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MILAN अभ्यास- 2024

  • 01 Mar 2024
  • 6 min read

स्रोत: पी.आई.बी. 

MILAN अभ्यास- 2024 हाल ही में INS विक्रांत के लिये आयोजित समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ, जो विशाखापत्तनम में समुद्री चरण के अंत का प्रतीक है।

MILAN- 2024 क्या है?

  • MILAN 2024 पूर्वी नौसेना कमान के तत्त्वावधान में विशाखापत्तनम में आयोजित द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसेना अभ्यास का 12वाँ संस्करण है।
    • MILAN का केंद्रीय उद्देश्य मित्रवत नौसेनाओं के बीच पेशेवर संपर्क को बढ़ाना और समुद्र में बहुपक्षीय बड़ी सेना के संचालन में अनुभव प्राप्त करना है।
    • इसका प्रारंभ वर्ष 1995 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हुई। इस संस्करण में इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड की नौसेनाओं ने भाग लिया।
  • वर्ष 2024 के अभ्यास में दो चरण शामिल थे:
    • हार्बर चरण में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सेमीनार, शहर परेड, तकनीकी प्रदर्शनियाँ, विशेषज्ञ आदान-प्रदान, युवा अधिकारी सभाएँ और खेल कार्यक्रम शामिल हैं।
      • अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सेमिनार का विषय था 'महासागरों में भागीदार: सहयोग, तालमेल, विकास'
    • समुद्री चरण में मित्र राष्ट्रों, भारतीय नौसेना के वाहक और अन्य इकाइयों के जहाज़ों तथा विमानों की भागीदारी शामिल है।

भारतीय नौसेना से संबंधित हालिया प्रमुख विकास क्या हैं? 

  • नए जहाज़ों का नियोजन: 
    • INS विक्रांत: भारत का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत, रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक प्रमुख मील का पत्थर।
    • INS मोरमुगाओ: एक स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक, सतह-विरोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के लिये प्रोजेक्ट-15B का हिस्सा।
    • INS वागीर: एक नई कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी, जो नौसेना की पानी के नीचे की शक्ति को बढ़ाती है।
    • IINS संध्याक: यह हाल ही में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया पहला सर्वे वेसल लार्ज (SVL) जहाज़ है।
  • हाल के अधिग्रहण कार्यक्रम:
    • प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स: स्वदेशी शिपयार्डों में निर्माणाधीन उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट्स।
    • प्रोजेक्ट 75I पनडुब्बियाँ: उन्नत स्टील्थ और मारक क्षमता वाली छह स्वदेशी रूप से डिज़ाइन की गई पनडुब्बियों के निर्माण का कार्यक्रम।
  • पनडुब्बी बचाव प्रगति:
    • भारतीय नौसेना द्वारा वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में यूनाइटेड किंगडम से उन्नत डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल्स (DSRV) का अधिग्रहण, पनडुब्बी बचाव क्षमताओं को बढ़ाता है।
      • केवल 12 देशों के पास यह विशिष्ट तकनीक है और भारत उनमें से एक है जो इसके रणनीतिक महत्त्व को उजागर करती है।
    • इसके अतिरिक्त हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, विशाखापत्तनम द्वारा दो देशज रूप से निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल्स (DSV) प्रस्तुत किये गए जो पनडुब्बी बचाव अभियान की क्षमता में वृद्धि करते हैं।
      • DSRV प्रणाली उन्नत सोनार प्रौद्योगिकी और रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स का उपयोग कर 1,000 मीटर की गहराई तक पनडुब्बियों का पता लगाने में सक्षम है।

नोट: भारतीय नौसेना ने हाल ही में घोषणा की कि उसने 900 किमी. की दूरी से ब्रह्मोस मिसाइल का उपयोग कर भूमि आधारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) क्या है? (2018)

(a) इज़रायल की एक रडार प्रणाली
(b) भारत का घरेलू मिसाइल प्रतिरोधी कार्यक्रम
(c) अमेरिकी मिसाइल प्रतिरोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक रक्षा सहयोग

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत ने निम्नलिखित में से किससे बराक मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली खरीदी है? (2008)

(a) इज़रायल
(b) फ्राँस
(c) रूस
(d) अमेरिका

उत्तर: (a)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा 'INS अस्त्रधारिणी' का सबसे अच्छा विवरण है, जो हाल ही में खबरों में था? (वर्ष 2016)

 (A) उभयचर युद्ध पोत
 (B) परमाणु संचालित पनडुब्बी
 (C) टॉरपीडो लॉन्च और रिकवरी वेसल
 (D) परमाणु संचालित विमान वाहक

 उत्तर: (C)

    • INS अस्त्रधारिणी एक स्वदेश निर्मित टॉरपीडो लॉन्च और रिकवरी वेसल है। इसे 6 अक्तूबर, 2015 को कमीशन किया गया था।

    अत: विकल्प (C) सही उत्तर है।

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