बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार | 24 Apr 2024
प्रिलिम्स के लिये:बहुपक्षीय विकास बैंक (MDB, द्वितीय विश्व युद्ध, विश्व बैंक समूह, एशियाई विकास बैंक, अफ्रीकी विकास बैंक, एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक मेन्स के लिये:MDB तथा सुधारों से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ |
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सितंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान होने वाले इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) में सुधार एक प्रमुख बिंदु होगा।
बहुपक्षीय विकास बैंक (MDB) क्या हैं?
- परिचय: MDB अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान हैं जो विकासशील देशों में आर्थिक एवं सामाजिक विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के साथ-साथ पेशेवर परामर्श भी प्रदान करते हैं।
- इनका गठन तथा पूंजीकरण कई देशों द्वारा एकत्रित संसाधनों एवं उनके बोर्डों के साझा प्रतिनिधित्व के माध्यम से किया जाता है।
- इनकी उत्पत्ति द्वितीय विश्व युद्ध के बाद युद्ध से क्षतिग्रस्त देशों के पुनर्निर्माण एवं वैश्विक वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करने के लिये की गई थी।
- उद्देश्य: वाणिज्यिक बैंकों के विपरीत MDB अपने शेयरधारकों के लिये अधिकतम लाभ अर्जित की कोशिश नहीं करते हैं।
- इसके स्थान पर वे विकास के लक्ष्यों को प्राथमिकता देते हैं, जैसे अत्यधिक गरीबी को समाप्त करना एवं आर्थिक असमानता को कम करना।
- वे प्राय: कम अथवा बिना ब्याज पर ऋण प्रदान करते हैं अथवा बुनियादी ढाँचे, ऊर्जा, शिक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता एवं विकास को बढ़ावा देने वाले अन्य क्षेत्रों की परियोजनाओं हेतु अनुदान प्रदान करते हैं।
- प्रमुख MDB: विश्व बैंक समूह, एशियाई विकास बैंक, अफ्रीकी विकास बैंक, यूरोपीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक एवं इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक।
MDB से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?
- संसाधन संबंधी बाधाएँ: MDB के लिये विशेष रूप से बढ़ती आवश्यकताओं के आलोक में प्राय: ऋण देने हेतु पूंजी उपलब्धता एक चुनौती हो सकती है। परिणामस्वरूप महत्त्वपूर्ण विकास पहलों में वित्तपोषित करने की उनकी क्षमता बाधित हो सकती है।
- वैश्विक चुनौतियों के साथ तालमेल बनाए रखना: विश्व को जलवायु परिवर्तन, महामारी और तकनीकी व्यवधान जैसी नई और जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
- MDB ने इन मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिये अपनी रणनीतियों और दृष्टिकोण में इन बढ़ती चुनौतियों को पूरी तरह से अनुकूलित नहीं किया है।
- निर्णय निर्माण: कुछ MDB में वर्तमान मतदान संरचना विकसित देशों को अधिक शक्ति प्रदान करती है।
- विकासशील देश अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिये निर्णय लेने में अधिक भूमिका निभाने पर ज़ोर दे रहे हैं।
- MDB में निर्णय लेने की प्रक्रियाओं की पारदर्शिता के साथ ही भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को रोकने के लिये मज़बूत जवाबदेही तंत्र की आवश्यकता है।
- उदाहरण के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका के पास विश्व बैंक में 15.85% वोटिंग शक्ति है, जो उसे संस्था के निर्णयों पर पर्याप्त प्रभाव प्रदान करती है।
- एकीकृत दृष्टिकोण: बहुपक्षीय विकास बैंक से सभी के लिये उपयुक्त ऋण, जैसे समान ब्याज दर या पुनर्भुगतान कार्यक्रम, उनकी विविध आर्थिक संरचनाओं और वित्तीय क्षमताओं के कारण वैश्विक दक्षिण के देशों के लिये चुनौतीपूर्ण हैं।
बहुपक्षीय विकास हेतु बैंकों में क्या सुधार आवश्यक हैं?
- जलवायु से संबंधित वित्तपोषण: MDB विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन परियोजनाओं के लिये संसाधन जुटाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- इसमें समर्पित जलवायु वित्त सुविधाएँ, हरित बॉण्ड की पेशकश करना और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये नवीन जोखिम-साझाकरण उपकरण विकसित करना शामिल हो सकता है।
- ज्ञान साझा करना और दक्षिण-दक्षिण सहयोग: विकासशील देशों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिये MDB को प्रोत्साहित करना।
- इसमें समान चुनौतियों का सामना करने वाले देशों को जोड़ना और सफल विकास रणनीतियों पर सहयोग को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है।
- परवर्ती स्तर की रणनीतियाँ: मध्यम-आय वाले देशों के लिये पारदर्शी चैनल स्थापित करना, जैसे-जैसे वे बढ़ते हैं, निजी स्रोतों से रियायती ऋणों से बाज़ार-दर पर वित्तपोषण प्राप्त करते हैं।
- इससे कम आय वाले देशों के लिये MDB संसाधन मुक्त हो जाते हैं जिन्हें अभी भी महत्त्वपूर्ण समर्थन की आवश्यकता है।
- सामाजिक और पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय: यह सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षा उपायों को बढ़ाना कि MDB द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं का पर्यावरण या समाज पर हानिकारक प्रभाव न पड़े और समावेशी सतत् विकास सुनिश्चित हो।
भारत के प्रमुख बहुपक्षीय विकास बैंक से संबद्धता:
- विश्व बैंक समूह: भारत विश्व बैंक समूह के पाँच घटकों में से चार का सदस्य है, अर्थात् अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development- IBRD), अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (International Development Association- IDA), अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation- IFC) और बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (Multilateral Investment Guarantee Agency- MIGA)।
- भारत ICSID (इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट डिस्प्यूट्स) का सदस्य नहीं है।
- भारत हेतु विश्व बैंक की सहायता 1948 में शुरू हुई जब कृषि मशीनरी परियोजना के लिये वित्तपोषण को मंज़ूरी दी गई।
- एशियाई विकास बैंक (ADB): भारत ADB का संस्थापक सदस्य और बैंक का चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक है।
- 1986 में परिचालन शुरू करने के बाद से ADB ने देश में अपने परिचालन को सरकार की विकासशील प्राथमिकताओं के साथ जोड़ दिया है।
- इस दृष्टिकोण को देशों की आगामी रणनीति साझेदारी, 2023-2027 के माध्यम से अपनाया जाएगा।
- एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB): भारत, चीन के बाद दूसरे सबसे ज़्यादा वोटिंग शेयर के साथ एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB) का संस्थापक सदस्य है।
- इसका मुख्यालय बीजिंग में है।
- न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB): भारत, NDB का संस्थापक सदस्य है, चीन के बाद 7.5 बिलियन अमेरिकी डाॅलर के साथ NDB का दूसरा सबसे बड़ा वित्तीय सहायता प्राप्तकर्त्ता है।
- इसकी स्थापना 2015 में BRICS देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा की गई थी।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. वैश्विक स्तर पर सतत् और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) की भूमिका पर चर्चा कीजिये। MDB बढ़ती जलवायु चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना कैसे कर सकते हैं? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. एशियाई आधारिक-संरचना निवेश बैंक [एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB)] के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. भारत ने हाल ही में न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक (AIIB) का संस्थापक सदस्य बनने के लिये हस्ताक्षर किये हैं। इन दोनों बैंकों की भूमिका किस प्रकार भिन्न होगी? भारत के लिये इन दोनों बैंकों के रणनीतिक महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (2012) |