प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना | 13 Jan 2024

प्रिलिम्स के लिये:

प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना, केंद्र प्रायोजित योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना, अनुसूचित जाति

मेन्स के लिये:

अनुसूचित जनजातियों के लिये कल्याण योजनाएँ, अनुसूचित जनजातियों के लिये सुरक्षा उपाय, सरकारी पहल

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने प्रधान मंत्री अनुसुचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) पर प्रकाश डाला, जो प्रधान मंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY), अनुसूचित जाति उपयोजना के लिये विशेष केंद्रीय सहायता (SCA से SCSP) ,और बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना (BJRCY) सहित तीन केंद्र प्रायोजित योजनाओं को मिलाकर एक व्यापक योजना है। 

  • वित्तीय वर्ष 2021-22 में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य कौशल विकास, आय-सृजन योजनाओं और विभिन्न पहलों के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करके अनुसूचित जाति समुदायों का उत्थान करना है।

PM-AJAY की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • उद्देश्य:
    • कौशल विकास, आय-सृजन योजनाओं और अन्य पहलों के माध्यम से अतिरिक्त रोज़गार के अवसर पैदा करके अनुसूचित जाति समुदायों में गरीबी को कम करना।
    • भारत के आकांक्षी ज़िलों/अनुसूचित जाति बहुल ब्लॉकों और अन्य जगहों पर गुणवत्तापूर्ण संस्थानों में पर्याप्त आवासीय सुविधाएँ प्रदान करके साक्षरता बढ़ाना तथा स्कूलों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति के नामांकन को प्रोत्साहित करना।
  • PM-AJAY के घटक:
    • अनुसूचित जाति बहुल ग्रामों का "आदर्शग्राम" के रूप में विकास:
      • इस घटक को पहले प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) के नाम से जाना जाता था।
      • इस घटक का उद्देश्य अनुसूचित जाति-बहुल ग्रामों का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है।
        • सामाजिक-आर्थिक विकास आवश्यकताओं के लिये पर्याप्त बुनियादी ढाँचा प्रदान करना।
        • चिह्नित सामाजिक-आर्थिक संकेतकों (निगरानी योग्य संकेतक) में लक्ष्य सुधार।
          • निगरानी योग्य संकेतक 10 डोमेन में वितरित किये गए हैं। इन डोमेन में पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, ऊर्जा व स्वच्छ ईंधन, कृषि पद्धतियाँ, वित्तीय समावेशन, डिजिटलीकरण और आजीविका एवं कौशल विकास जैसे महत्त्वपूर्ण पहलू शामिल हैं।
        • अनुसूचित जाति और गैर-अनुसूचित जाति आबादी के बीच असमानता को समाप्त करना।
        • सभी अनुसूचित जाति के बच्चों के लिये कम-से-कम माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा पूरी करना सुनिश्चित करना।
        • मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को बढ़ाने वाले कारकों का पता लगाना।
        • विशेषकर बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की घटनाओं को समाप्त करना।
      • उपलब्धियाँ:
        • आदर्श ग्राम घटक के तहत, वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 1834 गाँवों को आदर्श ग्राम घोषित किया गया है।
    • ज़िला/राज्य-स्तरीय परियोजनाओं के लिये 'सहायता अनुदान':
      • इस घटक को पूर्व में अनुसूचित जाति उपयोजना के लिये विशेष केंद्रीय सहायता के रूप में जाना जाता था।
      • इस योजना का लक्ष्य निम्नलिखित प्रकार की परियोजनाओं के लिये अनुदान के माध्यम से अनुसूचित जाति का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है:
        • व्यापक आजीविका परियोजनाएँ:
          • ऐसी परियोजनाएँ जो अनुसूचित जाति के लिये स्थायी आय उत्पन्न करने अथवा सामाजिक उन्नति के लिये एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करती हैं, उन्हें ही शुरू किया जाएगा।
          • ये परियोजनाएँ अधिमानतः निम्नलिखित में से दो या अधिक का संयोजन होनी चाहिये:
          • कौशल विकास:
            • कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के मानदंडों के अनुसार कौशल पाठ्यक्रम तैयार करना। सरकार द्वारा संचालित कौशल विकास गतिविधियों के संचालन के लिये संबंधित सुविधाएँ तथा बुनियादी ढाँचा प्रदान करना। इसके अंतर्गत कौशल विकास संस्थानों को भी वित्त पोषित किया जा सकता है।
          • लाभार्थियों/परिवारों के लिये परिसंपत्तियों के निर्माण/अधिग्रहण हेतु अनुदान: 
            • योजना के अंतर्गत एकल व्यक्तिगत परिसंपत्ति वितरण होगा। हालाँकि, यदि परियोजना में लाभार्थियों/परिवारों के लिये आजीविका सृजन के लिये आवश्यक परिसंपत्तियों के अधिग्रहण/निर्माण का प्रावधान है तो ऐसी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण/निर्माण के लिये लाभार्थी द्वारा लिये गए ऋण के लिये वित्तीय सहायता, प्रति लाभार्थी/घर 50,000 रुपए अथवा परिसंपत्ति लागत का 50 प्रतिशत तक जो भी कम हो, तक होगी।
          •  बुनियादी ढाँचे का विकास:
            • परियोजना से संबंधित बुनियादी ढाँचे तथा छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों का विकास किया जाएगा।
        • विशेष प्रावधान:
          • अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिये कुल अनुदान का 15 प्रतिशत तक विशेष रूप से व्यवहार्य आय उत्पन्न करने वाली आर्थिक विकास योजनाएँ/कार्यक्रम के संचालन का प्रावधान।
          • बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये कुल अनुदान का 30 प्रतिशत तक उपयोग किया जाएगा। 
          • जो कौशल विकास के लिये कुल निधि का कम-से-कम 10 प्रतिशत हो।
          • कौशल विकास के लिये कुल निधि का कम-से-कम 10% उपयोग किया जाएगा। 
          • उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन तथा विपणन में लगी अनुसूचित जाति महिला सहकारी समितियों को बढ़ावा देना।
      • उपलब्धियाँ:
        • वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान अनुदान सहायता घटक के तहत 17 राज्यों के लिये परिप्रेक्ष्य योजना को मंज़ूरी दी गई है।
    • उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रावासों का निर्माण:
      • यह अनुसूचित जाति के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और स्कूल छोड़ने की दर को कम करने में सक्षम तथा प्रोत्साहित करता है, इसे राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों एवं केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
        • छात्रावासों के निर्माण/विस्तार के लिये लागत मानदंड निम्नानुसार होंगे:
          • उत्तर पूर्वी क्षेत्र: प्रति कैदी 3.50 लाख रुपए।
          • उत्तरी हिमालयी क्षेत्र: प्रति कैदी 3.25 लाख रुपए।
          • गंगा के मैदान और निचले हिमालयी क्षेत्र: प्रति कैदी 3.00 लाख रुपए।
        • लड़कों के छात्रावासों के लिये भी 100% केंद्रीय सहायता - पहले यह राज्य के साथ लागत साझा करती थी।
      • सफलता:
        • वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 15 नए छात्रावासों को मंज़ूरी दी गई है।

  सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न1. वर्ष 2001 में आर.जी.आई. ने कहा कि दलित जो इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए हैं, वे एक भी जातीय समूह नहीं हैं क्योंकि वे विभिन्न जाति समूहों से संबंधित हैं। इसलिये उन्हें अनुच्छेद 341 के खंड (2) के अनुसार अनुसूचित जाति (SC) की सूची में शामिल नहीं किया जा सकता है, जिसमें शामिल करने हेतु एकल जातीय समूह की आवश्यकता होती है। (2014)

प्रश्न2. क्या राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) धार्मिक अल्पसंख्यक संस्थानों में अनुसूचित जातियों के लिये संवैधानिक आरक्षण के क्रियान्वयन का प्रवर्तन करा सकता है? परीक्षण कीजिये। (2018)