SAFE आवास - विनिर्माण विकास के लिये श्रमिक आवास सुविधा | 23 Dec 2024

प्रिलिम्स के लिये:

नीति आयोग, श्रम गतिशीलता, आर्थिक सर्वेक्षण, नोमिनल GVA, सेमीकंडक्टर, विशेष आर्थिक क्षेत्र, फ्लोर एरिया रेशियो, न्यूनतम मज़दूरी, व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण, श्रमबल

मेन्स के लिये:

विनिर्माण क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने हेतु श्रमिकों के लिये आवास सुविधाओं की आवश्यकता।

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नीति आयोग ने SAFE आवास - विनिर्माण विकास के लिये श्रमिक आवास सुविधा पर एक रिपोर्ट जारी की, यह व्यापक रिपोर्ट भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने में औद्योगिक श्रमिकों के लिये सुरक्षित, सस्ती, लचीली और कुशल (SAFE) आवास की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है।

  • यह रिपोर्ट प्रमुख चुनौतियों की पहचान करती है, कार्यान्वयन योग्य समाधान प्रस्तुत करती है तथा देश भर में ऐसी आवास सुविधाओं को बढ़ाने के लिये आवश्यक महत्त्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर प्रकाश डालती है।

नोट: SAFE आवास का मूल अर्थ है सुरक्षित, सस्ते, लचीले और कुशल आवास।

SAFE आवास क्या है?

  • SAFE आवास: SAFE आवास एक अवधारणा है जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल के निकट, आमतौर पर औद्योगिक या कारखाना स्थलों के निकट आवास सुविधाएँ प्रदान करना है।

Dormitory_Style_Accommodation

  • सुविधाएँ: इसमें दीर्घकालिक छात्रावास-शैली (Dormitory-Style) आवास शामिल है, जो सीधे श्रमिकों या उनके नियोक्ताओं को किराए पर दिया जाता है
    • इसमें जल, विद्युत, स्वच्छता सुविधाएँ और भोजन, वस्त्र धोने तथा औषधालय जैसी अन्य बुनियादी सेवाएँ शामिल हैं।
    • इसमें पारिवारिक आवास शामिल नहीं है।
  • उद्देश्य: 
    • विनिर्माण प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाने के लिये SAFE आवास के माध्यम से श्रम गतिशीलता और उत्पादकता को सुविधाजनक बनाना।
    • निर्माण और संचालन के लिये अनुकूलित विनियमों के साथ श्रमिकों के आवास को महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के रूप में नामित करना।
    • निजी डेवलपर्स के लिये आकर्षक रिटर्न के साथ किफायती आवास उपलब्ध कराने हेतु बाज़ार संचालित पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना।

नोट: छात्रावास-शैली (Dormitory-Style) आवास कई कमरों वाला एक बड़ा स्थान होता है जहाँ लोग सोते हैं। इसका अर्थ लोगों के रहने के लिये कई बिस्तरों वाले कमरे से भी हो सकता है।

विनिर्माण वृद्धि में कौन-से SAFE आवास सहायक हैं?

  • विनिर्माण विकास: आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिये भारत को वर्ष 2030 तक प्रत्येक वर्ष 7.85 मिलियन रोज़गार जोड़ने की आवश्यकता है।
    • कार्य स्थलों के निकट औपचारिक आवास इस विस्तार को समर्थन देने के लिये आवश्यक कार्यबल को आकर्षित और बनाए रख सकते हैं।
  • महिला सशक्तीकरण: चीन में महिलाएँ 61% श्रम भागीदारी दर के साथ सकल घरेलू उत्पाद में 41% का योगदान देती हैं, जो भारत के 18% सकल घरेलू उत्पाद योगदान और न्यूनतम भागीदारी से लगभग दोगुना है।
    • SAFE आवास कार्यक्रम महिलाओं के लिये सुरक्षित आवास सुनिश्चित कर सकता है तथा उनके लिये रोज़गार और अवसर उत्पन्न कर सकता है।
  • क्षेत्रीय परिवर्तन: विनिर्माण क्षेत्र में 11% कार्यबल कार्यरत है और मौद्रिक GVA में इसका योगदान 14% है, जबकि कृषि क्षेत्र में 46% कार्यबल कार्यरत है लेकिन GVA में इसका योगदान  केवल 18% है
    • SAFE आवास की सुविधा से कृषि से उद्योग में अधिशेष श्रमबल को स्थानांतरित करने में मदद मिल सकती है।
    • भारत का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण के योगदान को 25% तक करना है। हालाँकि वित्त वर्ष 2012 से यह 14 से 16% के बीच रहा है।
  • मेक इन इंडिया को समर्थन: विशिष्ट औद्योगिक केंद्र उभर रहे हैं, जैसे कि तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में असेंबली और पैकेजिंग उद्योग, तमिलनाडु के होसुर में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) केंद्र तथा गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर केंद्र
    • SAFE आवास व्यवस्था एक ही स्थान पर पर्याप्त कार्यबल को सुरक्षित करने में मदद कर सकती है, जिसमें प्रायः प्रवासी श्रमिक शामिल होंगे।
  • आवास की बढ़ती मांग: भारत को विकसित भारत के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु और अधिक रोज़गार सर्जन के लिये प्रतिवर्ष 9.4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से आर्थिक विकास की आवश्यकता है।
    • यह मानते हुए कि वर्ष 2033 तक, लगभग 20% कार्यबल वहनीय औपचारिक आवासन को प्राथमिकता देगा तो इस दृष्टि से विनिर्माण श्रमिकों के लिये 25 मिलियन आवास इकाइयों की आवश्यकता होगी।

Projected_Formal_Accommodation

  • उत्पादकता और प्रतिधारण में वृद्धि: निकटस्थ और सुव्यवस्थित रूप से डिज़ाइन किये गए आवासों से श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है, कार्य में लगने वाला यात्रा समय कम हो सकता है तथा समग्र उत्पादकता में बढ़ोतरी हो सकती है।
    • इससे कर्मचारियों की छंटनी की दर और भर्ती लागत कम हो जाती है, जिससे कारखानों के लिये एक स्थिर तथा कुशल कार्यबल सुनिश्चित होता है।
  • वैश्विक निवेश आकर्षित करना: बहुराष्ट्रीय निगम श्रमिक कल्याण और दक्षता को प्राथमिकता देते हैं, तथा इस दृष्टि से गुणवत्तापूर्ण आवास की सुविधा प्रदान कर भारत एक पसंदीदा विनिर्माण केंद्र बन सकता है।
    • यह वैश्विक श्रम मानकों के अनुरूप है जिनमें पर्याप्त और सुरक्षित श्रमिक आवास को प्राथमिकता दी गई है। 

SAFE आवास के वैश्विक उदाहरण

  • चीन: अधिकांश प्रवासी कारखाना श्रमिकों को नियोक्ताओं द्वारा निर्मित श्रमिक शयनगृह में आवास की सुविधा प्रदान की गई, जो प्रायः स्थानीय सरकारों द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराई गई भूमि पर निर्मित थे। 
    • चीन के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में कार्यरत तीस मिलियन असेंबली लाइन श्रमिकों में से लगभग 80% महिलाएँ हैं, जिन्हें आंतरिक प्रांतों के ग्रामीण क्षेत्रों से नियोजित किया गया है।
    • यहाँ आवास प्रायः रोज़गार करार का हिस्सा होता है।
  • जापान: प्रारंभिक जापानी औद्योगीकरण में दूरवर्ती ग्रामों से आई महिला श्रमिकों को शयनगृह में आवास की सुविधा प्रदान की जाती थी।
  • सिंगापुर: सिंगापुर में प्रवासी आवास के लिये एक अलग अधिनियम है जिसे विदेशी कर्मचारी शयनगृह अधिनियम, 2015 कहते हैं तथा श्रमिकों के शयनगृहों के लिये अलग भवन विनियम हैं।
  • वियतनाम: वियतनाम ने शहरी क्षेत्रों में निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों तथा औद्योगिक पार्कों में काम करने वाले श्रमिकों के लिये 10 लाख सामाजिक आवास इकाइयों के निर्माण की योजना को स्वीकृति दी थी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से महिला श्रमिकों के नियोजन में सुविधा हो सके।

श्रमिक आवासन की सुविधा बढ़ाने में क्या चुनौतियाँ शामिल हैं?

  • प्रतिबंधात्मक क्षेत्रीकरण विधि: औद्योगिक क्षेत्रों में आवासीय विकास पर प्रायः प्रतिबंध होता है, जब तक कि स्पष्ट रूप से अनुमति न दी जाए, जिससे श्रमिकों को अपने कार्यस्थलों से दूर रहने के लिये विवश होना पड़ता है। 
    • इससे यात्रा का समय और लागत बढ़ जाती है, जिससे उत्पादकता तथा प्रतिधारण प्रभावित होता है।
  • रूढ़िवादी भवन उपविधि: निम्न तल क्षेत्र अनुपात (FAR) और अन्य अकुशल भूमि उपयोग नियम उपलब्ध भूमि पर उच्च क्षमता वाले आवास की संभावना को सीमित करते हैं।
  • उच्च परिचालन लागत: औद्योगिक क्षेत्रों में आवसन को अक्सर वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जिसके कारण संपत्ति कर और उपयोगिता दरें अधिक हो जाती हैं। 
    • लागतों में ये वृद्धि निजी क्षेत्र की भागीदारी को हतोत्साहित करती हैं।
  • वित्तीय व्यवहार्यता: उच्च पूंजी लागत और कम रिटर्न के कारण व्यापक स्तर पर श्रमिक आवास परियोजनाएँ निजी डेवलपर्स के लिये अनाकर्षक हो जाती हैं। 
    • बुनियादी ढाँचा निवेशकों को 80 वर्ग फीट के लिये प्रति श्रमिक 4,000 रुपए का लीज रेंट चाहिये, जो न्यूनतम मज़दूरी वाले श्रमिक के वेतन का लगभग 30% है, जिससे यह कई लोगों के लिये वहनीय नहीं है।
  • समन्वय: समन्वय संबंधी चुनौतियाँ भी उत्पन्न होती हैं, क्योंकि औद्योगिक केंद्रों को सफल होने के लिये आवास, बुनियादी ढाँचे और उद्योगों में समन्वित निवेश की आवश्यकता होती है।

आगे की राह

  • नियामक अनुशंसाएँ:
    • श्रमिक आवासों का पुनर्वर्गीकरण करना: SAFE आवासों को एक अलग आवासीय श्रेणी के रूप में नामित करना, यह सुनिश्चित करना कि आवासीय संपत्ति कर, विद्युत और जल के शुल्क लागू हों, साथ ही आवासों के लिये  GST छूट भी हो।
      • उदाहरण के लिये, लगातार 90 दिनों तक रहने पर प्रति व्यक्ति 20,000 रुपए
    • पर्यावरणीय मंज़ूरी: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा जारी मसौदा अधिसूचना में औद्योगिक शेड, स्कूल, कॉलेज तथा छात्रावासों के लिये प्रदान की गई छूट के अंतर्गत सुरक्षित आवास को शामिल करना।
    • लैंगिक-समावेशी नीतियाँ: श्रमिकों के लिये उपयुक्त आवास के विकास को प्रोत्साहित करना, उनकी विशिष्ट सुरक्षा और कल्याण आवश्यकताओं को संबोधित करना।
    • सुनम्य क्षेत्रीय कानून: औद्योगिक केंद्रों के निकट मिश्रित उपयोग वाले विकास की अनुमति देने के लिये क्षेत्रीय विनियमों में संशोधन करना, कार्यस्थलों के निकट श्रमिकों के आवास की सुविधा प्रदान करना।
  • वित्तीय अनुशंसाएँ:
    • व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF): VGF समर्थन के माध्यम से परियोजना लागत (भूमि को छोड़कर) का 30% -40% तक प्रदान किया जाता है। 
      • इसमें आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) की ओर से 20% और प्रायोजक नोडल मंत्रालय की ओर से 10% तथा राज्य सरकारों की ओर से अतिरिक्त योगदान शामिल है।
    • प्रतिस्पर्द्धी बोली: VGF समर्थन निर्धारित करने के लिये पारदर्शी बोली प्रक्रियाओं को लागू करना, दक्षता और लागत प्रभावशीलता सुनिश्चित करना।
    • मौजूदा सुविधाओं का नवीनीकरण: ब्राउनफील्ड श्रमिकों के आवासों को उन्नत करने के लिये VGF का लाभ उठाना, जिससे उनकी सुरक्षा, क्षमता और उपयोगिता में वृद्धि होगी।

दृष्टि मेन्स प्रश्न: 

प्रश्न: भारत में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को बेहतर बनाने में SAFE आवास किस प्रकार योगदान दे सकता है? उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से गैर-वित्तीय ऋण में सम्मिलित है? (2020)

  1. परिवारों का बकाया गृह ऋण
  2. क्रेडिट कार्डों पर बकाया राशि
  3. राजकोष बिल (Treasury bills)

नीचे दिये गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न. बेहतर नगरीय भविष्य की दिशा में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र पर्यावास (UN-Habitat) की भूमिका के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)

  1. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा संयुक्त राष्ट्र पर्यावास को आज्ञापित किया गया है कि वह सामाजिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से धारणीय ऐसे कस्बों और शहरों को संवर्द्धित करे जो सभी को पर्याप्त आश्रय प्रदान करते हों। 
  2. इसके साझीदार सिर्फ सरकारें या स्थानीय नगर प्राधिकरण ही हैं। 
  3. संयुक्त राष्ट्र पर्यावास, सुरक्षित पेयजल व आधारभूत स्वच्छता तक पहुँच बढ़ाने और गरीबी कम करने के लिये संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था के समग्र उद्देश्य में योगदान करता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) 1, 2 और 3
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 1

उत्तर: (b)


मेन्स

प्रश्न 1. भारत में नगरीय जीवन की गुणता की संक्षिप्त पृष्ठभूमि के साथ, ‘स्मार्ट नगर कार्यक्रम’ के उद्देश्य और रणनीति बताइये। (2016)

प्रश्न 2. भारत में तीव्र शहरीकरण प्रक्रिया ने जिन विभिन्न सामाजिक समस्याओं को जन्म दिया, उनकी विवेचना कीजिये। (2013)