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सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग वर्षांत समीक्षा 2022

  • 27 Dec 2022
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा की गई पहल

मेन्स के लिये:

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की वर्षांत समीक्षा, विभाग की पहल और उपलब्धियाँ

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में वर्ष 2022 के लिये सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की वर्षांत समीक्षा जारी की गई।

विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ:

  • आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (EWS) के लिये आरक्षण:
  • नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA):
    • NMBA को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 में लॉन्च किया गया था और पहले व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों एवं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) से प्राप्त इनपुट के आधार पर 372 सबसे कमज़ोर ज़िलों में लागू किया गया है।
    • इसका उद्देश्य जनता तक पहुँच और उच्च शैक्षणिक संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों तथा स्कूलों पर ध्यान केंद्रित करने, आश्रित आबादी तक पहुँचने एवं पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ मादक द्रव्यों के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना है।
    • उपलब्धियाँ:
      • 3 करोड़ से अधिक युवाओं और 2 करोड़ से अधिक महिलाओं सहित 9.3 करोड़ लोगों को मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में जागरूक किया गया है।
      • NCC युवाओं तथा अन्य हितधारकों के साथ जुड़ने एवं उन्हें शामिल करने के लिये 'नशे से आज़ादी- एक राष्ट्रीय युवा और छात्र संवाद' कार्यक्रम  'नया भारत, नशा मुक्त भारत', ‘NMBA द्वारा NCC के साथ संवाद' जैसे कार्यक्रमों का नियमित आयोजन किया जाता है।
      • नशीली दवाओं की मांग में कमी हेतु राष्ट्रीय कार्ययोजना (NAPDDR) एक ऐसी योजना है जिसके तहत राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। 
      • यह केंद्र और राज्य सरकारों एवं गैर-सरकारी संगठनों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से नशा मुक्ति निवारक शिक्षा, जागरूकता पैदा करने, नशीली दवाओं पर निर्भर व्यक्तियों की पहचान करने, परामर्श, उपचार और पुनर्वास व सेवा प्रदाताओं के प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण पर केंद्रित है।
  • अनुसूचित जाति के लिये प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति: 
    • राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना: 
      • सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (DoSJE) अनुसूचित जातियों, विमुक्त घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन खेतिहर मज़दूरों तथा पारंपरिक कारीगर श्रेणी से संबंधित कम आय वाले छात्रों को विदेश में अध्ययन करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है।
      • यह योजना चयनित उम्मीदवारों को विदेशों में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम और अध्ययन के किसी भी क्षेत्र में वहाँ की सरकार अथवा उस देश के एक अधिकृत निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों/विश्वविद्यालयों में पीएचडी करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करती है। 
      • वर्ष 2021-22 से NOS के तहत सीटों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है।
    • अनुसूचित जाति के छात्रों के लिये राष्ट्रीय फैलोशिप (NFSC): 
      • योजना का उद्देश्य अनुसूचित जातियों के छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों/संस्थाओं/कॉलेजों में विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान विषयों में एमफिल, पीएचडी जैसे  उच्च अध्ययन प्राप्त करने हेतु वित्तीय सहायता के रूप में फैलोशिप प्रदान करना है।
  • प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM AJAY): 
    • इसे तीन पूर्ववर्ती योजनाओं के विलय के बाद तैयार किया गया है, ये हैं: 
      • प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY)
      • अनुसूचित जाति उपयोजना के लिये विशेष केंद्रीय सहायता (SCA से SCSP)
      • बाबू जगजीवन राम छात्रवास योजना (BJRCY)
    • विकास: 
      • अनुदान सहायता घटक (पूर्ववर्ती SCA से SCSP):  
        • लाभार्थी/परिवार के लिये वित्तीय सहायता को 10,000/- रुपए से बढ़ाकर 50,000/- रुपए कर दिया गया, जो परिसंपत्ति लागत का 50 प्रतिशत है।
        • इसके लिये एक वेब आधारित पोर्टल का विकास किया गया है जिसका कार्य वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत करना, मूल्यांकन, अनुमोदन और निगरानी करना है।
  • राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त और विकास निगम (NBCFDC): 
    • NBCFDC को 1992 में कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 (अब कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8) के तहत एक कंपनी के रूप में शामिल किया गया था जिसका उद्देश्य  अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लाभ के लिये आर्थिक और विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने था|
    • उपलब्धियाँ:
      • वर्ष 2022 (जनवरी-नवंबर 2022) के दौरान NBCFDC ने 1.2 लाख से अधिक लाभार्थियों को 418 करोड़ रूपए आवंटित किये गए|
  • डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (DAF): 
    • DAF ने सिविल सेवा परीक्षा (CSE) हेतु अनुसूचित जाति के छात्रों की कोचिंग के लिये एक नई योजना डॉ. अंबेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (DACE) शुरू की है, जिसे पूरे देश के 30 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लागू किया गया है।
    • डॉ. अंबेडकर चिकित्सा योजना को 173 लाभार्थियों के साथ सफलतापूर्वक लागू किया गया।
    • अंतर्जातीय विवाहों के माध्यम से सामाजिक एकता के लिये डॉ. अंबेडकर योजना से 218 लाभार्थी लाभान्वित हुए। 
  • लक्षित क्षेत्रों के हाईस्‍कूल में पढ़ने वाले छात्रों के लिये आवासीय शिक्षा की योजना “श्रेष्ठ”: 
    • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय "अनुसूचित जातियों के लिये काम करने वाले स्वैच्छिक एवं अन्य संगठनों हेतु सहायता अनुदान" की केंद्रीय क्षेत्र योजना को लागू करता है, जिसके तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा क्षेत्र से संबंधित गैर-सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
    • क्योंकि (SHRESHTA) मोड- I के तहत एक नया घटक योजना में जोड़ा गया है, जिसके तहत हर साल देश में एक निर्दिष्ट संख्या में मेधावी अनुसूचित जाति के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा के लिये राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित एक राष्ट्रव्यापी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से उच्च श्रेणी के आवासीय हाईस्कूलों हेतु चुना जाएगा। 
  • प्रधानमंत्री दक्षता और कुशल संपन्न हितग्राही (पीएम दक्ष/PM DAKSH) योजना: 
    • पीएम दक्ष योजना के तहत SJE विभाग के अंतर्गत निगमों (NSFDC, NBCFDC और NSKFDC) के माध्यम से SC, OBCs, EBCs, DNTs, कचरा बीनने वालों, सफाई कर्मचारियों सहित वंचित व्यक्तियों को कौशल प्रदान किया जाता है।
    • इसके तहत NSFDC का लक्ष्य वर्ष 2022-23 के दौरान 20,600 लोगों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है।
    • उपलब्धियाँ:
      • वर्ष 2022 के दौरान NBCFDC ने 19553 प्रशिक्षुओं के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मंज़ूरी दी है।
  • यंत्रीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिये राष्ट्रीय कार्रवाई (National Action for Mechanised Sanitation Ecosystem- NAMASTE): 
    • नमस्ते/NAMASTE की उपलब्धियाँ: 
      • विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत 3944 मैला ढोने वालों/आश्रितों को शामिल करना।
      • RPL/अपस्किलिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 8396 सफाई कर्मचारियों को शामिल किया गया।
      • सामान्य स्वरोज़गार कार्यक्रम के लिये 445 मैला ढोने वालों/आश्रितों को 8.17 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई।
  • ट्रांसजेंडर: 
    • आयुष्मान भारत योजना के साथ अभिसरण में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को व्यापक चिकित्सा पैकेज प्रदान करने के लिये वर्ष 2022 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
    • इस व्यापक पैकेज में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिये संक्रमण संबंधी स्वास्थ्य देखभाल के सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। यह हार्मोन थेरेपी, जेंडर रीअसाइनमेंट सर्जरी के लिये कवरेज भी प्रदान करेगा (संपूर्ण नहीं), जिसमें ऑपरेशन के बाद की औपचारिकताएँ शामिल हैं, इसमें सभी निजी और सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है।  

स्रोत: पी.आई.बी.

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