लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

चीन-अफ्रीका सहयोग शिखर सम्मेलन पर फोरम

  • 09 Sep 2024
  • 8 min read

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में चीन ने बीजिंग में चीन-अफ्रीका सहयोग मंच (FOCAC) शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की, जिसमें 53 अफ्रीकी देशों ने भाग लिया, जिसमें आर्थिक दबावों के बीच चीन के उभरते दृष्टिकोण और अफ्रीका के साथ अपनी साझेदारी को सुदृढ़ करने के उसके प्रयासों को प्रदर्शित किया गया। 

चीन-अफ्रीका सहयोग मंच क्या है?

  • उत्पत्ति: चीन और अफ्रीकी देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को औपचारिक रूप देने के लिये वर्ष  2000 में इसकी स्थापना की गई थी, जिसमें प्रत्येक तीन वर्ष में एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जिसमें चीन और अफ्रीका बारी-बारी से मेज़बान होता है।
  • प्रतिभागी: FOCAC में 53 अफ्रीकी देश इसके सदस्य हैं, केवल एस्वातिनी देश ही इसका अपवाद है, जो चीन की "एक चीन" नीति के विरुद्ध ताइवान के साथ राजनयिक संबंध रखता है।
    • अफ्रीकी संघ आयोग, महाद्वीपीय ब्लॉक जिसे अपने सदस्य देशों में सहयोग और आर्थिक एकीकरण सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है, भी इसका एक सदस्य है। 
  • वर्ष 2024 शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें: शिखर सम्मेलन की थीम है "Joining Hands to Advance Modernization and Build a High-Level China-Africa Community with a Shared Future.” अर्थात “आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने और साझा भविष्य के साथ एक उच्च स्तरीय चीन-अफ्रीका समुदाय बनाने के लिये हाथ मिलाना।"
    • शिखर सम्मेलन का उद्देश्य शासन, औद्योगीकरण, कृषि उन्नयन और चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative- BRI) परियोजनाओं को आगे बढ़ाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करना है।
    • चीन ने अफ्रीकी देशों को लगभग 51 अरब अमेरिकी डॉलर की धनराशि देने का वादा किया है, जिससे पूरे महाद्वीप में 30 बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को समर्थन मिलेगा।
    • शिखर सम्मेलन में बीजिंग घोषणापत्र और FOCAC-बीजिंग कार्य योजना (2025-27) को अपनाया गया, जिसमें चीन-अफ्रीका साझेदारी को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

अफ्रीका के साथ चीन के संबंध

  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) के अनुसार 2023 में अफ्रीका और चीन के बीच व्यापार 282 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगा।
    • चीन अफ्रीका के निर्यात (मुख्यतः धातु, खनिज उत्पाद और ईंधन जैसी प्राथमिक वस्तुएँ) का 20% और अफ्रीकी आयात (मुख्यतः विनिर्मित वस्तुएँ, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा मशीनरी) का 16% हिस्सा है।
    • तंजानिया-जाम्बिया रेलवे, एक अंतर्राष्ट्रीय रेलवे, अफ्रीका में चीन की पहली प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजना थी, जो महाद्वीप के साथ उसके जुड़ाव में एक महत्त्वपूर्ण कदम था।
  • अफ्रीका में चीन का निवेश, विशेष रूप से BRI के तहत, महत्त्वपूर्ण रहा है। पश्चिमी ऋणों की तुलना में कम बाधाओं के कारण अफ्रीकी राष्ट्र अक्सर वित्तपोषण के लिये चीन की ओर रुख करते हैं, लेकिन "ऋण जाल कूटनीति" के बारे में चिंताएँ उभरी हैं, आलोचकों का आरोप है कि चीन के बड़े पैमाने पर ऋण भू-राजनीतिक लाभ का कारण बन सकते हैं।

भारत की अफ्रीका के साथ वर्तमान में सहभागिता किस प्रकार है?

  • भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन (IAFS): संबंधों को मज़बूत करने के उद्देश्य से शुरू किये गए IAFS का वर्ष 2015 के बाद से कोई आयोजन नहीं हुआ है। कोविड-19 महामारी के कारण चौथे शिखर सम्मेलन में विलंब हुआ, जिसे पहले वर्ष 2020 में आयोजित करने के लिये योजनाबद्ध किया गया था।
  • हालिया पहल: अफ्रीका के लिये 2018 के मार्गदर्शक सिद्धांत भारतीय विदेश नीति में अफ्रीका को प्राथमिकता देने और व्यापार, डिजिटल नवाचार और जलवायु सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
    • भारत की 2023 G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ (AU) को G20 का स्थायी सदस्य बनाया गया।
    • G20 अध्यक्षता के बाद से भारत वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट (VOGSS) की मेज़बानी करता रहा है, जिसमें सभी अफ्रीकी देश भाग लेते हैं।
      • भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान और उसके बाद अभी तक VOGSS के तीन संस्करण आयोजित किये  जा चुके हैं।
  • रक्षा एवं सुरक्षा: भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) सुरक्षा सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
  • आर्थिक संबंध: भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार लगभग 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तथा संचयी निवेश 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
  • डिजिटल और तकनीकी सहयोग: भारत अफ्रीका के डिजिटल परिवर्तन का समर्थन करने के लिये डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

और पढ़ें: भारत-अफ्रीका सहयोग में नए रास्ते

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)   

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन (इंडिया-अफ्रीका सम्मिट)

  1. जो वर्ष 2015 में हुआ, तीसरा सम्मेलन था
  2. की शुरुआत वास्तव में वर्ष 1951 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई थी

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2

उत्तर: (a)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2