद्य राष्ट्रों के लिये "पसंदीदा साझेदार" बनने के लिये संगठन की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया तथा यह सुनिश्चित किया कि धनराशि उनको प्राप्त हो जहाँ इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
    • जलवायु संबंधी परियोजनाओं को समर्थन देने तथा भविष्य में और अधिक धन जुटाने के लिये, GCF द्वारा वर्ष 2025 तक सोमालिया में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस देश ने हाल ही में भयावह बाढ़ तथा दशकों तक सूखे का सामना किया है।

जलवायु वित्त के संबंध में सरकारी पहल

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न 'हरित जलवायु निधि (ग्रीन क्लाइमेट फण्ड) के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2015)

  1.  यह विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का सामना करने हेतु अनुकूलन और न्यूनीकरण पद्धतियों में सहायता देने के आशय से बनी है।
  2. इसे UNEP, OECD, एशिया विकास बैंक और विश्व बैंक के तत्वाधान में स्थापित किया गया है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: a

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