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न्यूनतम मज़दूरी में वृद्धि

  • 28 Sep 2024
  • 1 min read

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

हाल ही में, केंद्र सरकार ने कृषि और औद्योगिक श्रमिकों के लिये केंद्रीय न्यूनतम मज़दूरी में वृद्धि की है।

  • यह वृद्धि न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत की गई है, जो केंद्र और राज्य सरकारों को न्यूनतम मज़दूरी तय करने, समीक्षा करने तथा संशोधित करने का अधिकार देता है।
  • न्यूनतम या फ्लोर वेतन वह न्यूनतम पारिश्रमिक है जो नियोक्ताओं को अपने श्रमिकों को देने के लिये कानूनी रूप से आवश्यक है। 
  • सरकार वर्ष में दो बार न्यूनतम मज़दूरी दरों में संशोधन करती है। 
  • ये समायोजन औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) से जुड़े हैं।
    • CPI-IW एक निश्चित समयावधि में औद्योगिक श्रमिकों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की निश्चित टोकरी की खुदरा कीमतों में सापेक्ष परिवर्तन को मापता है ।
    • श्रम और रोज़गार मंत्रालय का श्रम ब्यूरो CPI-IW जारी करता है।

और पढ़ें: औद्योगिक श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक

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