भारतीय अर्थव्यवस्था
परिसंपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्य में वृद्धि
- 14 Oct 2024
- 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा के लिये:नीति आयोग, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन, ब्राउनफील्ड संपत्ति, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट, विनिवेश, एकाधिकार। मुख्य परीक्षा के लिये:बुनियादी ढाँचे का वित्तपोषण, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) का प्रदर्शन। |
स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग ने वर्ष 2024-25 (वित्त वर्ष 25) के लिये परिसंपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्य को 23,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.9 ट्रिलियन कर दिया है।
- इसके साथ ही नीति आयोग चार साल की अवधि (वित्त वर्ष 2022-25) के लिये राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) के तहत निर्धारित कुल 6 ट्रिलियन (6 लाख करोड़ रुपए) के लक्ष्य के करीब पहुँच गया है।
परिसंपत्ति मुद्रीकरण क्या है?
- परिचय: किसी परिसंपत्ति का मुद्रीकरण करने का अर्थ है उसे ऐसे रूप में परिवर्तित करना जिससे राजस्व या मुद्रा अर्जित हो सके।
- मुद्रीकरण में लाभ उत्पन्न करने या इसे नकदी में बदलने के लिये किसी मूल्यवान वस्तु का उपयोग करना शामिल है। उदाहरण के लिये, सरकार राजकोषीय प्रतिभूतियों का अधिग्रहण करके अपने राष्ट्रीय ऋण का मुद्रीकरण कर सकती है, जिससे धन की आपूर्ति बढ़ती है।
- परिसंपत्ति मुद्रीकरण की आवश्यकता: इससे सरकारों और सार्वजनिक संस्थाओं के लिये नए राजस्व स्रोत के क्रम में अल्प उपयोगिता या अप्रयुक्त सार्वजनिक परिसंपत्तियों से लाभ मिलता है।
- इसका उद्देश्य इन परिसंपत्तियों की पहचान करना और उन्हें बेचे बिना वित्तीय लाभ अर्जित करना है।
- सार्वजनिक परिसंपत्तियों को महत्त्व: जिन सार्वजनिक परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण किया जा सकता है, उनमें सार्वजनिक निकायों के स्वामित्व वाली संपत्तियां शामिल हैं जैसे सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे, पाइपलाइन और मोबाइल टावर जैसी बुनियादी संरचनाएँ।
- इसका बल ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियों पर है जो मौजूदा परिसंपत्तियाँ हैं जिनमें सुधार किया जा सकता है या जिनका बेहतर उपयोग किया जा सकता है।
- ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियों का आशय ऐसी परिसंपत्तियों से है जिन्हें कोई निजी कंपनी या निवेशक नई उत्पादन गतिविधि के लिये किसी मौजूदा बुनियादी ढाँचा परियोजना या उत्पादन सुविधा को खरीदता है या पट्टे पर लेता है।
- मुद्रीकरण बनाम निजीकरण: निजीकरण का आशय निजी क्षेत्र को स्वामित्व का पूर्ण हस्तांतरण करना है जबकि परिसंपत्ति मुद्रीकरण में निजी संस्थाओं के साथ संरचित साझेदारी शामिल है, जिससे सार्वजनिक प्राधिकरणों को निजी क्षेत्र की दक्षता एवं निवेश से लाभान्वित होते हुए स्वामित्व बनाए रखने की अनुमति मिलती है।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) क्या है?
- NMP: NMP, संचालित सार्वजनिक अवसंरचना परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के माध्यम से सतत् अवसंरचना वित्तपोषण को बढ़ावा देने की एक प्रमुख पहल है।
- इसमें केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं की प्रमुख परिसंपत्तियों को पट्टे पर देकर 6 लाख करोड़ रुपए की कुल मुद्रीकरण क्षमता की परिकल्पना की गई है।
- NMP की तैयारी: नीति आयोग द्वारा बुनियादी अवसंरचना मंत्रालयों के परामर्श से इसकी तैयारी की गई है।
- इसमें सड़क, परिवहन, राजमार्ग, रेलवे, विद्युत, नागरिक उड्डयन, दूरसंचार आदि मंत्रालय शामिल हैं।
- NMP का लक्ष्य ब्राउनफील्ड अवसंरचना परिसंपत्तियों पर है, जिससे सार्वजनिक परिसंपत्ति स्वामियों को रोडमैप मिलने के साथ निजी क्षेत्र को मुद्रीकरण अवसरों का लाभ मिलता है।
- शामिल क्षेत्र और परिसंपत्ति वर्ग: NMP के तहत सड़क, बंदरगाह, हवाई अड्डे, रेलवे, गैस और उत्पाद पाइपलाइनों, विद्युत उत्पादन के साथ ट्रांसमिशन, खनन, दूरसंचार, भंडारण आदि सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
- इसके शीर्ष 5 क्षेत्रों में सड़क (कुल पाइपलाइन मूल्य का 27%), रेलवे (25%), विद्युत (15%), तेल और गैस पाइपलाइन (8%) तथा दूरसंचार (6%) शामिल हैं।
- मुद्रीकरण ढाँचा: मुख्य परिसंपत्ति के मुद्रीकरण ढाँचे के संदर्भ में तीन प्रमुख अधिदेश हैं।
- 'स्वामित्व' नहीं बल्कि 'अधिकारों' का मुद्रीकरण: सरकार परिसंपत्तियों का प्राथमिक स्वामित्व अपने पास रखेगी और लेनदेन अवधि समाप्त होने के बाद परिसंपत्तियाँ सार्वजनिक प्राधिकरण को वापस हो जाएंगी।
- स्थिर राजस्व: इसमें स्थिर राजस्व वाली जोखिम मुक्त ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियों का चयन करना शामिल है।
- परिभाषित साझेदारी: इसमें प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPI) और प्रदर्शन मानक को ध्यान में रखते हुए संरचित साझेदारियों को सुपरिभाषित संविदात्मक ढाँचे के अंतर्गत स्थापित किया जाना शामिल है।
- NIP के साथ संरेखण: NMP को राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) के साथ संरेखित किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि मुद्रीकरण अवधि NIP के साथ समाप्त हो, जो वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक चलने वाली थी।
- NMP का उद्देश्य 111 ट्रिलियन रुपए की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में पूंजी का पुनर्निवेश करना है।
- NIP का उद्देश्य सभी आर्थिक और सामाजिक अवसंरचना उप-क्षेत्रों में प्रमुख ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करना है।
- मुद्रीकरण के लिये साधन: NMP परिसंपत्ति मुद्रीकरण के लिये विभिन्न प्रकार के साधनों का उपयोग करेगा, जिसमें शामिल हैं:
- प्रत्यक्ष अनुबंधों के लिये सार्वजनिक-निज़ी भागीदारी (PPP) संबंधी रियायतें।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (इन्विट्स) और अन्य पूंजी बाज़ार संबंधी साधन।
- इनविट्स, बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों से धन का प्रत्यक्ष निवेश करने में सक्षम बनाता है, जिससे आय का एक हिस्सा प्रतिफल के रूप में अर्जित किया जा सके।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की वर्तमान स्थिति क्या है?
- राजस्व सृजन: NMP ने पहले तीन वर्षों (वित्त वर्ष 24 तक) में 3.9 ट्रिलियन रुपए का राजस्व अर्जित किया है, जो इसके अधिकांश समायोजित लक्ष्यों को प्राप्त करता है। इस अवधि के लिये मूल लक्ष्य 4.3 ट्रिलियन रुपए था।
- सफल मुद्रीकरण: कोयला मंत्रालय ने 80,000 करोड़ रुपए के अपने चार वर्षीय लक्ष्य के सामने 1.54 ट्रिलियन रुपए एकत्रित किये हैं, जो उम्मीदों से कहीं अधिक है।
- इसके अतिरिक्त, खदानों का मुद्रीकरण 32,000 करोड़ रुपए तक किया गया है, जो 7,300 करोड़ रुपए के संशोधित लक्ष्य से अधिक है।
- पिछड़े क्षेत्र:
- रेलवे: प्रमुख क्षेत्र होने के बावज़ूद, रेल मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षों में केवल 20,417 करोड़ रुपए मूल्य की परिसंपत्तियों का ही मुद्रीकरण किया है, जो अपने संशोधित लक्ष्य का केवल 30% ही पूर्ण कर पाया है।
- वेयरहाउसिंग: लक्ष्य का 38% प्राप्त हुआ, जो 8,000 करोड़ रुपए है।
- नागरिक उड्डयन: काफी पीछे, लक्षित 2,600 करोड़ रुपए की परिसंपत्ति आधार का केवल 14% ही मुद्रीकृत हो पाया है।
NMP के समक्ष चुनौतियाँ क्या हैं?
- कम मुद्रीकरण क्षमता: NMP का लक्ष्य 6 लाख करोड़ रुपए के मुद्रीकरण का है, जो राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (111 लाख करोड़ रुपए) के तहत समग्र पूंजीगत व्यय का केवल 5-6% है।
- विनिवेश में कमी: विमुद्रीकरण के लिये चुने गए 13 क्षेत्र हाल के वर्षों में लगातार अपने विनिवेश लक्ष्य से भटक रहे हैं। इससे वास्तविक विमुद्रीकरण लक्ष्य हासिल करने पर संदेह उत्पन्न होता है।
- दीर्घकालिक अधिकार: मुद्रीकरण से निजी अभिकर्त्ताओं को सार्वजनिक परिसंपत्तियों से संचालन और लाभ कमाने के लिये दीर्घकालिक अधिकार (60 वर्ष तक) मिल सकते हैं। इसे विभिन्न लोग निज़ीकरण के रूप में देख सकते हैं, जिससे सरकार के आशयों पर संदेह उत्पन्न होता है।
- बज़ट और आय का उपयोग: NMP में इस बात पर स्पष्टता का अभाव है कि मुद्रीकरण से प्राप्त आय को बज़ट में किस प्रकार शामिल किया जाएगा।
- इस संबंध में कोई विशिष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं कि क्या इन निधियों का उपयोग बुनियादी ढाँचे के वित्तपोषण के लिये किया जाएगा या वेतन या सब्सिडी जैसे राजस्व व्यय के लिये किया जाएगा।
- एकाधिकार: स्वामित्व के एकीकरण से एकाधिकार को बढ़ावा मिल सकता है, मूलतः राजमार्गों और रेलवे लाइनों के संदर्भ में। इससे मूल्यों में वृद्धि हो सकती है।
- करदाताओं का धन संबंधी मुद्दा: करदाता सार्वजनिक परिसंपत्तियों पर संभावित दोहरे शुल्क के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि उन्होंने पहले उनके निर्माण के लिये धन मुहैया कराया था और अब मुद्रीकरण के बाद निज़ी संस्थाओं को भुगतान के माध्यम से उनका उपयोग करने के लिये अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ रहा है।
आगे की राह
- अनुबंध-आधारित मुद्रीकरण में तेजी लाना: सरकार को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) रियायत समझौतों के माध्यम से अनुबंध-आधारित मुद्रीकरण में तेजी लाने को प्राथमिकता देनी चाहिये, विशेष रूप से रेलवे और हवाई अड्डों में, जहाँ निवेशकों की अधिक रुचि हो।
- भूमि मुद्रीकरण पहल को लागू करना: बहुमंजिला इमारतों के विकास में रियल एस्टेट और बुनियादी ढाँचा कंपनियों को शामिल करने से राजस्व उत्पन्न करने के साथ-साथ आवास संबंधी सुविधाओं में भी वृद्धि हो सकती है।
- स्पष्ट बज़ट दिशानिर्देश स्थापित करना: NMP को स्पष्ट दिशानिर्देश स्थापित करना चाहिये कि बज़ट में मुद्रीकरण आय को कैसे शामिल किया जाएगा, तथा यह निर्दिष्ट करना चाहिये कि क्या धनराशि बुनियादी ढाँचे के विकास या परिचालन व्यय के लिये आवंटित की जाएगी।
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) के उद्देश्यों की जाँच कीजिये। NMP आर्थिक विकास के लिये सार्वजनिक परिसंपत्तियों का लाभ उठाने की योजना कैसे बनाता है? |
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