ऑपरेशन ग्रीन्स योजना का कम उपयोग | 30 Dec 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर संसदीय स्थायी समिति (PSC) ने एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें ऑपरेशन ग्रीन्स (OG) योजना के निम्न प्रदर्शन पर प्रकाश डाला गया।

  • इस योजना की सीमित सफलता, अस्थिर कृषि बाज़ारों और फसल-पश्चात होने वाले नुकसान की चुनौतियों से निपटने में सरकार की क्षमता के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करती है।

PSC रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

  • बजट का कम उपयोग: वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये आवंटित 173.40 करोड़ रुपए में से केवल 34% (59.44 करोड़ रुपए) अक्तूबर 2024 तक खर्च किये गए हैं।
    • आवंटित बजट का 65.73% हिस्सा अभी तक खर्च नहीं हो पाया है, जिससे शेष वित्तीय वर्ष के लिये व्यय संबंधी दिशानिर्देशों को पूरा करने में चिंता उत्पन्न होती है।
  • मूल्य स्थिरीकरण पर सीमित प्रभाव: फसल की कीमतों को स्थिर करने के योजना के उद्देश्य के बावजूद, महाराष्ट्र में प्याज़ किसानों को मूल्य में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है, तथा प्याज़ की कीमतों में लगभग 50% की कमी आई है।
    • ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में आलू की कमी देखी जा रही है, तथा पश्चिम बंगाल में मौसम की खराब स्थिति के कारण उत्पादन में गिरावट के कारण स्थिति और भी चिंताजनक है।
  • नीतिगत असंगतताएँ: निर्यात प्रतिबंध और उसके विस्तार तथा निर्यात शुल्क अधिरोपण जैसी सरकार की असंगत नीतियों ने प्याज़ किसानों को निराश कर दिया है, जिससे उचित मूल्य प्राप्त करने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई है।
  • योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने में चुनौतियाँ: इस योजना के अंतर्गत इसके दोहरे उद्देश्यों की पूर्ति करने में संघर्ष करना पड़ा है। इसके दोहरे उद्देश्यों के अंतर्गत उपभोक्ताओं को वहनीय मूल्य का विकल्प प्रदान करते हुए किसानों को उचित मूल्य प्रदान करना सुनिश्चित किया जाना शामिल है।
    • अपर्याप्त वित्तपोषण और प्रगति का अभाव कृषि बाज़ारों को स्थिर करने और कटाई-उपरांत प्रबंधन में बुनियादी ढाँचे की कमी की पूर्ति करने में चुनौतियों को उजागर करता है।

ऑपरेशन ग्रीन्स योजना क्या है?

  • परिचय: यह प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत वर्ष 2018 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना, जिसका उद्देश्य "ऑपरेशन फ्लड (श्वेत क्रांति)" से प्रेरित होकर विकारीय फसलों की कीमतों को स्थिर करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
  • उद्देश्य: 
  • अल्पकालिक हस्तक्षेप: आपात/मजबूरन विक्रय से उत्पादकों की रक्षा करना तथा कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना।
  • कार्यान्वयन: OG का कार्यान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जिसका वित्तपोषण भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) द्वारा किया जाता है।
  • क्षेत्र का विस्तार: ओ.जी. योजना के अंतर्गत प्रारंभ में टमाटर, प्याज़ और आलू (टी.ओ.पी.) की फसल शामिल थी। 
    • हालाँकि, 15 वें वित्तीय आयोग चक्र (2021-26) के भाग के रूप में, इसमें विस्तार कर 22 विकारीय (जिनका नाश शीघ्रतः होता है) फसलों को शामिल कर दिया गया, जैसे फल (आम, केला, अंगूर), सब्जियाँ (गाजर, बीन्स, भिंडी), लौकी कुल (लौकी, करेला) और अन्य फसलें जैसे लहसुन, अदरक और झींगा।

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